मौसम की जानकारी : मौसम विभाग कब ग्रीन, येलो, ऑरेंज और रेड अलर्ट जारी करता है, जानें यहां
जैसे ही हिमाचल प्रदेश में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया तो वहां के लोंगो में ऑरेंज अलर्ट को जानने को लेकर उत्सुकता पैदा हो गई। ये उत्सुकता तब और बढ़ गई जब मौसम विभाग ने 9 जुलाई से प्रदेश में येलो अलर्ट जारी कर दिया। आईए जानते हैं कि मौसम विभाग के ये अलर्ट क्यों और किन परिस्थितियों में जारी किए जाते हैं...;
बरसात शुरू होते ही मौसम विभाग के बयान लगातार टीवी और अखबारों के दिखने लगते हैं। कभी बरसात को लेकर तो कभी बाढ़ को लेकर या फिर कभी तूफान को लेकर अलर्ट जारी किए जाते हैं। हिमाचल प्रदेश में इन दिनों मौसम विभाग ने ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। ऑरेंज अलर्ट के अन्तर्गत मध्यपर्वतीय क्षेत्रों और मैदानी इलाकों में जोरदार बारिश होने की संभावना है।
मौसम विभाग के सिम्पल अलर्ट तो समझ में आते हैं पर जैसे ही हिमाचल प्रदेश में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया तो वहां के लोंगो में ऑरेंज अलर्ट को जानने को लेकर उत्सुकता पैदा हो गई। ये उत्सुकता तब और बढ़ गई जब मौसम विभाग ने 9 जुलाई से प्रदेश में येलो अलर्ट जारी कर दिया। आईए जानते हैं कि मौसम विभाग के ये अलर्ट क्यों और किन परिस्थितियों में जारी किए जाते हैं।
मौसम विभाग कुल चार तरह का अलर्ट जारी करता है। ग्रीन, येलो, ऑरेंज और रेड। मौसम विभाग ग्रीन अलर्ट तब जारी करता है जब एक या दो स्थानों पर वर्षा होती है। बरसात भी हल्की होती है। इसके लिए विभाग किसी तरह का कोई ऐक्शन नहीं लेता।
येलो अलर्ट का मतलब भारी बारिश से है। मौसम विभाग ये अलर्ट तब जारी करता है जब कई स्थानों पर भारी बारिश होने की संभावना होती है। येलो अलर्ट में 64.5 से 115.5 एमएम तक बारिश होती है।तीसरा होता है ऑरेंज अलर्ट।
इस समय हिमाचल में मौसम विभाग ने यही ऑलर्ट जारी किया है। इस अलर्ट के तहत 115.6 से लेकर 204.4 एमएम तक बरसात होने की संभावना होती है। भारी बारिश की संभावना के कारण सभी विभागों को अलर्ट पर रहने का निर्देश जारी किया जाता है। एनडीआरएफ की टीमें इस अलर्ट के बाद अपने-अपने क्षेत्र में सक्रिय रहती हैं।
चौथा और आखिरी अलर्ट रेड अलर्ट होता है। मौसम विभाग का ये अलर्ट भारी बारिश को लेकर होता है। बादल फटने, या फिर नदियों का जलस्तर खतरे के ऊपर पहुंचने को लेकर ये अलर्ट जारी किया जाता है। जिसे एक्टिवली हैवी रैनफॉल भी कहा जाता है।
इसमें 204.4 एमएम से ज्यादा बरसात होने की संभावना रहती है। उत्तराखंड में आई बाढ़ हो या फिर पिछले महीने उड़ीसा में आया तूफान सभी में मौसम विभाग ने रेड अलर्ट जारी किया था। मौसम विभाग के अलर्ट के ही आधार पर देश की बचाव कंपनियां सक्रिय होती हैं।
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