महिला दिवस पर अनूठी पहल : 1100 बेटियों ने 1100 पौधे रोपित कर 5 एकड़ में बनाया देश का पहला अपने नाम का ऑक्सीजन बाग
सोनीपत के गांव बलिकुतुबपुर में पांच एकड़ पंचायती जमीन पर पर्यावरण परिवार के सदस्यों की मेहनत व जिला प्रशासन के सहयोग से ऑक्सीजन बाग मंगलवार को स्थापित किया गया। उक्त ऑक्सीजन बाग को गांव के युवाओं ने दिन-रात मेहनत करके तैयार किया है।;
हरिभूमि न्यूज. गन्नौर ( सोनीपत )
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर में प्रदेश की बेटियों ने पर्यावरण परिवार के सदस्यों के साथ मिलकर अनूठी पहल की शुरूआत की है। सोनीपत जिले के गांव बलिकुतुबपुर में पांच एकड़ भूमि पर 1100 बेटियों ने 1100 पौधे रोपित कर देश में पहला ऑक्सीजन बाग स्थापित बेटियों के नाम से स्थापित करने में अपनी अग्रणी भूमिका निभाई है। ऑक्सीजन बाग में प्रशासनिक पदों पर तैनात महिला कर्मचारी व स्कूली छात्राओं ने भाग लिया। पर्यावरण परिवार के सदस्यों की तरफ से उक्त बाग को वीरांगना अमृता देवी ऑक्सीजन बाग के रूप में स्थापित किया हैं। जोकि देश का बेटियों के हाथों से पौधारोपण कर स्थापित किया गया हैं। जो प्रदेश के साथ-साथ देश में पौधारोपण को जनअंदोलन का रूप देने में अपनी भूमिका निभाएगा।
बता दें कि गांव बलिकुतुबपुर में पांच एकड़ पंचायती जमीन पर पर्यावरण परिवार के सदस्यों की मेहनत व जिला प्रशासन के सहयोग से ऑक्सीजन बाग मंगलवार को स्थापित किया गया। उक्त ऑक्सीजन बाग को तैयार करने के लिए गांव के युवाओं ने पर्यावरण के प्रति कदम उठाते हुए दिन-रात मेहनत करके तैयार किया है। उक्त बाग को वीरांगना अमृता देवी के नाम पर स्थापित किया हैं। इस ऑक्सिजन बाग की विशेषता रही कि इसमें हर एक पौधा बहन-बेटियों ने ही लगाया। स्कूली छात्राओं ने विशेष रूप से बाग में पौधारोपण किया। साथ ही महिला प्रशासनिक एवं विभागीय अधिकारियों-कर्मचारियों ने भी बाग में पौधारोपण करते हुए अपना योगदान दिया।
इनके साथ मनरेगा से जुड़ी तथा स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं ने भी पौधारोपण किया। इस मौके पर विशेष रूप से गन्नौर के एसडीएम सुरेंद्र दून तथा खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी अंकिता वर्मा, खंड शिक्षा अधिकारी सुरजीत सिंह, महिला एवं बाल विकास विभाग की जिला कार्यक्रम अधिकारी प्रवीन कुमारी, जिला बाला संरक्षण अधिकारी डा. रितु, संरक्षण अधिकारी (गैर-संस्थानिक) आरती सहित स्कूलों की छात्राएं मौजूद रही।
देश का पहला बाग बेटियों को किया समर्पित
प्रदेश को हरा-भरा बनाने के लिए कई सालों से मुहिम को आगे बढ़े रहे ट्री-मैन देवेंद्र सूरा ने बताया कि उनकी टीम ने करनाल, झज्जर, सोनीपत रेवाड़ी में अलग-अलग गांवों में ऑक्सीजन बाग स्थापित किए हैं। त्रिवेणी अभियान से हुई पौधारोपण अभियान जनआंदोलन का रूप ले चुका हैं। अंतराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर पर्यावरण परिवार के सदस्यों ने देश का पहला ऑक्सीजन बाग बेटियों को समर्पित करने की सोची। टीम ने प्रशासनिक सहयोग से गांव बलिकुतुबपुर की पांच एकड़ पंचायती जमीन पर 1100 बेटियों ने 1100 पौधे लगाकर देश का पहला बेटियों को समर्पित बाग स्थापित किया है। उक्त बाग में फलदार पौधे, छायादार तथा औषधीय पौधे रोपित किए हैं।
पौधारोपण के दौरान छात्राएं।
देशभक्ति के संदेश के साथ दिया पर्यावरण संरक्षण का संदेश
बलिकुतुबपुर मंगलवार को एक देशभक्ति के रंग से सराबोर हो उठा, जो सीधे तौर पर सामाजिक सरोकार से जुड़ा नजर आया। ऑक्सीजन बाग की स्थापना में पर्यावरण संरक्षण के साथ बेटियों के संरक्षण को विशेष रूप से बल दिया गया। पूरा परिसर देश की आन-बान-शान के प्रतीक तिरंगों की चारदिवारी में समाकर देशभक्ति का एक अद्भुत नजारा प्रस्तुत कर रहा था। देशभक्ति से ओतप्रोत गीतों की स्वरलहरियों के साथ बहन-बेटियों ने पौधारोपण किया।
वीरांगना अमृता देवी को किया स्मरण, बेटियों ने निभाई अहम भूमिका
देश का पहला ऑक्सीजन बाग विश्व महिला दिवस के अवसर पर बहन-बेटियों द्वारा तैयार किया गया, जिसे वीरांगना अमृता देवी का समर्पित किया गया है। मुख्य अतिथि के तौर पर शिरकत करने पहुंची एसडीएम सुरेंद्र सिंह ने वीरांगना अमृता देवी को विशेष रूप से नमन करते हुए उनका इतिहास याद किया गया। वहीं ट्री-मैन देवेंद्र सूरा ने बताया कि अमृता देवी ने 1730 में राजस्थान मेंं अपने गांव खेजड़ी में पेड़-पौधे बचाने के लिए खुद को कुर्बान कर दिया था। अपनी तीन बेटियों आसू, रत्नी और भागू के साथ पर्यावरण के लिए खुद की बलिदानी दी। उन्होंने खेजड़ी के पेड़ोंं को बचाने के लिए अपने प्राणों का बलिदान दिया।
पौधारोपण के दौरान छात्राओं को हौसला बढ़ाने पहुंची एसडीएम व अन्य प्रशासनिक अधिकारी