Akshaya Tritiya : जानिए कब है अक्षय तृतीया, कई साल बाद बन रहा ग्रहों का ऐसा शुभ संयोग
अक्षय तृतीया वसंत ऋतु के समापन व ग्रीष्म के आरंभ का संधिकाल है। इस दिन शिव पार्वती की पूजा का विधान है। आखा तीज के बारे में मान्यता है कि इस दिन किए जाने वाले कार्य का प्रतिफल अक्षय होता है।;
हरिभूमि न्यूज : बहादुरगढ़
शुभ संयोगों के बीच इस बार अक्षय तृतीया ( Akshaya Tritiya ) तीन मई को मनाई जाएगी। अक्षय तृतीया वसंतऋतु के समापन व ग्रीष्म के आरंभ का संधिकाल है। इस दिन शिव पार्वती की पूजा का विधान है। इस दिन विवाह सहित अन्य मांगलिक आयोजनों की भरमार रहेगी। इस बार शुभ लग्न में मंगलवार का सुखद संयोग है। मंगलवार को अक्षय तृतीया रोहिणी नक्षत्र, शोभन योग और वृषभ राशि के चंद्रमा के साथ आ रही है। साथ ही मालव्य राजयोग, हंस राजयोग और शश राजयोग बन रहा है।
दरअसल, अक्षय तृतीया हर वर्ष वैशाख के महीने की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाई जाती है। इस साल यह 3 मई को मनाई जाएगी। तृतीया तिथि 3 मई मंगलवार को सुबह 05:18 से शुरू होगी और 4 मई बुधवार सुबह 07:32 पर समाप्त होगी। आखा तीज के बारे में मान्यता है कि इस दिन किए जाने वाले कार्य का प्रतिफल अक्षय होता है। अक्षय का अर्थ होता है, जिसका कभी भी क्षय न हो यानी कभी नाश न हो। स्वयं सिद्ध मुहूर्त के कारण इस दिन विवाह आयोजन की भरमार रहेगी। बारात घर, बैंड, धूमाल, टेंट, हाटल आदि पहले से बुक हो चुके हैं। कोरोना के कारण 2020 व 2021 में अक्षय तृतीया पर बड़े आयोजन नहीं हो सके थे। पर इस बार कोरोना से मिली राहत के चलते सामूहिक सहित अन्य विवाह आयोजन होंगे।
पंडित महेंद्र शर्मा ने बताया कि इस बार अक्षय तृतीया मंगल रोहिणी नक्षत्र के शोभन योग में मनाई जाएगी। ग्रहों का ऐसा शुभ संयोग करीब कई साल बाद बन रहा है। जिसमें दो ग्रह उच्च राशि में और दो प्रमुख ग्रह स्वराशि में स्थित होंगे। इस दिन चंद्रमा अपनी उच्च राशि वृषभ और शुक्र अपनी उच्च राशि मीन में रहेंगे। वहीं इस दिन सूर्य भी अपनी उच्च राशि में स्थित रहेंगे। दूसरी ओर शनि स्वराशि कुंभ और बृहस्पति स्वराशि मीन में विराजमान रहेंगे। अक्षय तृतीया पर ग्रहों की ऐसी स्थिति में होना महालाभ की प्राप्ति के संयोग हैं। अक्षय तृतीया के दिन शादी, गृह-प्रवेश, कपड़े और जेवर की खरीददारी सहित अन्य शुभ कार्यों की शुरुआत कर सकते हैं।