अभय सिंह चौटाला बोले : ये उपवास नहीं, बकवास है

भाजपा सरकार कैसे हरियाणा और पंजाब (Punjab) के लोगों की एकता में मतभेद पैदा किए जाए और कैसे छोटे और बड़े भाई को लड़ाया जाए, उसके लिए एक दिन का उपवास रखती है, ये उपवास नहीं ये बकवास है।;

Update: 2020-12-22 10:47 GMT

चंडीगढ़। इंडियन नेशनल लोकदल के प्रधान महासचिव एवं विधायक अभय सिंह चौटाला (Abhay Singh Chautala) ने मंगलवार को चंडीगढ़ स्थित निवास पर पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि केंद्र सरकार के गलत निर्णयों के कारण आज किसान अपने हकों के लिए आंदोलन करने पर मजबूर है।

भाजपा सरकार कैसे हरियाणा और पंजाब के लोगों की एकता में मतभेद पैदा किए जाए और कैसे छोटे और बड़े भाई को लड़ाया जाए, उसके लिए एक दिन का उपवास रखती है, ये उपवास नहीं ये बकवास है।

2016 में सुप्रीम कोर्ट के हरियाणा के पक्ष में निर्णय आने के बाद एसवाईएल के निर्माण लिए मुख्यमंत्री (Chief Minister) के नेतृत्व में सभी दलों के लोग राष्ट्रपति से मिले और उन्हें ज्ञापन सौंपा लेकिन आज पांच साल से ऊपर का समय हो गया है, अभी तक प्रदेश के मुख्यमंत्री को प्रधानमंत्री ने मिलने तक का समय नहीं दिया है।

इनेलो नेता ने कहा कि अगर भाजपा सरकार को एसवाईएल नहर की चिंता होती तो अब तक नहर का निर्माण करवा दिया होता। उन्होंने कहा कि सरकार उपवास थोड़ी करती है, सरकार फैसला लागू करती है। आज भी अगर मुख्यमंत्री इस मुद्दे पर गंभीर हैं तो जल्द से जल्द विधान सभा का सत्र बुला कर दो लाइन का प्रस्ताव केंद्र की सरकार को भेज कर मांग करे कि केंद्र की एजेंसी द्वारा एसवाईएल नहर का निर्माण किया जाए।

भाजपा की हमेशा लोगों को आपस में लड़ा कर उन्हें कमजोर करने की नीति रही है जिसके तहत आज भी आपसी विवाद पैदा कर लोगों का ध्यान बांटना चाहती है ताकि किसानों के आंदोलन को कमजोर किया जा सके।

अगर मुख्यमंत्री को पानी की चिंता होती तो दादूपुर नलवी नहर, जिस पर प्रदेश के 350 करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं, उसे बंद करने के बजाय थोड़ा पैसा और खर्च करके प्रदेश के तीन जिलों को आत्मनिर्भर बना सकते थे।

इनेलो नेता ने कहा कि असल मायने में एसवाईएल को लेकर चौधरी देवी लाल ने पहले प्रयास किए उसके बाद कोर्ट में मामला जाने के बाद ओम प्रकाश चौटाला ने प्रयास किए और हरियाणा के हक में फैसला आया लेकिन उस समय की पंजाब में कांग्रेस की सरकार ने विधान सभा में बिल लाकर सभी पानी के समझौते रद्द करके राष्ट्रपति को भेज दिए थे। उन्होंने कहा कि इनेलो पार्टी ने सुप्रीम कोर्ट का फैसला लागू करवाने के लिए 2016 से लेकर 2018 तक पूरे प्रदेश में धरना प्रदर्शन और जेल भरो आंदोलन किए और प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन दिए लेकिन तब भाजपा ने एसवाईएल पर कोई सुध नहीं ली।

पत्रकार वार्ता के दौरान उनका इस्तीफा देने के सवाल का जवाब देते हुए अभय सिंह चौटाला ने कहा कि उनकी रगों में चौधरी देवी लाल का खून है, अगर आप सभी पत्रकार एक स्वर में इस्तीफा देने के लिए कहो और उससे किसान आंदोलन को मजबूती मिलती है तो अभी विधान सभा जा कर इस्तीफा दे दूंगा।



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