Haryana: दस की दस सीटों पर हरियाणावासियों ने जपा नमो-नमो, मोदी के नाम की सुनामी में बह गए सियासी कुनबे

लोकसभा 2019 की सियासी जंग में हरियाणा की माटी से जुडे़ लोग भी देश के साथ में चले और दस की दस सीटों पर हरियाणावासियों ने नमो-नमो जपकर प्रचंड बहुमत से भाजपा का कमल खिला दिया। प्रदेश में भी देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जादू लोगों के सिर चढ़कर बोला और हरियाणा में विपक्षियों का सूपड़ा साफ कर दिया।;

Update: 2019-05-24 05:44 GMT

लोकसभा 2019 की सियासी जंग में हरियाणा की माटी से जुडे़ लोग भी देश के साथ में चले और दस की दस सीटों पर हरियाणावासियों ने नमो-नमो जपकर प्रचंड बहुमत से भाजपा का कमल खिला दिया। प्रदेश में भी देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जादू लोगों के सिर चढ़कर बोला और हरियाणा में विपक्षियों का सूपड़ा साफ कर दिया। लोगों ने देश के पीएम की अपील को सिर माथे पर लिया और कमल का बटन दबाकर सीधे ही मोदी को वोट किया।

वैसे, इस बार देश के पीएम नरेंद्र मोदी ने जहां खुद अपनी सभाओं में दस की दस सीटों पर कमल खिलाने की अपील मंच से की थी। वहीं, प्रधानमंत्री के आगमन से पहले और लोकसभा के चुनावों की तारीखों के एलान से ठीक पहले भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने भी हरियाणा में दौरा कर चिंतन मंथन किया था। राष्ट्रीय अध्य़क्ष अमित शाह दस की दस सीटों पर कमल खिलाने का लक्ष्य देकर गए थे।

अमित शाह ने खासतौर पर उन सीटों पर टार्गेट कर लिया था, जिन सीटों पर भाजपा को 2014 में फतेह नहीं मिली थी। उन सीटों में रोहतक सीट से जहां कांग्रेस के टिकट पर पूर्व सीएम भूपेंद्र हुडडा के बेटे दीपेंद्र हुडडा सांसद थे। वहीं, दूसरी हाट सीट हिसार की सीट थी। जहां पर 2014 में लोकदल की टिकट पर दुष्यंत चौटाला सांसद बने थे, तीसरी सीट सिरसा रिजर्व थी, जहां से इनेलो की टिकट पर चरणजीत सिंह रोड़ी ने चुनाव जीता था।

इस तरह से तीनों सीटें भाजपा के पास में नहीं थी। जबकि भाजपा के पास में सात सीटें थी। अमित शाह ने पार्टी संगठन पदाधिकारियों और नेताओं को इन सीटों पर फतेह का मंत्र दिया था। इस बार सूबे के लोगों ने देश के मतदाताओं की तर्ज पर प्रत्य़ाशी को नहीं बल्कि सीधे ही कमल के फूल व मोदी के नाम पर वोट दिया। यही कारण भी रहा, जहां पर किसी तरह का कोई विरोध भी था। उसको भी लोगों ने दरकिनार करते हुए मोदी को वोट किया। इस प्रचंड जीत के पीछ डबल एम फैक्टर रहा। मोदी और मैरिट।

दस की दस सीटों की बात करें, तो अंबाला सुरक्षित सीट से भाजपा के सांसद रतनलाल कटारिया को फतेह मिली है। सांसद रनतलाल कटारिया 3,40.760 वोटों लगभग के अंतर से जीते हैं। कटारिया ने गांधी परिवार की नजदीकी पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी सैलजा को पटखनी दी है। कुरुक्षेत्र सीट पर इस बार नायब सिंह सैनी (मनोहरलाल) सरकार में मंत्री श्रम एवं खनन मंत्री को जिताकर लोकसभा में एंट्री करवा दी है।

नायब सैनी ने भी कांग्रेसी प्रत्याशी व दिग्गज नेता निर्मल सिंह को 3,84,591 लगभग से पटखनी दी है। वैसे, इस सीट पर लोकदल की ओऱ से अभय सिंह चौटाला विधायक के पुत्र अर्जुन चौटाला भी भाग्य आजमाने उतरे थे। करनाल में सीएम के करीबी और पुराने संघ के स्वयं सेवक संजय भाटिया पहली बार भाग्य आजमाने उतरे, जिन्होंने कांग्रेस के विधायक और पूर्व स्पीकर रहे कुलदीप शर्मा को 6.54269 से पछाड़ते हुए पहली ही बार में रिकार्ड कायम कर लिया।

सोनीपत लोकसभा सीट भाजपा के सांसद रमेश चंद्र कौशिक ने भी विजय दर्ज की है। खास बात यह है कि हरियाणा में एक दशक तक सीएम रहे और एक दौर में ताऊ देवीलाल को चुनाव में हराने वाले पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुडडा को पटखनी देने का काम किया है। देर रात तक सोनीपत सीट पर 1,64864 अंतर लगभग से जीत हुई है। महेंद्रगढ़ भिवानी संसदीय सीट से एक बार फिर से धर्मवीर सिंह को विजय हासिल हुई है, उन्होंने कांग्रेस की नेत्री और कांग्रेस विधायक दल नेत्री किरण चौधरी की बेटी चौधरी बंसीलाल की पोती श्रुति चौधरी को पराजित किया है। यहां पर धर्मवीर सिंह को 4,35,262 को विजय मिली है।

अब बात गुरुग्राम सीट की करें, तो यहां से केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत को एक बार फिर से फतेह मिली है। जिन्होंने कांग्रेस के दिग्गज नेता व पूर्व मंत्री कैप्टन अजय यादव को लगभग 3,86,256 लाख लगभग से परास्त किया। फरीदाबाद में एक बार फिर से केंद्रीय मंत्री कृष्णपाल गुर्जर को सांसद बना दिया है, उन्होंने कांग्रेसी दिग्गज नेता अवतार सिंह भड़ाना 6,10,462 लगभग से पछाड़ते हुए विजय हासिल की।

अब बात सुरक्षित सीट सिरसा की करें, तो यहां से भाजपा ने श्रीमती सुनीता दुग्गल पूर्व आयकर अधिकारी को मैदान में उतारा था, उनके सामने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डा. अशोक तंवर मैदान में थे। दुग्गल को सिरसा क्षेत्र के लोगों ने फतेह दी औऱ तंवर को परास्त कर दिया। दुग्गल लगभग ने 3,09,918 लगभग विजय हासिल की। हिसार संसदीय सीट पर इस बार भाजपा को फतेह मिल गई है। यह भी हाट सीट बनी हुई थी। यहां पर भाजपा ने केंद्रीय मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह के आईएएस बेटे बृजेंद्र सिंह को विजय प्राप्त हुई है।

यहां से लोकदल की टिकट पर सांसद रहे और अब अपनी पार्टी जजपा का गठन कर चुके सांसद दुष्यंत चौटाला को हार का मुंह देखना पड़ गया है। यहां पर बृजेंद्र सिंह ने दुष्यंत को लगभग 3,14068 परास्त किया। रोहतक संसदीय सीट भी हाट सीट बनी हुई है, यहां पर भाजपा ने पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुडडा व उनके बेटे दीपेंद्र सिंह हुडडा का किला ढहा दिया। यहां से भाजपा ने बेहद ही कूटनीतिक कदम उठाते हुए एक दौर में कांग्रेसी सांसद रहे डा. अरविंद शर्मा को भाजपा ज्वायन कराने के बाद में दीपेंद्र हुडडा के सामने ख़डा किया। यहां पर कड़े मुकाबले में अरविंद शर्मा को एक बार फिर से सांसद बनने का मौका मिल गया है।

90 विधानसभा सीटों की ओर सीएम का इशारा

दस की दस लोकसभा सीटों पर प्रचंड जीत हासिल करने के साथ ही प्रदेश के भाजपा नेताओं का उत्साह भी देखने लायक है। खुद मुख्यमंत्री मनोहरलाल ने मीडिया से बातीचत के दौरान साफ कर दिया है कि हम दूसरी पारी खेलने के लिए भी तैयार हैं। उन्होंने विधानभा चुनावों की तरफ इशारा करते हुए कहा कि हम इसी तरह के परिणामों की उम्मीद राज्य विधानसभा चुनावों के लिए भी रखेंगे। सीएम ने कहा कि वे खुद लोकसभा के दौरान और पहले लगभग सौ सभाएं कर चुके हैं।

जबकि प्रदेशाध्यक्ष और पार्टी के वरिष्ठ नेता लगातार जनता के संपर्क में हैं। जिसका लोकसभा औऱ विधानसभा चुनावों में पार्टी को फायदा मिलेगा। उन्होंने साफ कर दिया है कि केंद्र की नीतियों को लागू करने और पारदर्शी शासन देने, सभी का साथ सभी का विकास के मंत्री ने जीत दिलायी है। इसीलिए आगे भी यही कुछ रहेगा।

वंशवाद की राजनीति को नकारा

हरियाणा ने इस चुनाव में वंशवाद की राजनीति को भी नकार दिया है। दशकों से हरियाणा की राजनीति में सक्रिय हुड्डा परिवार, देवीलाल परिवार, बंसीलाल परिवार और भजनलाल परिवार के वारिसों पर जनता ने नापसंदगी पर मोहर लगा दी है। हुड्डा परिवार का रोहतक गढ बिखरा है वहीं बंसीलाल परिवार के हाथों से भिवानी खिसक गया है। भजनलाल परिवार हिसार में जनता के नजरों से उतर गया है वहीं देवीलाल परिवार के तीन सदस्य चुनाव लडे और तीनों ही हार गए हैं।

मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि जनता ने भाजपा के राष्ट्रवाद के सिद्धांत व विकास की नीतियों का साथ दिया है और वंशवाद की राजनीति को दरकिनार किया है। इस प्रचण्ड बहुमत से यह साबित होता है कि जनता की पहली पसंद प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी हैं और वर्ष 1971 के बाद लगभग 50 साल बाद ऐसा हुआ है जब पूर्ण बहुमत के साथ केन्द्र में लगातार दूसरी बार किसी सरकार की वापिसी हुई है। इस जीत का श्रेय प्रधानमंतन्द्र मोदी व भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को दिया। जनता अब समझ रही है कि उनका हितैषी कौन है। हरियाणा की 10 की 10 सीटों के साथ भाजपा ने राजधानी चंडीगढ़ की सीट भी पहली बार एक साथ जीती हैं। हरियाणाा की जनता का भी बारंबार अभिवादन और आभार प्रकट करते हैं और उनके विश्वास को बनाए रखने का हमारा संकल्प है।  

हरियाणा ने जातिवाद और परिवारवाद को नकार दिया है। रोहतक और सोनीपत में कांग्रेस ने जातिवाद की राजनीति करने की कोशिश की लेकिन जनता ने एकजुट होकर जवाब दिया है। यहां की जनता मोदी जी के साथ खडी है। हरियाणा की जनता ने जो आशीर्वाद मोदी जी और मनोहर लाल की टीम को दिया है, हम उसके लिए जनता के आभारी हैं। भारत को फिर से विश्व गुरु और सोने कीि चिडिया का जनादेश है। भारत मां के बेटे को देश की जनता ने जो जनादेश दिया है उसका परिणाम आने वाले समय में देश के विकास पर दिखाई देगा।

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