World Elephant Day 2023: विलुप्त होती गजराज की प्रजाति, 150 में से बची 2, जानें इतिहास

World Elephant Day 2023: लोगों के साथ-साथ पर्यावरण के लिए बेहद खास जीव हाथियों के बचाव के लिए हर साल 12 अगस्त को वर्ल्ड एलीफैंट डे मनाया जाता है। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि 150 प्रजातियों में से हाथियों की केवल 2 प्रजातियां ही जीवित बची हैं। पढ़ें पूरी रिपोर्ट...;

Update: 2023-08-12 13:56 GMT

World Elephant Day 2023: बचपन में हाथियों को देखकर उनके पीछे दौड़ने वाली खुशी धीरे-धीरे गुम होती जा रही है, क्योंकि बदलते दौर में लोग हाथियों का गलत तरीके से उपयोग कर रहे हैं, जो इनके विलुप्त होने का कारण बन रहा है। "हाथी राजा कहां चलें, सूढ़ हिलाकर कहां चलें, मेरे घर भी आओ न" ये कविता तो हम सभी ने बचपन में पढ़ी है। आज यानी 12 अगस्त को पूरी दुनिया में विश्व हाथी दिवस मनाया जा रहा है। बता दें कि अगर हाथियों को लेकर संरक्षण या कड़ी निगरानी नहीं बरती गई तो गजराज वास्तविक दुनिया से बहुत जल्द गायब हो जाएंगे। इस दिन की शुरूआत 12 अगस्त 2012 को कनाडा पेट्रीसिया सिम्स और थाईलैंड की एचएम क्वीन सिरिकिट, एलिफेंट रीइंट्रोडक्शन फाउंडेशन ऑफ थाईलैंड ने विश्व हाथी दिवस की स्थापना की। इसके पीछे का उद्देश्य हाथियों की रक्षा के साथ ही उनका संरक्षण कर उनकी आवश्यकताओं को बढ़ावा देना है।

हाथी दिवस का महत्व

पृथ्वी पर पाए जाने वाला यह जानवर बुद्धिमान जानवरों में से एक है। विश्व हाथी दिवस दुनिया भर के लोगों को हाथियों के अवैध शिकार के मुद्दे को लेकर तमाम कैंपेन चलाने में मदद करता है, ताकि हाथियों के सामने आने वाले खतरों से उन्हें बचाया जा सकें। हाथियों की गुम हो रही प्रजाति को रोका जा सके।

हाथी जमीन पर रहने वाले सबसे बड़ा स्तनपायी जानवर है। इसमें से नर हाथी का वजन करीब 3 मीटर ऊंचा और वजन 6 टन तक होता है। नर हाथी 35-40 साल में अपने पूरे साइज को प्राप्त करते हैं। नर हाथी की उम्र 60 से 70 साल तक होती है। जब हाथी का जन्म होता है तो वे केवल120 किलोग्राम के होते हैं।

एक दिन में करते है 150 किलो भोजन

हम इंसान कभी उतना भोजन करने की कल्पना भी नहीं कर सकते, जितना एक हाथी एक दिन में जितना भोजन कर लेता है। एक हाथी को अपनी पूरी दिनचर्या में 150 किलोग्राम तक के भोजन की आवश्यकता होती है। इसी वजह इनका ज्यादातर समय (तीन चौथाई) खाना खाने में गुजरता है।

जन्म के तुरंत बाद शुरू कर देते हैं चलना

धरती पर पैदा होने वाले अन्य प्राणियों के बच्चे को चलने में कुछ समय लगता है। लेकिन आपको बता दें कि हाथी के बच्चे जन्म के 20 मिनट के अंदर ही अपने पैरों पर खड़े हो जाते हैं। इतना ही नहीं, बल्कि 1 घंटे के अंदर चलने भी लगते हैं और दो दिन के भीतर अपने झुंड के साथ घूमने लगते हैं। 

वाइब्रेशन्स के जरिए करते हैं बात

बता दें कि हाथी कई तरीके से बातचीत करते हैं। लेकिन कई बार वे इतनी कम ध्वनि में बात करते हैं कि इस आवाज को इंसान भी नहीं सुन पाते। वे इस ध्वनि को जमीन पर उत्पन्न करते हैं, उसके बाद एक दूसरे से बात करते हैं।

खड़े होकर सोते हैं हाथी

जब हाथियों पर रिसर्च किया गया तो पता चला तो एक चौंकाने वाली बात सामने आई। इसमें यह पता चला कि हाथी लेट कर नहीं, बल्कि खड़े होकर अपनी नींद पूरा करते हैं। वैज्ञानिकों का कहना है कि जंगल में अधिकतर हाथी खड़े होकर सोते हैं, क्योंकि खड़े रहने पर हाथी आराम से हिल-डुल सकते हैं। इसके पीछे कि एक वजह यह है कि हाथी का शरीर वजन में काफी भारी होता है। ऐसे में जब वे जमीन पर बैठते है तो कई बार उन्हें चोट भी लग जाती है।

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