कोरोना का खौफ: पोल्ट्री व्यवसाय को झटका, चिकन इंडस्ट्री को लगा करोड़ों का फटका

प्रदेश में पोल्ट्री व्यवसाय में 90 प्रतिशत तक की गिरावट आई है। लॉकडाउन के बीच चिकन इंडस्ट्री को करोड़ों रुपये का फटका लग चुका है।;

Update: 2020-04-20 07:53 GMT

सोनीपत। कोरोना वायरस के फैल रहे खौफ से जहां हर वर्ग दहशत में हैं, वहीं पोल्ट्री व्यवसाय को भी बड़ा झटका लगा है। लॉकडाउन के बीच चिकन इंडस्ट्री को करोड़ों रुपये का फटका लग चुका है। कोरोना के खौफ से मीट के साथ ही अंडे के दामों में भी भारी गिरावट आई है। 100 से 120 रुपये प्रति किलोग्राम से अधिक में बिकने वाले  ब्रेलर (मुर्गे) के दाम 20 रुपये प्रति किलोग्राम से भी नीचे आ गए हैं। जबकि अंडे के दाम भी 4.88 रुपये से गिरकर दो रुपये से भी नीचे आ गए हैं। अकेले सोनीपत में पोल्ट्री व्यवसाय को करोड़ों रुपये का फटका लगा चुका हैं। 

वहीं बात प्रदेश की करें तो इस व्यवसाय में अरबों रुपये का घाटा हो चुका है। हालांकि प्रदेश सरकार द्वारा 20 अप्रैल से पोल्ट्री, मीट, मछली व्यवासाय को छूट देने से कारोबारियों ने राहत भरी सांस ली है। कारोबारियों का कहना है कि इस छूट से उनमें कारोबार संभलने की उम्मीद जगी है।

पोल्ट्री व्यवसाय से जुड़े लोगों की मानें तो प्रदेश में करीब 10 हजार से अधिक मुर्गी फार्म हैं, जिनमें सालाना 10 करोड़ रुपये से अधिक मुर्गी पालन का कारोबार होता है। अकेले सोनीपत जिले में 300 से अधिक मुर्गी फार्म में करीब 25 लाख मुर्गियों पालन किया जाता है। वहीं जिले में लाखों ब्रीडर बर्ड हैं, जो चूजे देते हैं। हैंचरी में तैयार चूजे पोल्टृी फार्मों पर सप्लाई किए जाते हैं। जहां चूजों को फीड खिलाकर मीट देने लायक मुर्गे तैयार किए जाते हैं। कोरोना वायरस के फैले संक्रमण के चलते पोल्ट्री व्यवसाय की कमर टूट चुकी है।

खर्च बचाने के लिए डाल रहे कम फीड

हैंचरी व पोल्ट्री फार्म संचालकों की मानें तो ब्रीडर बर्ड या मूर्गे का फीड वर्तमान समय में बड़ा बोझ बना हुआ है। क्योंकि आय का स्रोत बंद है। खर्च कम करने के लिए फीड की मात्रा भी कम कर दी है। एक ब्रीडर बर्ड एक दिन में 8 रूपये का फीड खा जाता है। हालात यह हो गई है कि हैंचरी संचालकों को इस समय प्रति ब्रीडर बर्ड 8 रूपये का नुकसान तो अकेले उसके फीड पर हो रहा है। हैंचरी के दूसरे खर्च शामिल किए जाएं तो एक बर्ड पर 15 रूपये से ज्यादा की राशि खर्च हो रही है। बड़ी हैंचरी चलाने वालों को इस समय हर रोज लाखों का नुक्सान झेलना पड़ रहा है।

लेयर फार्म को भी झटका

सोनीपत जिले में हैंचरी के साथ-साथ पोल्ट्री क्षेत्र में लेयर अर्थात अंडा उत्पादन का काम भी बड़े स्तर पर होता है। कोरोना के खौफ से पहले बाजार में एक अंडा 4.88 रुपये में बिक रहा था। जो अब दो रुपये से भी नीचे आ गया है। वहीं मीट व अंडे की डिमांड भी ना के बराबर हो गई है। हालांकि कुछ समय तक कोल्ड स्टोर में अंडे की स्टोरेज होती रही, लेकिन ज्यादातर कोल्ड स्टोर भी फुल हो चुके हैं। ऐसे में अंडा डिस्ट्राय करने के अलावा दूसरा विकल्प नहीं बचा।

प्रतिदिन लाखों मुर्गों का है कारोबार

केंद्रीय सांख्यिकी मंत्रालय की एन्वायरनमेट स्टेटिक-2018 की रिपोर्ट के अनुसार ही प्रदेश में हर रोज 9 लाख मुर्गों के अलावा एक हजार बकरे, एक हजार भेड़े व 400 सुअर का मीट बिकता था। जिसमें कई गुणा तक बढोतरी हुई है। कोरोना के खौफ से मीट व अंडा व्यवसाय पूरी तरह बंद हो चुका है। हालांकि प्रदेश सरकार द्वारा पोल्ट्री, मीट, मछली व्यवासय में शर्तों के साथ कुछ दूट देने से कारोबारियों ने राहत की सांस ली है।

संचालक बोले,पूरी तरह टूट चुकी है कमर

कई पाेल्ट्री संचालकों  ने बताया कोरोना के खौफ के बीच पोल्ट्री फार्म व्यवसाय की पूरी तरह कमर टूट चुकी है। प्रतिदिन फीड व अन्य खर्च सहित मोटा खर्च हो रहा है, लेकिन आमदनी हो नहीं रही। व्यवसाय में 90 प्रतिशत तक की गिरावट आई है। अब तक अंडा कोल्ड स्टोर में रखा जा रहा था, लेकिन अब वहां भी जगह नहीं रही। जिस पर अंडा डिस्ट्राय करना पड़ रहा है। दामों में भी भारी गिरावट आई है। प्रदेश सरकार द्वारा सोमवार से थोड़ी छूट देने की घोषणा के बाद राहत मिलने की उम्मीद जगी है।

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