Knowledge: दुनिया का सबसे महंगा मेटल एंटीमेटर, कीमत जान छूट जाएंगे पसीने
Knowledge: अगर आप से पूछा जाए कि दुनिया की सबसे कीमती वस्तु क्या है, तो आप हीरा, प्लेटिनम या सोने का नाम लेंगे। शायद ही कोई इंसान जानता होगा कि हीरा और प्लेटिनम से भी मूल्यवान पदार्थ है। इसे एंटीमेटर कहा जाता है। इस रिपोर्ट में जानिये इसके बारे में...;
Knowledge: एंटीमैटर (Antimatter) सबसे महंगी चीजों में शामिल है। इसकी कीमत इतनी ज्यादा है कि अगर कई छोटे देशों को बेच भी दिया जाए तो भी उसे खरीदा नहीं जा सकता। आप सोच रहे होंगे कि आखिर ये क्या है और यह इतना कीमती क्यों है। तो चलिए आपके इन सवालों का सिलसिलेवार जवाब देते हैं।
क्या है एंटीमैटर
एंटीमैटर कोई काल्पनिक तत्व नहीं, बल्कि वास्तविक तत्व है। इसकी खोज बीसवीं शताब्दी में हुई थी। एंटीमैटर के बारे में सबसे पहले साल 1928 में वैज्ञानिक पॉल डिराक ने बताया था। यह पदार्थ अंतरिक्ष में छोटे-छोटे टुकड़ों में मौजूद है। जिस तरह सभी भौतिक वस्तुएं पदार्थ से मिलकर बनती हैं, उसी तरह एंटीमैटर में एंटीप्रोटोन, पोसिट्रॉन्स और एंटीन्यूट्रॉन शामिल होते हैं। एंटीमेटर एटम में नेगेटिव चार्ज वाले न्यूक्लियस और पॉजिटिव चार्ज वाले इलेक्ट्राॅन होते हैं।
एंटीमैटर का इस्तेमाल
एंटीमैटर को बनाने के लिए लैब में वैज्ञानिक इसे दूसरे पदार्थों के साथ मिलाकर शुद्ध करते हैं, ताकि इसका इस्तेमाल ईंधन के रूप में किया जा सके। अंतरिक्षयानों, परमाणु हथियारों और रॉकेट लॉन्च करने में भी इसका इस्तेमाल होता है। इसके अलावा अस्पतालों और रेडियोधर्मी अणुओं को पॉजिट्राॅन एमिशन टोमोग्राफी के रूप में मेडिकल इमेजिंग में होता है।
एंटीमैटर की कीमत
नासा के मुताबिक एंटीमैटर के एक ग्राम की कीमत करीब 90 ट्रिलियन डॉलर है। 1 ग्राम एंटीमैटर की कीमत लगभग 393.75 लाख करोड़ रुपये है। नासा के मुताबिक, एंटीमैटर धरती का सबसे महंगा पदार्थ है। एंटीमैटर जहां पर बनता है, वहां पर दुनिया की बेहतरीन सुरक्षा व्यवस्था मौजूद है। यही नहीं, नासा जैसे संस्थानों में भी इसे रखने के लिए पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था बनाई गई है। कुछ मुख्य लोगों के अलावा, एंटीमैटर के पास कोई नहीं जा सकता। यह महंगा तो है, लेकिन दिलचस्प बात यह है कि एंटीमैटर का इस्तेमाल अंतरिक्ष में जाने वाले विमानों के ईंधन के लिए किया जाता है।
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एंटीमैटर ताकत
वैज्ञानिकों का मानना है कि सैद्धांतिक तौर पर करीब आधा किलो एंटीमैटर दुनिया के सबसे बड़े हाइड्रोजन बम से भी ज्यादा विध्वंस करने की ताकत रखता है। लेकिन, इससे उपयोगी ऊर्जा प्राप्त करने के लिए काफी बड़ी राशि की जरूरत होती है।