Haryana Assembly Election 2019: बदलाव को भुनाने की तैयारी में BJP, विरोधियों को प्रदेश के विकास पर घेरेगी
भाजपा संगठन द्वारा एक माह की अवधि के दौरान जिस प्रकार से मुख्यमंत्री मनोहर लाल की हर विधानसभा में विकास पर फोकस होने तथा सरकारी तंत्र की कमजोरियों पर वार करते हुए व्यवस्था को पटरी पर लाने से आए बदलाव को भुनाने के लिए बडे राजनीतिक हथियार के तौर पर इस्तेमाल किया गया है।;
हरियाणा में पूर्ण बहुमत की सरकार के पांच वर्ष के कार्यकाल के बाद भारतीय जनता पार्टी प्रो एंकबेंसी पर सवार होकर जनता जर्नादन के मध्य जा रही है। एक ओर कांग्रेस, इनेलो, जजपा अपनी अंदरूनी कलह को छिपाकर सरकार को घेरने की कोशिश कर रहे हैं, वहीं भाजपा शुरू से ही आक्रामक तरीके से संगठनात्मक मजबूती और जनता-जर्नादन के मध्य ग्रामीण-शहरी इलाके से लेकर हर वर्ग में बदलाव के लिए उठाए कदमों को भुनाने की कोशिश में जुट गई है।
राजनीतिक गलियारे में जहां आचार संहिता लगने को लेकर गहमागहमी बनी हुई है, वहीं दूसरी ओर राजनीतिक दल अक्टूबर विधानसभा चुनाव में खुद को अव्वल साबित करने के लिए तैयारी में जुटे हैं।
CM मनोहर लाल खट्टर की छवि में उछाल
हाल ही में जन आशीर्वाद यात्रा के बहाने 90 हलकों का मूड भांप चुके मुख्यमंत्री मनोहर लाल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा यात्रा के समापन पर रोहतक में पन्ना प्रमुखों की विजय संकल्प रैली में पीठ थपथपाने के बाद से गदगद हैं। बीते पांच साल के काम पर प्रधानमंत्री द्वारा लगाई गई मुहर से मुख्यमंत्री मनोहर लाल की छवि में जबरदस्त उछाल आया है।
भाजपा संगठन द्वारा एक माह की अवधि के दौरान जिस प्रकार से मुख्यमंत्री मनोहर लाल की हर विधानसभा में विकास पर फोकस होने तथा सरकारी तंत्र की कमजोरियों पर वार करते हुए व्यवस्था को पटरी पर लाने से आए बदलाव को भुनाने के लिए बडे राजनीतिक हथियार के तौर पर इस्तेमाल किया गया है।
गांवों में पढी-लिखी पंचायत, स्वछता सर्वेक्षण में अव्वल रहने, महाग्राम योजना में गांवों को दायरे में लाकर सीवरेज प्रबंध पुख्ता करने की तैयारी और शहरी-ग्रामीण विकास में समन्वयता लाने के लिए अंतर जिला परिषद का गठन पंचायती राज व्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में भाजपा सरकार की मंशा को जाहिर करता है।
वन टाइम पालिसी से आमजन पर बड़ा असर
इसी प्रकार शहरी व्यवस्था में दशकों पुरानी अडचनों को दूर करते हुए लीज, किरायाधारकों को मालिकाना हक दिलाने, 10 साल पुराने सेक्टरों के रखरखाव की जम्मिेदारी उठाना, अमरूत योजना के तहत 20 शहरों में पुरानी समस्याओं के जड से समाधान पर काम करना, प्रदेश में 680 अवैध कालोनियों को नियमित श्रेणी में लाते हुए उनमें मूलभूत सुविधाओं को जुटाने के लिए एक हजार करोड रूपए खर्च करने से लेकर शहरों में अवैध व्यवसायिक भवनों के लिए वन टाइम पालिसी से आमजन पर बडा असर पडा है।
इसी प्रकार किसान की आमदनी दुगनी करने के लिए योजनाएं, व्यापारी कल्याण, मजदूर-श्रमिक उत्थान, महिलाएं, युवा, उद्योग आदि पर भाजपा अब तक किए गए कामों को पूर्व सरकारों में रहे राजनीतिक दलों को घेरने से नहीं चूकेंगी।
विरोधियों को तुलनात्मक विकास पर घेरने की योजना
यही नहीं हर विधानसभा में हुए विकास का तुलनात्मक आंकडा भी भाजपा जनता के मध्य लेकर जाने की तैयारी में है, ताकि अपने पांच साल के कामों का बही-खाता खोलकर एक बार फिर से भाजपा सरकार बनाने की नींव डाले।
विधानसभा चुनाव से ठीक पहले जहां कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष बदलने से लेकर चुनाव प्रबंधन समिति में नेताओं को एडजस्ट करने में व्यस्त है, वहीं दूसरी ओर भाजपा एक के बाद एक संगठनात्मक कार्यक्रम करते हुए कार्यकर्ताओं में जोश भर रही है।
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