अधिवक्ताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखा खुला पत्र, किसान कानून वापस लेने की मांग

पत्र में कहा गया कि आवश्यक वस्तु संशोधन कानून में छह जरूरी चीज अनाज, दालें, आलू, प्याज, वनस्पति तेल व तिलहन इत्यादि की स्टॉक लिमिट खत्म करने से जमाखोर व कालाबाजारी को बढ़ावा मिलेगा।;

Update: 2020-12-19 12:10 GMT

हरिभूमि न्यूज : रेवाड़ी

रेवाड़ी बार के अधिवक्ताओ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के नाम खुला पत्र लिखकर तीन किसान कानून तत्काल वापस लेने की मांग की। इससे दो दिन पहले केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के नाम खुला पत्र लिखा गया था।

एडवोकेट शंकर सिंह लेफ्टिनेंट कमांडर (रिटायर्ड), कॉमरेड रमेश चंद्र एडवोकेट, विजय सिंह एडवोकेट, विक्रम सिंह चौहान एडवोकेट,आरती यादव एडवोकेट, मुकेश वशिष्ट एडवोकेट, दिनेश राव एडवोकेट, ब्रिजेंद्र सिंह फोगाट एडवोकेट, जगत सिंह निनानियां एडवोकेट, अमित नानगवाल एडवोकेट, राकेश पवार एडवोकेट, विपिन कुमार एडवोकेट, पवन कुमार एडवोकेट, नवनीत यादव एडवोकेट, रविंद्र मेहरा एडवोकेट, सतीश कुमार एडवोकेट, रमेश यादव एडवोकेट, केतन मौर्य एडवोकेट, ओम प्रकाश यादव एडवोकेट, अरविंद सिंह एडवोकेट, हेमंत कुमार एडवोकेट, श्याम सिंह एडवोकेट, सतीश शर्मा एडवोकेट, ज्ञानेंद्र कुमार एडवोकेट, सत्येंद्र यादव एडवोकेट, नरेंद्र सिंह एडवोकेट, राकेश कुमार एडवोकेट, विपिन एडवोकेट, सुशील शर्मा एडवोकेट, प्रवीण कुमार एडवोकेट, सुनील कुमार एडवोकेट आदि अधिवक्ताओं ने पत्र पर हस्ताक्षर किए।

पत्र में कहा गया कि आवश्यक वस्तु संशोधन कानून में छह जरूरी चीज अनाज, दालें, आलू, प्याज, वनस्पति तेल व तिलहन इत्यादि की स्टॉक लिमिट खत्म करने से जमाखोर व कालाबाजारी को बढ़ावा मिलेगा। जिससे रोजमर्रा की वस्तुओं के मूल्य में अनावश्यक वृद्धि से किसानों के साथ उपभोक्ता परिवारों का जीवन भी संकट में पड़ जाएगा। नए कानूनों में मंडी एक्ट के तहत प्राइवेट कंपनियों को देश में कहीं पर भी कृषि उपज बेचने की छूट दी गई है। जिससे कृषि उपजें कॉरपोरेट्स की मुट्ठी में चली जाएगी।

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