Delhi Metro Facts: इतने रूट्स पर अलग- अलग कलर के साथ पूरी दिल्ली में फैला है मेट्रो का जाल, देखें
Delhi Metro Facts: दिल्ली मेट्रो की किताब से आज हम आपके लिए एक नया चैप्टर निकाल कर लाएं हैं। अपनी आज की दिल्ली मेट्रो फैक्ट्स की इस स्टोरी में हम बात करेंगे इसके रूट्स और लाइन्स के बारे में।;
Delhi Metro Facts: दिल्ली मेट्रो की किताब से आज हम आपके लिए एक नया चैप्टर निकाल कर लाएं हैं। अपनी आज की दिल्ली मेट्रो फैक्ट्स की इस स्टोरी में हम बात करेंगे इसके रूट्स और लाइन्स (Delhi metro routes and lines) के बारे में। नॉर्मली आप दिल्ली मेट्रो (Delhi Metro) की रेड, येलो और ब्लू लाइन से तो आप परिचित होंगे ही, तो अपनी इस स्टोरी में हम आपको इस पर चलने वाली सभी लाइन के बारे में विस्तार से बताएंगे।
दिल्ली मेट्रो 10 अलग- अलग कलर कोड वाली लाइन के साथ 254 स्टेशनों के बीच से होकर गुजरती है। इसकी शुरुआत शाहदरा से तीस हजारी मेट्रो स्टेशन तक चलने वाली रेड लाइन के साथ हुई थी। इसके बाद दिल्ली मेट्रो को विस्तार हुआ और धीरे- धीरे करके ये शहर के हर कोने तक पहुंच गई। इसके साथ ही दिल्ली मेट्रो ने नेशनल कैपिटल रीजन यानी एनसीआर को भी कवर किया और रोजाना दिल्ली से नोएडा, गुरुग्राम और फरीदाबाद जाने वाले लोगों के लिए उनकी यात्रा को आसाना कर दिया। आज दिल्ली मेट्रो रेड, येलो, ब्लू, ग्रीन, वॉयलेट, पिंक, मजेंटा, ग्रे और ऑरेंज लाइन पर चलती है।
फेज 1 (Phase 1)
दिल्ली मेट्रो ने अपने पहले फेज में तीन रेड, येलो और ब्लू लाइन की शुरुआत की। फेज 1 में रेड लाइन पर शाहदरा से रिठाला के लिए मेट्रो ट्रेन चलाई गई। वहीं येलो लाइन पर विश्व विद्यालय से लेकर के केंद्रीय सचिवालय तक मेट्रो चलाई गई और ब्लू लाइन पर इंद्रप्रस्थ से लेकर द्वारका सब सिटी के बीच मेट्रो रेल चलाई गई। 59 स्टेशनों के साथ कुल 65 किलोमीटर की यात्रा तय करते हुए तीन रूट बनाए गए जिसे 25 दिसंबर 2002 से 11 नवंबर 2006 के बीच खोला गया।
फेज 2 (Phase 2)
दूसरे फेज में 86 स्टेशनों के साथ कुल 124.90 किलोमीटर लंबा नेटवर्क और 10 नए रूट बनाए गए। इसके अलावा पुराने रूट का विस्तार भी किया गया। जिनमें से सात रूट और एक्सटेंशन फेज 1 नेटवर्क के थे, तीन नई कलर- कोडेड लाइन थी जो कि एनसीआर के दूसरे शहरों को जोड़ रही थी। जैसे येलो लाइन ने गुरुग्राम, ब्लू लाइन ने नोएडा और गाजियाबाद को दिल्ली के साथ जोड़ा। चरण I और II के अंत में, नेटवर्क की कुल लंबाई 189.90 किमी हो गई, जिस पर 4 जून 2008 से 27 अगस्त 2011 तक 151 स्टेशनों पर मेट्रो चलाई गई।
फेज 3 (Phase 3)
जहां पहले चरण में रेड, येलो और ब्लू लाइन मेट्रो नेटवर्क में शामिल हुईं, वहीं दूसरे चरण में इसमें ग्रीन, वॉयलेट और ऑरेंज लाइन को जोड़ा गया। अब मेट्रो ने नेटवर्क का विस्तार करने के लिए नई रेडियल लाइनों को जोड़ने पर ध्यान केंद्रित किया। भीड़भाड़ को और कम करने और कनेक्टिविटी में सुधार करने के लिए, तीसरे फेज में मौजूदा लाइनों में 8 एक्सटेंशन को शामिल किया गया। इसके साथ ही ग्रे लाइन के साथ दो रिंग पिंक और मजेंटा लाइन का निर्माण इसमें शामिल किया गया। इस फेज में 28 अंडरग्राउंड स्टेशन, 3 नई मेट्रो लाइन और 7 रूट एक्सटेंशन को शामिल किया गया। मेट्रो के इस फेज में नेटवर्क को 167.27 किमी बढ़ाया गया जिसकी लागत करीबन ₹410.079 बिलियन आई। तीसरे फेज में इनर रिंग रोड पर चलने वाली पिंक लाइन, आउटर रिंग रोड पर चलने वाली मैजेंटा लाइन और द्वारका और नजफगढ़ को जोड़ने वाली ग्रे लाइन चलाई गई।