खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग के एएफएसओ और इंस्पेक्टर सस्पेंड, लगे थे ये आरोप

दोनों अधिकारियों की छवि पहले भी दागदार हो चुकी है, विभाग द्वारा इन्हें पहले भी सस्पेंड ही नहीं किया बल्कि इन अधिकारियों पर पुलिस केस भी दर्ज हो चुके हैं, बावजूद खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले के कई बड़े अधिकारी आरोपित एएफएसओ व इंस्पेक्टर पर मेहरबान बने रहे।;

Update: 2021-11-18 12:20 GMT

हरिभूमि न्यूज : करनाल

खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग के डायरेक्टर विजय दहिया ने करनाल में कार्यरत एएफएसओ निर्दोष डांगी और इंस्पेक्टर योगेश कुंडू को परखी मारकर गेहूं चोरी मामले में आरोपित मानते हुए तुरंत प्रभाव से सस्पेंड कर दिया। दोनों अधिकारियों की छवि पहले भी दागदार हो चुकी है, विभाग द्वारा इन्हें पहले भी सस्पेंड ही नहीं किया बल्कि इन अधिकारियों पर पुलिस केस भी दर्ज हो चुके हैं, बावजूद खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले के कई बड़े अधिकारी आरोपित एएफएसओ व इंस्पेक्टर पर मेहरबान बने रहे, जिसके चलते गंभीर आरोप लगने के बाद भी अहम जगहों पर डयूटी लगाने से परहेज नहीं किया गया। जिससे इन अधिकारियों के रसूख का पता चलता है। दागदार रिकार्ड होने बावजूद गेहूं-धान खरीद में डयूटियां लगाई जाती रही, जबकि ऐसे कई इंस्पेक्टर व सब इंस्पेक्टर काम के बिना विभाग में बैठे रहे, जो साफ छवि थे।

डिपो होल्डर्स ने दिए एएफएसओ के खिलाफ शपथ पत्र.. जांच जारी

सस्पेंड किए जा चुके एएफएसओ के खिलाफ असंध के डिपो होल्डर्स ने बाकायदा शपथ देकर कई गंभीर आरोप लगाए थे, जिनकी जांच अभी तक चल रही है। जांच कब पूरी होगी, कुछ बताया नहीं जा सकता। वहीं अधिकारी के खिलाफ एक अज्ञात शिकायतकर्ता ने शिकायत दर्ज कराई थी। लेकिन विभाग के आला अधिकारी ने शिकायतकर्ता के सामने न आने के चलते मामले को ठंडे-बस्ते में डाल दिया। यही नहीं सस्पेंड किए गए एएफएसओ पर तरावड़ी में भी कई गंभीर आरोप लगे थे, मामले में पुलिस केस हुआ था, अब भी मामला कोर्ट में विचाराधीन है।

गेहूं में पानी मारकर वजन बढ़ाने के लगे थे इंसपेक्टर योगेश पर आरोप

सस्पेंड किए गए दूसरे इंस्पेक्टर योगेश कुंडू के खिलाफ भी इंद्री में गेहूं पर पानी मारने के आरोप लगे थे, मामले में इंस्पेक्टर के खिलाफ कार्रवाई हो चुकी है, बावजूद खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग के करनाल में कार्यरत रहे आला अधिकारियों के चहेते बने रहे। जिसकी वजह से अन्य विभागीय इंस्पेक्टरों-सब इंस्पेक्टरों के खिलाफ तो तुरंत कार्रवाई होती रही, लेकिन रसूख रखने वाले दागदार छवि वाले अधिकारी कार्रवाई के नाम पर बचते रहे। अब जबकि मामले की जांच एडीसी करनाल योगेश कुमार द्वारा की गई, जिसके चलते मामले में मिलीभगत पाए जाने पर कार्रवाई अमल में लाई गई।

ये है मामला

अगस्त माह में असंध-सालवन रोड पर विभाग के गोदाम में गेहूं का स्टॉक रखा था, इस स्टॉक का उठान कार्य चल रहा था, लेकिन एएफएसओ निर्दोष डांगी और इंस्पेक्टर योगेश कूंडु की लेबर पर गेहूं के कट्टों में परखी मारकर चोरी करने के आरोप लगे थे, इसका बाकायदा वीडियो भी वायरल हुआ था। जिसके चलते विभाग की काफी किरकरी हो रही थी। मामले की जांच डीसी निशांत यादव द्वारा एडीसी योगेश कुमार को सौंपी थी। जांच में निर्दोष डांगी व योगेश कुंडू की मिलीभगत सामने आई थी। जांच रिपोर्ट के आधार पर डायरैक्टर द्वारा कार्रवाई अमल में लाई गई।

Tags:    

Similar News