Haryana Assembly Election : मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा भाजपा मजबूती से चुनाव लड़ रही है लेकिन सामने कोई दूसरी पार्टी नहीं है

हरियाणा विधान सभा (Haryana Assembly Elections) चुनाव से ठीक पहले सीएम मनोहर लाल खट्टर ने हरिभूमि समूह के प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी से विशेष बातचीत की है। जिसमें भाजपा के 75 सीटों से अधिक जीतने का दावा किया है।;

Update: 2019-10-20 10:53 GMT

हरियाणा विधानसभा चुनावों को लेकर मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा है कि भाजपा मजबूती के साथ में लड़ रही है। पार्टी के सभी नेता एकजुट होकर चुनाव प्रचार कर रहे हैं। लेकिन भाजपा के सामने कोई दल ही नहीं है जो ठीक से चुनाव लड़ रहा हो। कांग्रेस के भी बड़े नेता अपने-अपने क्षेत्रों में फंसे हुए हैं। पेश हैं मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से हरिभूमि समूह के प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी की बातचीत के प्रमुख अंश-:

प्र. जब आप जन आशीर्वाद यात्रा लेकर निकले थे तभी आपने नारा दिया था अबकी बार 75 पार, अब जबकि चुनाव प्रचार अंतिम चरण में है अब भी आप अपने दावे पर कायम हैं। या कोई संशोधन करना चाहते हैं।

उ. हम अपने निर्णय पर कायम हैं 75 तक तो है ही। हम 75 से आगे जनता पर छोड़ते हैं अब जनता को निर्णय लेना है 75 से भी आगे जा सकते हैं। ये तो 24 तारीख को जब रिजल्ट आएगा तभी पता चलेगा।

प्र. 75 पर का तो आपने संकल्प लिया था। अब जबकि आप तमाम विधान सभी क्षेत्रों में घूम चुके हैं लोगों से मिल रहे हैं। तो क्या ऐसा कारण है जिसकी वजह से आप आज भी अपने दावे पर कायम रह पा रहे हैं।

उ. सीधी बात है चुनावी मुकाबले जो होते हैं ये पार्टियों पर होते हैं एक दूसरे के मुकाबले होते है। भारतीय जनता पार्टी का एक विधिवत अभियान चल रहा है एक पार्टी की तरह हम मजबूती से लड़ रहे हैं। लेकिन सामने देखते हैं तो कोई पार्टी ही नहीं है। न कांग्रेस है न इनेलो है, न नई पार्टी जो जजपा है उसका भी कुछ नहीं है। हमारी पूरी पार्टी एकजुट है केंद्र से लेकर राज्य तक। प्रधानमंत्री से लेकर राष्ट्रीय अध्यक्ष तक सब पार्टी के लिए प्रदेश में लगातार रैलियां कर रहे हैं। जिनमें लोगों की भारी भीड़ देखने को मिल रही है। जनता का आशीर्वाद हमें मिल रहा है। मैंने स्वयं भी 70-75 रैलियां प्रदेश भर में की हैं। इन सब रैलियों में हजारों की संख्या में जो लोगों की भीड़ आती है। उसे देखकर मैं कह सकता हूं कि हमारे सामने कोई पार्टी नहीं है। हां कांग्रेस में जरूर कुछ पुराने नेता हैं लेकिन वह अपने अपने विधान सभा क्षेत्र में फंसे हुए हैं। उनका भी कोई नेता प्रदेश में नहीं घूम रहा है। इन सभी परिस्थितियों को देखते हुए मैं आश्वस्त हूं कि हमारे सामने प्रदेश में कोई भी नहीं है। भाजपा का माहौल बना हुआ है।

प्र. विपक्षी जो नेता हैं उनका तो आरोप है कि मनोहर लाल खट्टर की सरकार ने हरियाणा को पांच साल में तबाह करके रख दिया है। इन आरोपों के बीच पार्टी मनोहर लाल खट्टर को लेकर 75 पार की उम्मीद कर रही है।

उ. हमने पांच साल में क्या किया है जनता उसको देख रही है और जनता हमारे साथ आ रही है। जिन घटनाओं की ओर आप संकेत कर रहे हैं वह पिछली सरकारों की देन है। हमने बहुत सी समस्याओं का हल भी निकाला है। लॉ आर्डर को मेनटेन करना हमारी जिम्मेदारी है और कोई उसको बिगाड़ने की कोशिश करता है तो उसके खिलाफ एक्शन भी लिया जाएगा। इसमें कोई कोताही नहीं बरती जाएगी। आज प्रदेश में शांति कायम है हर वर्ग और हर जाति का व्यक्ति आज कहता है अगर कोई शासन को ढ़ग से चला सकता है तो वह है भारतीय जनता पार्टी। अगर कोई परेशानी है तो हमने उनके हल निकाले हैं। इसके अलावा अगर कोई मामला कोर्ट से आता है तो हम उस पर कुछ कर नहीं सकते। उसमें हमारी कोई दखलअंदाजी भी नहीं है।

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प्र. 2014 का चुनाव भी हमने देखा। उस समय भारतीय जनता पार्टी ने सामूहिक नेतृत्व में चुनाव लड़ा था। उसमें नरेंद्र मोदी का नाम था भारतीय जनता पार्टी का काम था। पर कोई एक नेता नहीं था जिसके नाम पर चुनाव लड़ा गया हो प्रदेश स्तर पर। लेकिन इस बार का चुनाव न केवल भारतीय जनता पार्टी का बल्कि अन्य पार्टियों का भी मनोहर लाल खट्टर पर केंद्रित है कितना दबाव महसूस कर रहे हैं आप।

उ. नहीं कोई दबाव नहीं है। जब भी कोई दायित्व मिलता है तो मैं उसे निभाता हूं व्यवस्थित ढंग से। पिछली बार मुझपर विधान सभा चुनाव की जिम्मेदारी थी मेरे ऊपर मैने उसको निभाया। 400 से ज्यादा छोटी बड़ी जनसभाएं मैंने की थी। इसबार मेरी भूमिका मुख्यमंत्री की है पार्टी जैसे भी चाहे मैं काम करने के लिए तैयार हुं। मैं करनाल के कार्यकर्ताओं इसका श्रेय देता हूं जिन्होंने खूब मेहनत की और मुझसे कहा करनाल में ज्यादा मेहनत करने की जरूरत नहीं है। जिससे मुझे पूरे प्रदेश में जनसभाएं करने का मौका मिला। इससे पहले भी जन आशीर्वाद यात्रा में मैं करीब 15 दिनों में सभी 90 विधान सभाओं में गया और 1200 कार्यक्रम किए और लगभग 20 लाख लोगों से संपर्क साधा।

प्र. 2014 और 2019 के मुद्दों में क्या परिवर्तन है?

उ.  पहले की समस्याएं थोड़ी अलग थी। जिन पर हमने पांच साल तक काम किया लेकिन अब हमें ये देखना है कि सुधार कैसे लागू किए जाएं। उस समय विषय थे बिजली, पानी , सड़क अब ये समस्याएं बहुत हद तक कम हो गई हैं। इन सब पर पांच साल में काम किया है। अब सुधारों का वक्त है और अगली सरकार में हमें शिक्षा, स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए काम करना है।

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