Knowledge: ढलान के समय ट्रेन पटरियों पर क्यों गिराया जाता है बालू, जानिए कारण

Knowledge: ट्रेन की पटरी के बारे में कई ऐसी दिलचस्प बातें हैं, जिसके बारे में जानना जरूरी अहम है। जैसे कि ट्रेन की पटरियों पर जंग क्यों नहीं लगता। ढलान पर ट्रेन के पहियों से पटरी पर बालू क्यों बिखेरी जाती है। इन सभी सवालों का जवाब विज्ञान में छिपा है।;

Update: 2023-06-11 15:06 GMT

Knowledge: क्या आपको पता है कि पटरियों पर बालू गिराई जाती है। पटरियों पर बालू को गिराने के लिए ट्रेन के पहियों में सैंड बॉक्स लगे होते हैं। सैंड बॉक्स को कंट्रोल ट्रेन का पायलट करता है। पटरियों पर बालू इसलिए गिराई जाती है ताकि सफर, सुरक्षित और आसान बनाया जा सके। इसके लिए बाकायदा ट्रेन के डिब्बे में सैंड बॉक्स लगाए जाते हैं, जो समय-समय पर पटरियों पर बालू को गिराते हैं।

दिलचस्प बात है कि पायलट हर वक्त इन सैंड बॉक्स का इस्तेमाल नहीं करता। कुछ मुख्य स्थितियों में ही ट्रेन पटरियों पर बालू गिराते हुए चलती है। ऐसा कब और किस समय करना है इसका फैसला पायलट करता है। ट्रेन सफर शुरू होने से पहले सैंड बॉक्स में बालू भरी जाती है। पटरियों पर बालू गिराने की नौबत तब आती है, जब ट्रेन ढलान या पहाड़ी वाली जगहों से गुजरती है, क्योंकि ऐसी दशा में ट्रेन के फिसलने का खतरा बढ़ जाता है।

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ट्रेन को फिसलने से रोकने के लिए बालू को धीरे-धीरे गिराया जाता है। बालू की मदद से ऐसी जगह पर ट्रेन को ब्रेक लगाकर रोकना और मैनेज करना आसान हो जाता है। नतीजा यह निकलता है कि उतार-चढ़ाव वाली जगहों पर ट्रेन चलाने में मदद मिलती है। इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव और रेलकार्स में बालू के डिब्बों को पहियों के पास फिट किया जाता है।

इन डिब्बों के पास से एक पाइप निकाली जाती है, जिसकी मदद से ड्राइवर पटरियों पर बालू को गिराते हैं। पाइप में बालू भरने से पहले बालू को गर्म किया जाता है, ताकि नमी खत्म हो जाए और ये आसानी से निकल पाए। बालू उतार-चढ़ाव वाली जगहों पर ट्रेन को पटरी से उतरने से बचाती है। भारतीय ट्रेनों के अलावा बाहरी देशों में भी सैंड बॉक्स का उपयोग किया जाता है। ब्रिटेन और अमेरिका की ट्रेनों में भी सैंड बॉक्स का इस्तेमाल किया जाता है। हालांकि, यहां पर इनमें काम करने का तरीका थोड़ा सा अलग होता है। जैसे- ब्रिटेन में सैंड बॉक्स की जगह सैंड ड्राइंग पाइप का इस्तेमाल होता है और अमेरिका में सैंड बॉक्स को सैंड डोम के नाम से जाना जाता है। इसमें बालू को गर्म करने की व्यवस्था होती है, ताकि ये आसानी से पटरी पर गिर सके।

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