Farmers protest : 21 घंटे जाम के बाद किसानों ने खोला नेशनल हाईवे, मांगों को प्रशासन ने माना
उपायुक्त ने धरना स्थल पर पहुंचकर किसानों को आश्वासन दिया है कि जो धान मंडियों में पड़ी है और जो धान मंडियों में एक अक्तूबर तक आएगी वह बोरियों में भरी जाएगी जिसकी जिम्मेवारी प्रशासन की होगी।;
हरिभूमि न्यूज. कुरुक्षेत्र/शाहबाद। धान की सरकारी खरीद शुरू नहीं किए जाने पर किसानों द्वारा भाकियू नेता गुरनाम सिंह चढूनी के नेतृत्व में राष्ट्रीय राजमार्ग पर शाहबाद में 21 घंटों तक लगाया गया जाम किसानों ने उपायुक्त कुरुक्षेत्र शांतनु शर्मा के आश्वासन के बाद खोल दिया है। उपायुक्त ने धरना स्थल पर पहुंचकर किसानों को आश्वासन दिया है कि जो धान मंडियों में पड़ी है और जो धान मंडियों में एक अक्टूबर तक आएगी वह बोरियों में भरी जाएगी जिसकी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।
उपायुक्त ने कहा कि जिमीदारों के पर्चें एक अक्टूबर से ही कटेंगे। इस बात पर किसानों और सरकार की सहमति बन गई है जिसके बाद किसानों ने जीटी रोड खाली कर दिया है। भाकियू के राष्ट्रीय अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने इसे किसानों की जीत करार दिया। इससे पहले शुक्रवार से लेकर शनिवार सुबह तक भाकियू कार्यकर्ताओं की प्रशासन के साथ 7 बार वार्ता चली लेकिन वह विफल रही। शनिवार सुबह करीब 8:30 बजे उपायुक्त धरना स्थल पर पहुंचे थे और उन्होंने भाकियू कार्यकर्ताओं से फिर वार्ता की थी। वार्ता के बाद उपायुक्त ने एक घंटे का समय लिया था। उसके बाद सुबह 10 बजे उपायुक्त शांतनु शर्मा दोबारा स्थल पर पहुंचे और किसानों को आश्वासन दिया जिसके बाद किसानों ने जाम खोल दिया। जाम खोलने के बाद पुलिस प्रशासन ने भी राहत की सांस ली।
बता दें कि गुरनाम सिंह चढूनी ने 20 सितंबर को शाहबाद रेस्ट हाऊस में बैठक कर ऐलान कर दिया था कि यदि 22 सितंबर तक धान की सरकारी खरीद शुरू नही की गई तो किसान 23 सितंबर को जीटी रोड जाम करेंगे। इसी के चलते शुक्रवार को किसान शाहबाद स्थित ऊधम सिंह मेमोरियल ट्रस्ट में इकट्ठा हुए और दोपहर को एक बजे जीटी रोड जाम कर दिया था। किसानों ने रात को धरना स्थल पर टेंट लगा दिए। सारी रात धरना स्थल पर ही गुजारी। वही पर लंगर चखा। किसानों के जाम के चलते वाहन चालकों को परेशानी का सामना करना पड़ा। उन्हें दूसरे मार्गों से गंतव्य की ओर जाना पड़ा। अब किसानों द्वारा जाम खोलने के बाद प्रशासन ने राहत की सांस ली।