किसान सभा ने जलायीं बजट की प्रतियां, किसान विरोधी बजट का आरोप

वित्त वर्ष के बजट में पूंजीपतियों को मुनाफा पहुंचाने और किसान, मजदूर को नुकसान पहुंचाने वाली नीतियां बनाई है। राष्ट्रव्यापी आह्वान पर गांव स्तर पर सभाएं की व बजट की प्रतियां जलायी गई हैं।;

Update: 2020-02-14 03:08 GMT

अखिल भारतीय किसान सभा ने बजट के जनविरोधी प्रावधानों के विरोध में बृहस्पतिवार को राष्ट्रव्यापी आह्वान पर गांव स्तर पर सभाएं की व बजट की प्रतियां जलाई । जिला महासचिव बलवान सिंह ने बताया कि अखिल भारतीय किसान सभा ने देश भर में बजट विरोधी प्रावधानों के खिलाफ विरोध स्वरूप केंद्रीय बजट की प्रतियां जला अपना रोष प्रकट किया।

गांव स्तर पर सभाओं को संबोधित करते हुए राज्य उपाध्यक्ष इंद्रजीत सिंह ने बताया की इस वित्त वर्ष के बजट में पूंजीपतियों को मुनाफा पहुचाने और किसान मजदूर को नुक्सान पहुचाने वाली नीतियां बनाई है जिससे आने वाले समय मे खेती करने वालों को भारी नुकसान उठाना पड़ेगा व संकटग्रस्त कृषि क्षेत्र और किसानों की दशा और ज्यादा बिगड़ेगी।

उपाध्यक्ष इंद्रजीत सिंह ने बताया कि कि खाद की सब्सिडी में 11% की कटौती कर दी गई। जिससे कि खाद और अधिक महंगी होगी। उर्वरक सब्सीडी में कटौती का सीधा परिणाम यह होगा कि उर्वरकों की कीमतें बढ़ जाएंगी और किसानों की आय घट जाएगी। खाद्य सुरक्षा की भी सब्सिडी घटा दी गई और भारतीय खाद्य निगम के आवंटन भी कम किए गए हैं।

जिससे सरकारी खरीद की प्रणाली कमजोर होनी निश्चित है सरकार धीरे धीरे खेती बाड़ी पर मिलने वाली सब्सिडी से अपने हाथ पीछे खींच रही है व कृषि का सारा खर्च किसानों पर डालना चाहती है । उन्होंने कहा कि बजट में ठेका कृषि से संबंधित प्रस्तावित कानून के जरिए ठेका कृषि व्यवस्थाओं को आगे बढ़ाया जाएगा और किसानों को बड़े बड़े बहुराष्ट्रीय खाद्य निगमों की दया पर छोड़ दिया जाएगा ।

जिला अध्यक्ष प्रीत सिंह ने कहा कि सरकार 2022 तक किसानों की आय दुगनी करने की जो दावे कर रही है। उसके उल्ट जो बजट उन्होंने पेश किया है। हाल के वर्षों का सबसे अधिक किसान विरोधी बजट है।अब सरकार परंपरागत खेती योजना के नाम से किसानों के साथ छल कर रही है। किसान सभा ने खरैंटी ,घरौठी,चांदी ,नौनंद, खरावड़ गांव में किसानों को एकजुट करके वहां बजट की प्रतियां जलाकर विरोध जताया।


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