किसान महापंचायत : किसानों को वैशाखी बनाकर हरियाणा में पांव जमाने की जुगत में आम आदमी पार्टी

किसानहित की बात करके किसानों के बीच पैठ बनाना तो उद्देश्य है ही साथ में भाजपा की केंद्र सरकार तथा आंखों की किरकिरी पंजाब सरकार को भी घेरने का लक्ष्य है। इसी वर्ष अंत में पंजाब में विधानसभा चुनाव भी है।;

Update: 2021-04-04 07:49 GMT

हरिभूिम न्यूज : जींद

किसान महापंचायत के नाम पर आम आदमी पार्टी भाजपा सरकार से नाराज चल रहे किसानों को वैशाखी बनाकर हरियाणा में पांव जमाने की जुगत में है। जिसके चलते राजनीतिक रैलियों के नाम से विख्यात हरियाणा का केंद्र बिंदू जींद को किसान महापंचायत के लिए चुना है। आज ( चार अप्रैल) एकलव्य स्टेडियम के निकट होने वाली किसान महापंचायत को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल संबोधित करेंगे। जिसके पीछे मुख्य मकसद एक तीर से दो निशाने साधना है।

किसानहित की बात करके किसानों के बीच पैठ बनाना तो उद्देश्य है ही साथ में भाजपा की केंद्र सरकार तथा आंखों की किरकिरी पंजाब सरकार को भी घेरने का लक्ष्य है। इसी वर्ष अंत में पंजाब में विधानसभा चुनाव भी है। तीन कृषि कानून तथा एमएसपी को लेकर सत्तारूढ सरकार पर निशाना साधा जाएगा तो पंजाब भी निशाने पर रहेगा। वास्तविकता यह है कि इस किसान महापंचायत के माध्यम से आप हरियाणा में अपना खोया आस्त्तिव तलाशेगी। वह भी उस दौरान जब तीन कृषि कानून को लेकर किसान बिफरे हुए हैं और पिछले साढ़े तीन माह से सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं। जब राजनीति करने के लिए किसान आंदोलन के रूप में पकी हुई फसल मिल रही है तो भला ऐसे हालातों का फायदा उठाया जाना भी लाजमी है। हरियाणा में आम आदमी पार्टी ने वर्ष 2014 में कदम रखा था और नवीन जयहिंद को इसकी कमान सौंपी थी। पार्टी ने उनके नेतृत्व में कुछ हद तक पकड़ बना ली थी।

नवीन जयहिन्द की राजनीतिक गतिविधियां छोड़ने के बाद हरियाणा से आप हासिए पर चली गई। जिसके बाद हरियाणा में पार्टी की पकड़ बनाने के लिए रा'यसभा सांसद सुशील गुप्ता को हरियाणा का प्रभारी बनाया गया। सुशील गुप्ता की बैकग्राउंड जींद जिले के जुलाना हलके से जुड़ी हुई है। जो किसान महापंचायत को लेकर पिछले एक सप्ताह से लगातार जिले में सक्रिय हैं। किसान आंदोलन के बीच रा'यसभा सांसद सुशील गुप्ता के गृह जिला में पहला बड़ा कार्यक्रम है। किसान महापंचायत के नाम पर फिट की जा रही गोटियों का फायदा आप पार्टी को कितना मिलेगा, इसका फैसला रविवार को भीड़ जुटने से लग पाएगा।

भाकियू के जिलाध्यक्ष आजाद पालवां ने कहा कि न तो किसान महापंचायत को समर्थन है और न ही वे विरोध कर रहे हैं। किसानों का राजनीतिक दलों से कोई लेना देना नहीं है। अगर कोई धरने पर समर्थन करने आता है तो सम्मान करते है लेकिन उनके साथ मंच को सांझा नहीं करते।

सर्वजातीय सर्वखाप के राष्ट्रीय महासचिव, जन कल्याणा मंच के राष्ट्रीय प्रवक्ता व खाप नेता टेक राम कंडेला ने कहा कि उनका इस किसान महापंचायत से कोई लेना देना नही है। वे ना ही तो इसके पक्ष में है और ना इसके विरोध में है। उन्होने बताया कि वह संयुक्त किसान मोर्चा की पांच सदस्यीय कमेटी का सदस्य है वह खुद या अन्य कोई भी सदस्य किसी भी राजनीतिक पार्टी के कार्यक्त्रम में शिरक्त नही करेंगे।

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