Knowledge News: कानून की नजर में हेट स्पीच क्या होती है, जानिए सजा का प्रावधान

हेट स्पीच के मामले में सजा काटकर बाहर आए डासना देवी मंदिर के पुजारी यति नरसिंहानंद (Yeti Narasimhanand) ने एक बार फिर हिंदू महापंचायत (Hindu Mahapanchayat) में भड़काऊ भाषण दिया है। जिसके बाद धार्मिक नेता यति नरसिंहानंद के खिलाफ दिल्ली के मामला दर्ज किया गया है।;

Update: 2022-04-04 10:34 GMT

Knowledge News: देश में हेट स्पीच को लेकर खबरे सुर्खियों में बनी रहती हैं। हेट स्पीच के मामले में सजा काटकर बाहर आए डासना देवी मंदिर के पुजारी यति नरसिंहानंद (Yeti Narasimhanand) ने एक बार फिर हिंदू महापंचायत (Hindu Mahapanchayat) में भड़काऊ भाषण दिया है। जिसके बाद धार्मिक नेता यति नरसिंहानंद के खिलाफ दिल्ली के मामला दर्ज किया गया है। यति नरसिंहानंद के खिलाफ धारा 153ए (Section 153A) (धर्म, जाति, जन्म स्थान, निवास, भाषा के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देना) और भारतीय दंड संहिता की 188 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। तो चलिए जानते हैं कि कानून की नजर में हेट स्पीच क्या है और कितनी सजा का प्रावधान है। 

क्या होती है हेट स्पीच और क्या है सजा का प्रावधान

जानकारी के लिए आपको बता दें कि धर्म (religion), नस्ल, लिंग जैसे किसी भेदभाव के चलते किसी ग्रुप विशेष के खिलाफ पूर्वाग्रह व्यक्त करने वाला कोई भी आक्रामक बयान हेट स्पीच (hate speech) माना जाता है। हेट स्पीच को लेकर अलग से कोई कानूनी व्याख्या नहीं है। लेकिन अभिव्यक्ति की आजादी के अधिकार पर कुछ लगाम लगाते हुए एक तरह से हेट स्पीच को परिभाषित किया गया है। संविधान के आर्टिकल 19 (Article 19) के अनुसार, अभिव्यक्ति की आजादी (freedom of expression) के अधिकार पर 8 प्रकार (8 Types) के प्रतिबंध हैं। 

* राज्य की सुरक्षा

* विदेशी राज्यों के साथ दोस्ताना संबंध

* लोक व्यवस्था

* शालीनता/नैतिकता

* कोर्ट की अवहेलना,

* मानहानि,

* हिंसा भड़काऊ,

* भारत की अखंडता व संप्रभुता आदि। 

इन आठ प्लाइंट्स में से किसी भी प्वाइंट के तहत यदि कोई बयान या लेख आपत्तिजनक पाया जाता है तो उसके खिलाफ सुनवाई और कार्रवाई का प्रावधान हैं। हेट स्पीच में दोषी पाए जाने वाले व्यक्ति के खिलाफ आईपीसी (IPC) के सेक्शन 153(ए) के तहत कार्रवाई की जाती है। अगर किसी व्यक्ति (Person) के द्वारा नस्ल, भाषा, धर्म, जन्मस्थान (Birth Place), जाति या अन्य ऐसे किसी आधार पर भेदभावपूर्ण रवैये के चलते बोला या फिर लिखा गया कोई भी शब्द किसी भी समुदाय के खिलाफ नफरत, रंजिश की भावनाएं भड़काता है तो ऐसे मामले में उसे दोषी पाए जानें पर उसे 3 वर्ष की कैद/जुर्माना या फिर दोनों भी हो सकते हैं। 

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