Knowledge News : जानिए चांद को चाचा-ताऊ या फूफा न कहकर क्यों कहा जाता है मामा, बेहद खास है इसके पीछे की वजह

क्या आप जानते हैं कि चांद को मामा ही क्यों कहा जाता है, चाचा, ताऊ या फिर फुंफा क्यों नहीं कहा जाता। अगर नहीं तो पढ़िए हमारा आज का नॉलेज का ये आर्टिकल।;

Update: 2023-01-14 05:17 GMT

आसमान में आपने अब तक बहुत बार चांद (moon) को निकलते हुए देखा होगा। फिर चाहें वो पूर्णिमा का चांद हो या ईद का। आपने उसे हर तरह से हर आकार में देखा होगा। इसके साथ ही आपने बहुत बार बचपन से लेकर अब तक किस्से, कहानियों और कविताओं में, किताबों में पढ़ा होगा कि चांद को मामा की उपाधि दी गई है। लेकिन क्या आपने कभी ये सोचा है कि आखिर चांद को मामा ही क्यों कहा जाता है (why is the moon called mama)। ऐसी कौन सी वजह है, जिसके कारण चांद को मामा कहा जाता है, चाचा, ताऊ या फिर फूफा नहीं। अगर आप भी इस बारे में नहीं जानते तो चलिए आज हम आपको अपने इस आर्टिकल में इसके पीछे की बेहद खास वजह के बारे में बताते हैं।

चांद को क्यों कहा जाता है मामा

चांद को मामा कहने के पीछे पौराणिक, धार्मिक और भौगोलिक जैसे कई कारण हैं। अगर हम पौराणिक कथाओं के अनुसार देखें तो जिस समय देवताओं और असुरों के बीच में समुद्र मंथन हो रहा था, उस समय समुद्र के अंदर से काफी सारे तत्व निकले थे। इन तत्वों में माता लक्ष्मी, वारुणी, चन्द्रमा और विष शामिल थे। समुद्र मंथन से निकलने के बाद माता लक्ष्मी भगवान विष्णु के पास चली गई थी। इसलिए उनके बाद निकलने वाले सभी तत्वों को उनके छोटे भाई और बहन की उपाधी दी गई। ऐसे में चंद्रमा उनके बाद ही समुद्र से निकले थे इसलिए वो माता लक्ष्मी के छोटे भाई बन गए। हिंदू मान्यताओं के अनुसार, लक्ष्मी जी को हम माता मानते हैं तो ऐसे में उनके छोटे भाई हमारे मामा बन गए। इसी वजह से चांद को मामा कहा जाता है और यह सभी समुद्र मंथन से निकले थे इसलिए समुद्र इन सबके पिता कहलाते हैं।

इसलिए भी कहा जाता है चांद को मामा

चंदा को मामा कहने के पीछे दूसरा भौगोलिक कारण यह यह बताया जाता है कि चांद पृथ्वी के चारों ओर चक्कर लगाता है और दिन-रात उसके साथ भाई की तरह रहता है। ऐसे में हम धरती को माता कहते हैं और इस वजह से चंदा हमारे मामा कहलाए। इनके अलावा चांद से जुड़े और भी कई किस्से कहानियां सुनाये और पढ़ाएं जाते हैं।

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