Lok Sabha Election In Haryana 2019 : हरियाणा में वंशवाद लहरा रहा परचम, पूर्व मुख्यमंत्रियों के आठ पौत्र, प्रपौत्र और पुत्र आजमा रहे किस्मत

Lok Sabha Election In Haryana 2019 : दशकों से वंशवाद की राजनीति के लिए जाने जाने वाले हरियाणा में इस बार भी चार पूर्व मुख्यमंत्रियों के पोते, दो प्रपौत्र और बेटे चुनावी मैदान में किस्मत आजमा रहे हैं।;

Update: 2019-04-29 04:58 GMT

Lok Sabha Election In Haryana 2019 : दशकों से वंशवाद की राजनीति के लिए जाने जाने वाले हरियाणा में इस बार भी चार पूर्व मुख्यमंत्रियों के पोते, दो प्रपौत्र और बेटे चुनावी मैदान में किस्मत आजमा रहे हैं। जाट बहुल राज्य में चौटाला, बिश्नोई और हुड्डा सहित राजनीतिक परिवार के सदस्य हरियाणा के हर चुनाव में उतरते हैं। हालांकि, भजन लाल, चौधरी देवी लाल, ओम प्रकाश चौटाला और बंसी लाल के पौत्र कहते हैं कि वे अपने परिवारों की लोकप्रियता के दम पर नहीं बल्कि अपने क्षेत्रों में किये गये काम के आधार पर चुनाव लड़ रहे हैं। कांग्रेस ने जहां बंसीलाल की पौत्री श्रुति चौधरी को भिवानी-महेन्द्रगढ़ से मैदान में उतारा है।

वहीं भजनलाल के पौत्र और कुलदीप बिश्नोई के बेटे भव्य बिश्नोई हिसार से पार्टी के प्रत्याशी हैं। भिवानी-महेंद्रगढ़ सीट से पूर्व सांसद श्रुति चौधरी ने पीटीआई-भाषा से कहा कि राजनीतिक रूप से प्रभावशाली परिवार से आने का अपना लाभ होता है क्योंकि परिवार की साख होती है लेकिन आज मतदाताओं को हल्के में नहीं लिया जा सकता।

उन्हें हमारे किए काम में दिलचस्पी है परिवार में दिलचस्पी नहीं। श्रुति की मां किरण चौधरी भिवानी की तोसहम विधानसभा सीट से विधायक हैं। दूसरी तरफ, चौटाला के तीन प्रपौत्र इस बार मैदान में हैं। हालांकि, पिछले साल परिवार में विवाद के बाद ये सभी अब एक पार्टी के बैनर तले चुनाव नहीं लड़ रहे।

परिवार के सबसे बुजुर्ग सदस्य ओम प्रकाश चौटाला शिक्षक भर्ती घोटाले में जेल में हैं। उनके बेटे अजय चौटाला ने इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) से अलग होकर जननायक जनता पार्टी (जजपा) बनाई है। जाप ने राज्य में आम आदमी पार्टी के साथ गठजोड़ किया है।

अजय चौटाला के पुत्र दुष्यंत चौटाला और दिग्विजय चौटाला इस गठबंधन से क्रमश: हिसार और सोनीपत से चुनाव लड़ रहे हैं। चौटाला के दूसरे बेटे अभय चौटाला कुरुक्षेत्र से इनेलो उम्मीदवार हैं। केन्द्रीय मंत्री और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री राव बीरेन्द्र सिंह के बेटे राव इंद्रजीत सिंह गुड़गांव से मैदान में हैं।

गुड़गांव से सांसद सिंह 2014 के चुनाव में कांग्रेस से अलग होकर भाजपा में शामिल हो गये थे। हरियाणा के पूर्व विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप शर्मा अपने परिवार की विरासत को बचाने के लिए कांग्रेस के टिकट पर करनाल संसदीय सीट से मैदान में हैं। करनाल सीट पर उनके दिवंगत पिता चिरंजी लाल चार बार सांसद रहे थे।

इसके अलावा, हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा और उनके बेटे दोनों ही चुनावी मैदान में हैं। भूपेन्द्र सिंह हुड्डा जहां सोनीपत से किस्मत आजमा रहे हैं वहीं उनके बेटे दीपेन्द्र सिंह हुड्डा रोहतक से मैदान में हैं।

दीपेन्द्र हुड्डा ने पीटीआई-भाषा को बताया कि अगर लोग कई बार से हमारे लिए मतदान कर रहे हैं तो इसका मतलब है कि उन्हें हम पर विश्वास है और हमें विश्वसनीय मानते हैं। इससे क्या समस्या है?''

उन्होंने कहा कि हमें पारिवारिक विरासत को बनाकर रखना है लेकिन पूरे हरियाणा को पता है कि हमने राज्य में दशकों तक किस तरह का काम किया गया है। अगर एक परिवार की पीढ़ियां लोगों के काम के लिए समर्पित है तो क्या दिक्कत है?''

हरियाणा की दस लोकसभा सीटों रोहतक, सिरसा, सोनीपत, हिसार, गुड़गांव, फरीदाबाद, भिवानी-महेंद्रगढ़, कुरुक्षेत्र, करनाल और अंबाला में 10 मई को मतदान होना है।

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