कोरोना वायरस राहत कोष में देने के लिए किसान के पास नहीं थे नगद रुपये, सरसो-गेंहू की ट्रोली दान कर कायम की मिशाल
महम निवासी किसान ने पहले सरसों और अब एक ट्राली गेहूं कोरोना राहत कोष में देकर मिशाल कायम की है। किसान धज्जाराम गोयत महम चौबीसी सर्वखाप पंचायत के प्रधान भी हैं। मार्किट कमेटी के सचिव दीपक सुहाग ने बताया कि किसान द्वारा पहले चार एकड़ की सरसों मुख्यमंत्री द्वारा बनाए गए कोरोना राहत कोष में दी थी, जिसकी कीमत लगभग 59 हजार 798 रुपये थी।;
महम निवासी किसान ने पहले सरसों और अब एक ट्राली गेहूं कोरोना राहत कोष में देकर मिशाल कायम की है। किसान धज्जाराम गोयत महम चौबीसी सर्वखाप पंचायत के प्रधान भी हैं। मार्किट कमेटी के सचिव दीपक सुहाग ने बताया कि किसान द्वारा पहले चार एकड़ की सरसों मुख्यमंत्री द्वारा बनाए गए कोरोना राहत कोष में दी थी, जिसकी कीमत लगभग 59 हजार 798 रुपये थी।
अब एक एकड़ की गेहूं दान में दी गई है। जिसकी कीमत 41 हजार के लगभग आंकी गई है। किसान ने गेहूं की कीमत का चेक सचिव को सौंप कर ये राशि जल्दी से जल्दी राहतकोष में जमा कराने की अपील करते हुए कहा कि इस संकट की घड़ी में प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा किसानों से अपने अनाज का कुछ हिस्सा दान करने की अपील की थी। जिससे प्रभावित होकर उन्होंने अनाज दान करने की योजना बनाई।
उन्होंने कहा कि जब देश पर संकट आता है तो देश का किसान, जवान व विज्ञान हमेशा देश को संकट से उबारते हैं। उन्होंने कोरोना वायरस को हराने के लिए सबको सोशल डिस्टेंस का नियम अपनाने की अपील करते हुए कहा कि हम सबको मिलकर देश व प्रदेश को संभालना है। ये हम सबकी नैतिक जिम्मेदारी बनती है।
इसलिए सबको ज्यादा से ज्यादा सहायता करनी चाहिए ताकि प्रदेश व देश की अर्थव्यवस्था वापिस पटरी पर आए तथा कोरोना महामारी के कारण परेशान होने वाले लोगों की पीड़ा समझी जा सके तथा सरकार उनकी ज्यादा से ज्यादा मदद कर सकें। इसके अलावा सरकार को राहत कार्यों पर खर्च करने में मदद मिल सके। इस अवसर पर राजू नंबरदार व काला बहलबा आदि मौजूद रहे।