Cloud Brust: आखिर पहाड़ी इलाकों में ही क्यों फटते हैं बादल, जानें वजह
Cloud Burst: हम बारिश के समय में अक्सर बादल फटने की घटना सुनते रहते हैं। बादल फटने की वजह से लोगों को जान-माल का नुकसान भी होता है। जानिए कैसे घटित होती है यह घटना, क्या होता है बादल फटना (Cloud burst) और क्यों यह घटना पहाड़ी इलाकों में ज्यादा होती है।;
Cloud Burst: हम सभी अक्सर सुनते रहते हैं कि बादल फट गया है, तो दिमाग में यह बात आती ही होगी कि बादल कैसे फट (Cloud Burst) सकता है। अगर बादल फट जाएगा तो वहां पर बादल कैसा होगा और भी तरह-तरह की बातें दिमाग में चलती रहता है। आगे पढ़िए इन सभी सवालों का जवाब...
बादल फटना क्या है
बादल फटने की घटना तब होती है जब कम समय में ज्यादा बारिश हो। कभी-कभी जब बारिश के साथ ओलावृष्टि और तेज गरज होती है। उससे बाढ़ की स्थिति पैदा होती है। बादल फटने से पानी बहुत तेजी से गिरता है। बादल फटना (Cloud Burst) एक स्थानीय लेकिन अधिक वर्षा विधि है। बादल फटना ओरोग्राफिक लिफ्ट के माध्यम से होता है। जब बादल फटने की घटना होती है, तो उस दौरान एक जगह पर एक घंटे के अंदर साल भर की बारिश का लगभग 10% बारिश होती है।
पहाड़ों पर ही क्यों फटते हैं ज्यादा बादल
हाल ही में हिमाचल के मंडी जिले में बादल फटने की खबर सामने आई। ऐसे ही ज्यादातर बादल फटने की घटनाएं पहाड़ी इलाकों में होती हैं। बादल फटने की घटना तब होती है जब बहुत गर्म हवा का प्रवाह ऊपर की ओर होता है और वह संतृप्त बादल बारिश पैदा करने में असमर्थ होते हैं। नीचे न गिरने के बजाय, वे बारिश की बूंदें साइज में बड़ी हो जाती हैं और हवा के बहाव के कारण ऊपर की ओर उठ जाते हैं। अंततः वे बहुत भारी होने के कारण गिर जाती हैं, भारी होने के वजह से का यह बारिश सामान्य बारिश से बहुत ज्यादा होती है।
सरल भाषा में समझे तो पहाड़ी इलाकों में जब पानी से भरे बादल हवा के साथ आगे बढ़ते हैं तो वे पहाड़ों के बीच आकर फंस जाते हैं। और पहाड़ों की ऊंचाई की वजह से ये आगे नहीं बढ़ पाते। इसकी वजह से ये पहाड़ों के बीच फंसते ही बादल पानी के रूप में बदल कर बरसने लगते हैं। बादल फटने के बाद उस जगह पर बाढ़ जैसी स्थिति बन जाती है।
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