आधार कार्ड के नए नियम : बच्चे का 5 व 15 साल की उम्र के बाद बायोमेट्रिक डिटेल्स अपडेट जरूरी, नहीं तो Aadhaar Card हो सकता है कैंसिल

यूआईडाई ने पांच साल पर इसे अपडेट कराना जरूरी किया है। ठीक उसी तरह बच्चा जब किशोरावस्था में जाता है तो उसके बायोमेट्रिक पैरामीटर में बदलाव होते हैं। इसलिए एक बार फिर 15 साल की उम्र होने पर बायोमेट्रिक डिटेल्स अपडेट कराना जरूरी किया है।;

Update: 2021-12-05 06:33 GMT

हरिभूमि न्यूज : नारनौल

आधार कार्ड (Aadhaar card) अब हमारे जीवन का आवश्यक हिस्सा बन गया है, क्योंकि आधार एक उपयोगी दस्तावेज हो गया है। नवजात बच्चे का भी आधार कार्ड बनवाया जा सकता है। इसके लिए इंतजार करने की जरूरत नहीं है। यदि आपने अपने बच्चे का आधार कार्ड बनवाया है तो उसमें दो बार पांच साल व 15 साल की उम्र में कुछ जरूरी बदलाव करने पड़ते है। यह बदलाव बच्चों का बायोमेट्रिक अपडेशन (Biometric Update) कहलाता है।

जानकारी के अनुसार जब आपका बच्चा पांच साल का हो जाए तो उसकी बॉयोमीट्रिक डिटेल अपडेट करानी अनिवार्य है, इसी तरह बच्चे की उम्र 15 साल होने पर भी बायोमेट्रिक डिटेल्स अपडेट करानी पड़ती है। जिन बच्चों का आधार कार्ड पांच साल से पहले बन जाता है, उन बच्चों के बायोमेट्रिक्स यानी अंगुलियों के निशान व आंखों की पुतली विकसित नहीं होते हैं। इसलिए इतने छोटे बच्चों के आधार इनरॉलमेंट के वक्त उनके बायोमेट्रिक डिटेल्स नहीं ली जाती है। इसलिए यूआईडाई ने पांच साल पर इसे अपडेट कराना जरूरी किया है। ठीक उसी तरह बच्चा जब किशोरावस्था में जाता है तो उसके बायोमेट्रिक पैरामीटर में बदलाव होते हैं। इसलिए एक बार फिर 15 साल की उम्र होने पर बायोमेट्रिक डिटेल्स अपडेट कराना जरूरी किया है।

जन्म प्रमाण पत्र के अनुसार रिकॉर्ड होना जरूरी

एडीसी ऑफिस स्थित आधार सेंटर ऑपरेटर राकेश कुमार ने बताया कि स्कूल रिकॉर्ड में बच्चों के आधार कार्ड अनिवार्य होने पर उनकी लैटेस्ट फोटो जरूरी है। बाल आधार कार्ड में नाम होने पर ही सरकारी सुविधाओं का लाभ मिलता है। बच्चे का आधार कार्ड बनवाने के लिए जन्म प्रमाण पत्र, माता या पिता का आधार कार्ड तथा फोन नंबर आवश्यक है।

बिना नाम के आधार कार्ड से सरकारी सुविधाओं वंचित रह जाते है लोग

ढाणी बाठोठा सीएससी ऑपरेटर ने बताया कि बिना नाम वाले शिशु बच्चों का उनकी फैमली आईडी नाम नहीं लिखा जाता है। जिससे वो परिवार उन बच्चों का सरकारी लाभ नहीं ले पाता। स्कूलों में दाखिले में भी परेशानी का सामना करना पड़ता है और न ही राशन कार्ड में नाम लिखा जाता है।

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