हुड्डा बोले सरकार की घोषणा के मुताबिक डिपो तक नहीं पहुंच रहा राशन

पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा हरे राशन कार्ड धारक गरीब को भी मिलना चाहिए अनाज। रोज सैकड़ों लोगों के संपर्क में आते हैं डिपो होल्डर्स, सबको मिलनी चाहिए सेफ्टी किट।;

Update: 2020-04-15 12:20 GMT

चंडीगढ़। पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा लगातार सरकार का ध्यान लॉकडाउन के दौरान आमजन को आ रही समस्याओं की तरफ खींच रहे हैं। अब उन्होंने डिपो होल्डर्स और उनके जरिए बंटने वाले राशन का मुद्दा उठाया है। उनका कहना है कि महामारी के इस दौर में सरकार का सहयोग करने के साथ उसका ध्यान उन गरीब और जरूरतमंद परिवारों की तरफ दिलाना जरूरी है, जो पूरी तरह से सरकारी मदद के सहारे हैं।

उन्होंने कहा कि लॉकडाउन को देखते हुए सरकार ने पीले और गुलाबी राशन कार्ड धारकों को डिपो होल्डर्स के जरिए दोगुना राशन देने का का वादा किया था। सरकार की तरफ से लिया गया ये अच्छा फैसला था। लेकिन डिपो होल्डर्स के पास दोगुना तो छोड़िए, पहले जितना देने लायक भी राशन नहीं पहुंच रहा है। इसलिए डिपो होल्डर्स के साथ हजारों गरीब परिवारों की मांग है कि सरकार उनके लिए जल्द पर्याप्त राशन का बंदोबस्त करे। जहां राशन बंट रहा, वहां कई जगह से उसकी गुणवत्ता को लेकर शिकायतें आ रही हैं। लोगों का कहना है कि उन्हें बिना डेट या एक्सपायरी डेट का आटा बांटा जा रहा है। ये सीधे तौर पर ग़रीबों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ है। सरकार को फ़ौरन ऐसी शिकायतों का संज्ञान लेकर प्रभावी कार्रवाई करनी चाहिए। 

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि डिपो होल्डर्स इस संकट में अपनी जान जोखिम में डालकर ग़रीबों को राशन बांट रह रहे हैं। क्योंकि उनके पास ना तो मास्क है, ना सेनेटाइज़र और ना ही सेफ्टी किट। एक डिपो होल्डर राशन वितरण के दौरान रोज़ सैकड़ों लोगों के संपर्क में आता है। इनके पास सेफ्टी किट का न होना, बहुत ही खतरनाक है। ऐसे में सरकार को फौरन डिपो होल्डर्स के पास सेफ्टी किट पहुंचवाकर इस बड़े ख़तरे को टालना चाहिए। उन्होंने सरकार से डिपो होल्डर्स के बकाया कमीशन के भुगतान की भी अपील की।

 हुड्डा ने आढ़तियों और सरकार के बीच चल रहे टकराव को देखते हुए सरकार से अपील की और कहा कि किसान और आढ़ती का रिश्ता सदियों पुराना है। सैकड़ों साल पहले से ही किसान और आढ़ती का आपस में लेन-देन होता रहा है। इस नाजुक समय में भी ये रिश्ता टूटना नहीं चाहिए। इसलिए सरकार से अपील है कि आढ़तियों के साथ सरकार का जो समझौता हुआ था उस पर वो कायम रहे। आज किसान अपनी फसल लेकर मंडी में पहुंच रहा है, इसलिए सरकार और आढ़ती, दोनों आपसी विवाद सुलझाकर पूरा ध्यान फसल ख़रीदने पर लगाएं। दोनों की कोशिश मंडियों में किसानों के लिए सुविधाएं जुटाने की होनी चाहिए। मौसम का कुछ पता नहीं, वो किसी भी समय करवट बदल लेता है। इसलिए सरकार से अपील है कि वो मंडी में तिरपाल और बारदाना का समुचित प्रबंध कराए। वक्त रहते इस पर ध्यान दिया गया तो फसल के भण्डारण में कोई दिक्कत नहीं आएगी और विपरीत परिस्थिति में भी अनाज खराब नहीं होगा।

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