Climate Change Effect: क्लाइमेट चेंज का नहीं बदला रूख, तो आ सकती है तबाही

Climate Change Effect: जलवायु परिवर्तन की वजह से धरती पर कई तरह के बदलाव देखने को मिल रहे हैं। अगर इस परिवर्तन को रोका नहीं गया, तो आने वाले समय में ज्वालामुखी विस्फोट की घटनाएं तेजी से बढ़ेगी, जिसको रोकना मुश्किल हो जाएगा।;

Update: 2023-08-08 13:22 GMT

Climate Change Effect: बदलते मौसम की वजह से नेचर ही नहीं, बल्कि मानव, जीव-जंतु सभी में परिवर्तन हो रहा है। जिसके कई उदाहरण हमें देखने को भी मिलते हैं, लेकिन उसके बावजूद भी हम लोग जलवायु को लेकर सजग नहीं हो रहे हैं और ना ही इस बदलाव को एक्सेप्ट कर रहे हैं। क्लाइमेट चेंज की वजह से प्रकृति में कई तरह के बदलाव हो रहे हैं, जिसकी वजह से फसलों की ग्रोथ में कमी, लोगों की सोच में कमी, इंसानों की हाइट में कमी इत्यादि। आपको बता दें कि इस वक्त यूरोप बेस्शन पूरी तरह से गर्मी की तपिश में झुलस रहा है। वहां के डॉक्टर्स ने एक व्यक्ति के दिमाग को भुना हुआ बताया। इतना ही नहीं, बल्कि आने वाले समय में क्लाइमेट चेंज एक व्यापक रूप में दुनिया को इफेक्ट करेगा। जानिए क्लाइमेट चेंज के कारण और क्या परिवर्तन आ रहे हैं।

मेंढक की लंबाई में कमी

तापमान बढ़ने की वजह से मेंढकों की प्रजातियों में लगातार कमी होती जा रही है, जिसकी वजह से बरसात के मौसम में उनकी आवाज सुनाई नहीं देती। प्यूर्टो रिको में पाए जाने वाले नर कोकुई मेंढक की प्रजाति भी काफी छोटी होने लगी है। क्लाइमेट चेंज या अधिक गर्मी से पहले ये मेंढक पहाड़ों की चोटियों पर निवास करते थे, लेकिन अब ये  आकार में छोटे होने के कारण निचले इलाकों में रहने लगे हैं।

नींद में कमी

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, 2011 से पहले यानी 2010 में लोगों की वार्षिक नींद में 44 घंटे की कमी हुई है। अगर ऐसा ही चलता रहा, तो इस सदी के अंत तक यानी 2100 तक यह ग्राफ बढ़कर 58 घंटे हो जाएगा। कमी होने का कारण अधिक मात्रा में कार्बन उत्सर्जन है।

कुत्तों के काटने की घटनाओं में बढ़ोत्तरी

बीते दिनों हम सभी ने कुत्तों के अटैक की कई घटनाएं सुनी, लेकिन क्या आपको पता है कि यह क्यों हो रहा है, तो आपको बता दें कि इसका कारण क्लाइमेट चेंज है। रिसर्च रिपोर्ट के अनुसार, गर्मियों के दिनों में कुत्तों के अटैक की घटनाओं में बढ़ोतरी हो सकती है। बता दें कि बीते समय में अमेरिका के आठ शहरों में लगभग 70 हजार कुत्तों के काटने की घटनाएं घटित हुई थी।

जन्मदर में गिरावट 

गर्मी के बढ़ने से बच्चों के जन्मदर में गिरावट आ सकती है। आपको बता दें कि 26.7 डिग्री सेल्सियस तापमान ऊपर जाने से बच्चों के जन्मदर में 0.4% की कमी आ सकती है।

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छिपकलियों के लिंग में बदलाव

क्लाइमेट चेंज की वजह से ऑस्ट्रेलिया पाई जाने वाली सेंट्रल बियर्डेड ड्रैगन नाम की छिपकलियों के लिंग में बदलाव देखने को मिल रहा है। अधिक तापमान की वजह से उनके अंडे से केवल मादा छिपकलियां ही बाहर निकल रही है।  

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