रैपिड सैंपल लेने पर अमल कर रहा हरियाणा

कोरोना से निपटने की खास तैयारी, व्यापक सैंपलिंग और पीएचसी औऱ सीएचसी, डिसपेंसरी में ओपीडी खोलने का आदेश भी जारी ।;

Update: 2020-04-10 14:19 GMT

योगेंद्र शर्मा। चंडीगढ़। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओऱ से कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए खास रणनीति पर अमल करने की तैयारी हो गई है। जिसके तहत केंद्र की रैंडम सैंपलिंग की मुहिम युद्ध स्तर पर शुरु कर दी गई है। आने वाली 14 अप्रैल तक 65 सौ सैंपल लिए जाने का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें लगभग तीन हजार सैंपल लिए गए हैं।

प्रदेश में कोरोना संक्रमण की इस चुनौती औऱ तबलीगी जमात के कारण बढ़े मरीजों की संख्या को लेकर स्वास्थ्य विभाग के एसीएस (अतिरक्ति मुख्य सचिव) राजीव अरोड़ा खुद अपने अफसरों के साथ पूरे हालात पर नजर रखे हुए हैं। खास बात यह है कि गुरुग्राम, नूंह और फरीदाबाद पलवल जैसे जिलों को अति संवेदनशील श्रेणी में रखा गया है। कुल मिलाकर जिन इलाकों में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या बेहद ज्यादा है, साथ ही संक्रमण का खतरा ज्यादा है, उन इलाकों में साढ़े चार सौ सैंपल प्रतिदिन के हिसाब से रैंडम लिए जाएंगे, साथ ही इसकी रिपोर्ट भी 20 से 30 मिनट के अंदर तैयार हो जाएगी।

इन जिलों के अलावा जहां पर मरीजों की संख्या व खतरा कम हैं, वहां पर भी 125 सैंपल रोजाना लिए जाने की मुहिम चल रही है। कुल मिलाकर साढ़े छह हजार सैंपल लेने का लक्ष्य 14 अप्रैल तक पूरा करने के साथ में काम किया जा रहा है। इसके लिए रैपिड डायगोनोस्टिक किट्स भी मंगाई जा रही हैं। एडवाइजरी के अनुसार जिन-जिन इलाकों में पंद्रह से ज्यादा मरीज होंगे, वहां-वहां उन इलाकों को हाट स्पाट घोषित कर दिए जाने की व्यवस्था है।

अहम बात यह है कि नई व्यवस्था में सैंपल लेने का एक खास प्रोटोकाल है। पीजीआई रोहतक से एक टीम का गठन किया गया है।  इस क्रम में  करनाल के कल्पना चावला मेडिकल कालेज में टैस्टिंग लैब की शुरुआत हुई है। इसी तरह से हिसार में शुरू होने जा रही है। पंचकूला में भी लैब की शुरुआत जल्द होगी। इसके अलावा कुछ निजी लैब के साथ में भी अनुबंध कर टैस्टिंग के लिए तैयारी की गई है।

अति संवेदनशील जिलों में 450 सैंपल, बाकी में 125

प्रदेश में कोरोना संक्रमण को लेकर लाक डाउन के दौरान भी तबलीगी इजतमा से लौटे जमातियों ने सारा खेल बिगाड़कर रख दिया है। नूंह, फरीदाबाद, गुरुग्राम, पानीपत जैसे जिले अति संवेदनशील जिलों में हैं। हाट स्पाट घोषित किए गए जिलों में हर रोज साढ़े चार सौ सैंपल लेने औऱ बाकी जिलों में 125 प्रतिदिन सैंपल लेने का फैसला केंद्रीय एडवाइजरी पर लिया गया है। निर्देशों के अनुसार 14 अप्रैल तक 65 सौ सैंपल लिए जाने का लक्ष्य रखा गया है। जबकि तीन हजार लगभग सैंपल अभी तक लिए जा चुके हैं। गुरुग्रा्म, नूंह पलवल फरीदाबाद अति संवेदनशील जिलों में रखे गए हैं, जिसमें साढ़े चार सौ सैंपल हर रोज लिए जाएंगे। जबकि बाकी जिलों में 125 सैंपल हर रोज लेने का फैसला लिया गया है। इसे रैंडल सैंपलिंग भी कहा जा सकता है, राज्य सरकार ने एक लाख किट मंगवा ली हैं, जिससे तुरंत ही परिणाम भी आ जाएगा। जिन जिन इलाकों में पंद्रह केस सामने आएंगे उन इलाकों को हाट स्पाट घोषित कर दिया जाएगा।

सोशल डस्टिेसिंग का पालन करते हुए ओपीडी करें शुरु

सूबे में सोशल डस्टिेसिंग का ध्यान रखते हुए पीएचसी, डिसपेंसरी औऱ सीएचसी में ओपीडी की शुरुआत करने का फैसला लिया गया है। बीती 17 मार्च से ओपीडी बंद चली आ रही हैं, जिससे कोरोना संक्रमण के अलावा बाकी मरीजों को अच्छी खासी तकलीफ भी उठानी पड़ रही है।

 हर चुनौती से निपटने के लिए तैयार: अनिल विज

प्रदेश के गृह और स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने पूछे जाने पर कहा कि प्रदेश में कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए हमारे तीनों विभाग स्वास्थ्य, पुलिस और नगर निकाय सभी कर्मचारी अधिकारी रात दिन काम कर रहे हैं। हमने खास तौर कोरोना से निपटने के लिए व्यापक तैयारी की है। प्रदेश के पास तमाम तरह के इंतजामात हैं, जहां- जहां पर जिस तरह के उपकरण व सामान की जरूरत है, उसे पूरा कर दिया गया है। शुरुआत दौर में दिक्कत आईं थीं लेकिन अब पल पल पैनी नजर रखी जा रही है। 

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