हरियाणा : पुराने सूरमाओं के हारने पर बदले समीकरण, इन नए नेताओं को मिल सकता है मंत्री पद

इस बार मनोहर सरकार के मंत्रीमंडल पर सबकी नजर है। पिछले कार्यकाल के 8 मंत्रियों के चुनाव हारने के बाद स्थिति काफी बदल गई है। गठबंधन से तैयार मनोहर लाल की इस नई सरकार में नए चेहरों की किस्मत खुलने वाली है।;

Update: 2019-10-27 04:25 GMT

हरियाणा में विधानसभा चुनाव (Haryana Assembly Election 2019) के बाद अब सबकी नजर मंत्रीमंडल के गठन पर है। नई सरकार के दिपावली पर शपथ ग्रहण के दौरान कई नेताओं को मंत्री भी बनाया जा सकता है। पिछले कार्यकाल के 8 मंत्रियों के चुनाव हारने के बाद नए विधायकों को मंत्री बनने का मौका मिलेगा। गठबंधन से तैयार मनोहर लाल की सरकार में नए चेहरों की किस्मत खुलेगी। इसके लिए भाजपा के विधायकों के साथ जजपा के विधायक भी कतार में हैं। गठबंधन की सरकार में ये विधायक मंत्री बन सकते हैं।

अनिल विज (Anil Vij)

अंबाला छावनी विधानसभा सीट से लगातार 6 बार चुनाव जीतते आ रहे अनिल विज का मंत्री बनना तय है। मनोहर सरकार में अनिल विज और बनवारी लाल ही ऐसे मंत्री रहे जो दोबारा चुनाव जीतने में सफल रहे। अनिल विज के काम करने का अंदाज अलग है इसलिए वह सरकार के साथ कदमताल करके चल नहीं पाते। हालांकि पिछले कुछ समय से वह सरकार के साथ चलने में सफल रहे हैं। इसबार उन्हें कोई बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है।

नैना चौटाला

दुष्यंत चौटाला की मां नैना चौटाला भी मंत्री पद की बड़ी दावेदार हैं। उन्हें कोई महत्वपूर्ण पद दिया जा सकता है। मनोहर सरकार के पहले कार्यकाल में वित्तमंत्री रहे कैप्टन अभिमन्यु के चुनाव हारने के बाद इस पद को किसी अनुभवी नेता को सौंपा जा सकता है। ऐसे में नैना चौटाला का भी नाम आगे आ रहा है। हालांकि अनुभव भाजपा के घनश्याम सर्राफ के पास भी है। लेकिन पिछली सरकार में उन्हें मंत्रीपद देकर भी नकार दिया गया था। उससे साफ है कि ये पद उनके अनुभव के आधार पर तो उन्हें नहीं मिलने वाला है।

संदीप सिंह

भाजपा ने इस बार कई खिलाड़ियों पर दांव लगाया था। लेकिन जीत की बाजी हॉकी खिलाड़ी संदीप सिंह के हाथ ही लगी। प्रदेश का खेल मंत्रालय इसबार संदीप सिंह को सौंपा जा सकता है। अनिल विज को पिछले कार्यकाल में ये पद खेल और स्वास्थ्य विभाग में अनुभव के चलते मिला था। अगर इसी को आधार बनाकर फिर से फैसला लिया गया तो संदीप सिंह को खेल मंत्रालय मिल सकता है।

कंवर पाल गुर्जर

कंवर पाल गुर्जर भी मंत्रीपद के लिए प्रबल दावेदार हैं। पिछले कार्यकाल में उन्हें मंत्री न बनाकर पार्टी ने विधानसभा का अध्यक्ष बना दिया था। लेकिन इसबार वह चुनाव जीतकर इस रेस में खुद को आगे कर दिया है। पार्टी यमुनानगर का प्रतिनिधित्व देने के लिए भी उन्हें मंत्री बना सकती है। भाजपा के लिए यमुनानगर हमेशा से कमजोर कड़ी रहा है। जिले के लोगों को साधने के लिए हो सकता है उन्हें मंत्री बना दिया जाए।

रामकुमार कश्यप

पिछड़ा वर्ग से आने वाले इंद्री विधानसभा चुनाव जीते रामकुमार कश्यप को मंत्री पद दिया जा सकता है। इनेलो से राज्यसभा सांसद रह चुके कश्यप पिछली सरकार में ही पार्टी में शामिल हुए। पिछड़ा वर्ग से आने के कारण उन्हें मंत्री पद से नवाजा जा सकता है। इसी बहाने इंद्री का प्रतिनिधित्व भी उन्हें सौपा जा सकता है।

जाट चेहरों में इन्हें मिल सकता है मौका

भाजपा हरियाणा प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला, कैप्टन अभिमन्यु व ओम प्रकाश धनखड़ जैसे बड़े जाट नेताओं के हारने के बाद जाट प्रभावी राज्य में अब इस वर्ग से मंत्री खोजना सरकार के लिए काफी मुश्किल साबित हो रहा है। जिन 20 जाट नेताओं को टिकट दिया गया उसमें महिपाल ढांडा, जेपी दलाल, कमलेश ढांडा और प्रवीण डागर ही जीते हैं। ऐसे में उम्मीद की जा रही कि इन्हीं चार नामों में किसी को मंत्रीपद दिया जा सकता है।  

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