एनडीए परीक्षा में देशभर में 14वां रैंक, आर्मी में देश सेवा करेगा सोनीपत का भुवनेश
रविवार को भुवनेश की कामयाबी पर परिजनों ने बधाइयां देने वालों का तांता लगा रहा। लाडले की उपलब्धि पर पूरा परिवार फूला नहीं समा रहा। भुवनेश ने बताया कि वह इंटरनेट पर आर्मी जवानों की प्रेरणादायक कहानियां पढ़ता था।;
हरिभूमि न्यूज. सोनीपत
नेशनल डिफेंस एकेडमी (एनडीए) का परिणाम घोषित कर दिया गया। जिसमें सोनीपत के गांव बांगड़ू और हाल सेक्टर-23 निवासी भुवनेश ने इस परीक्षा में देश में 14वां रैंक प्राप्त कर सोनीपत ही नहीं पूरे प्रदेश का नाम रोशन किया। रविवार को भुवनेश की कामयाबी पर परिजनों ने बधाइयां देने वालों का तांता लगा रहा। लाडले की उपलब्धि पर पूरा परिवार फूला नहीं समा रहा। एनडीए की परीक्षा पास करने के बाद भुवनेश अब आर्मी ज्वाइन कर देश की सेवा करेगा।
बता दे कि नेशनल डिफेंस अकादमी की परीक्षा साल में दो बार आयोजित की जाती है। परीक्षा दो चरणों में होती है। पहली चरण में लिखित परीक्षा होती, जबकि दूसरे चरण में एसएसबी साक्षात्कार होता है। एनडीए की परीक्षा में 16.5 वर्ष से लेकर 19 साल तक के विद्यार्थी बैठ सकते हैं। इसके अतिरिक्त अगर कोई विद्यार्थी आर्मी ज्वाइन करना चाहता है तो उसके लिए 12वीं की परीक्षा पास या फिर 12वीं की कक्षा में होना अनिवार्य होता है। जबकि नेवी या फिर वायु सेना ज्वाइन करने के लिए 12वीं कक्षा में भौतिकी विज्ञान व गणित का होना अनिवार्य होता है।
आर्मी जवानों की कहानियों ने भरा जोश
देश में 14वां रैंक हासिल करने वाले भुवनेश ने बताया कि इंटरनेट पर आर्मी जवानों की प्रेरणादायक कहानियां पढ़ता था। इन्हीं कहानियों ने आर्मी ज्वाइन करने का जोश भरा। उसके बाद लक्ष्य निर्धारित कर उसे पाने के लिए एनडीए की जी तोड़ मेहनत शुरू कर दी। हिंदू विद्यापीठ स्कूल से 12वीं पास करने वाले भुवनेश ने बताया कि 12वीं की परीक्षा में 97.2 प्रतिशत अंक प्राप्त होने पर उसका विश्वास काफी बढ़ गया। जिसके बाद घर पर रहकर ही जमकर तैयारी की। एनडीए की तैयारी करवाने में उसकी बड़ी बहन मानसी ने भी काफी मदद की। वहीं साक्षात्कार के लिए उसने कोचिंग ली।
बेटे ने जो सपना देखा वह सच हो गया
भुवनेश के पिता राजीव इंजीनियर हैं और मां गृहणी हैं। बेटे की उपलब्धि पर फूले नहीं समां रहे पिता राजीव ने बताया कि बेटे ने जो सपना देखा था-वह आज सच हो गया। भुवनेश की बड़ी बहन अभी स्नातक की पढ़ाई कर रही है। भुवनेश आर्मी में जाकर देश की सेवा करना चाहता था। उन्होंने बताया कि उनके लिए भी यह गर्व का पल है। अब उनका बेटा देश की सेवा करेगा।