Haryana में 22 वरिष्ठ डेंटल सर्जन बनेंगे डिप्टी सिविल सर्जन

मनोहर सरकार( Manohar Government) व सेहत मंत्री अनिल विज ने तोहफा दे दिया है। अब से पहले सौतेले व्यवहार का शिकार डेंटल डॉक्टरों में 22 वरिष्ठ डाक्टर डिप्टी सीएमओ के पद पर बैठ सकेंगे, इस पर राज्य वित्त विभाग की ओर से मुहर लग चुकी है।;

Update: 2020-08-06 04:50 GMT

योगेंद्र शर्मा : चंडीगढ़

कोरोना संक्रमण (Corona infection) की चुनौती के बीच कोरोना योद्धाओं की टीम में शामिल हुए प्रदेश के डेंटल सर्जन (Dental surgeon) के लिए अच्छी खबर है, क्योंकि राज्य के वरिष्ठ डेंटल सर्जन (Senior dental surgeon) को डिप्टी सिविल सर्जन पद पर बैठने का मौका मिलेगा। अहम बात यहां पर यह है कि चुनौती पूर्ण समय में साथ देने वाले डॉक्टरों को सूबे की मनोहर सरकार व सेहत मंत्री अनिल विज ने तोहफा दे दिया है। अब से पहले सौतेले व्यवहार का शिकार डेंटल डॉक्टरों में 22 वरिष्ठ डाक्टर डिप्टी सीएमओ के पद पर बैठ सकेंगे, इस पर राज्य वित्त विभाग की ओर से मुहर लग चुकी है। इतना ही नहीं प्रदेश के डेंटल डॉक्टरों की बाकी मांगों को लेकर भी स्वास्थ्यमंत्री विज द्वारा सहमति दी जा चुकी है।

प्रदेश के डेंटल डाक्टर एसोसिएशन के साथ में वित्त विभाग के एसीएस टीवीएसएन प्रसाद गुरुवार को दोपहर बाद में अहम वीसी करेंगे, इस दौरान प्रदेशभर के 662 डाक्टरों के प्रतिनिधि व संगठन के अध्यक्ष डाक्टर इंद्रजीत यादव, विजय डबास, जितेंद्र मोरवाल आदि टीम शामिल होगी। एसोसिएशन अभी भी अपनी पुरानी अहम मांगों को भी पूरा कराने की मुहिम में लगी हुई है। इस पर स्वास्थ्यमंत्री और सीएमओ आफिस पहले ही अपनी मुहर लगा चुके हैं। इन मांगों को लेकर अब फाइनल एसीएस वित्त के साथ में विचार विमर्श होना है। 

सुरीना राजन कमीशन में भी मामला लंबित

एसो. अध्यक्ष बताते हैं कि उनकी इन मांगों को लेकर सरकार द्वारा वेतन विसंगति को लेकर गठित सुरीना राजन कमीशन में भी मामला लंबित है। इन मांगों में मेडिकल अफसर डेंटल, एंट्री होते ही क्लास वन जैसा बाकी राज्यों व केंद्र द्वारा दिया जा रहा है। डिप्टी डायरेक्टर स्टेट मुख्यालय पर, चौथी मांग पांच, दस व पंद्रह साल की सर्विस पर सौ फीसदी एसीपी दी जाए क्योंकि अभी भी पदोन्नति के मामले में सौतेला व्यवहार हो रहा है। अहम बात यह है कि मेवात और मोरनी हिल्स में ड्यटूी करने वाले डेंटल डाक्टरों को किसी तरह का कोई स्पेशल भत्ता नहीं दिया जाता है। पांचवी मांग छह पीजी इंक्रीमेंट भी तुरंत दिए जाने का मामला भी है। सरकार की पीजी पालिसी 2018 में डेंटल भी कवर होते हैं, लेकिन बिना किसी कारण रोकने पर भी डेंटल एसोसिएशन ने आपत्ति जताई है।

70 फीसदी डॉक्टरों की ड्यूटी कोविड-19 में लगी हुई है

प्रदेश के राज्यपाल ने कोविड में रात दिन काम करने वाले डेंटल योद्धाओं को पांच अगस्त को एक पत्र जारी करते हुए सीएम की घोषणा के अनुसार डेंटल डाक्टरों पर भी इसको लागू करने का नोटिफिकेशन जारी कर दी है। जिससे डेंटल डाक्टरों में कोविड की ड्यूटी दे रहे डाक्टरों को फायदा होगा। बताया जा रहा है कि साढ़े छह सौ डाक्टरों में से 70 फीसदी की ड्यूटी कोविड में लगी हुई है। उधर, 04 अगस्त को एफडी ने भी डेंटल डाक्टरों को तोहफा देते हुए 22 पोस्टों पर डिप्टी सीएमओ डेंटल तैनात किए जाने पर मुहर लगा दी है। मामला काफी समय से लंबित चला आ रहा था।  

फ्रंटलाइन वॉरियर्स के तौर पर काम कर रहे हैं डेंटल सर्जन

डाक्टर और डेंटल सर्जन एसोसिएशन के प्रधान डाक्टर इंद्रजीत सिंह यादव का कहना है कि हरियाणा के स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत डेंटल सर्जन फ्रंटलाइन योद्धा के रूप में कार्य कर रहे हैं। महामारी के दौरान हरियाणा के सभी डेंटल जिम्मेदारियां निभा रहे हैं और कोरोना के फैलने से रोकने के लिए अपनी जान की परवाह ना करते हुए हर जोखिम भरी ड्यूटी दिल से कर रहे हैं। राज्य प्रधान डॉ इंद्रजीत यादव ने बताया कि एसोसिएशन के आह्वान पर हरियाणा के स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत सभी डेंटल सर्जन आज फ्रंटलाइन वारियर बना हुआ है जिसके तहत हरियाणा के सभी जिलों में विभिन्न प्रकार की जोखिम भरी ड्यूटी कर रहे हैं।  

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