शराब घोटाला : गृहमंत्री ने लिखा पत्र, इन आईएएस व महिला आईपीएस पर कर दो कार्रवाई
अनिल विज (Anil Vij) ने पूरे मामले में एक तीर से कईं निशाने साधते हुए एक आईपीएस महिला अधिकारी, एक आईएएस के विरुद्ध कार्रवाई के लिए लिख दिया है, इतना ही नहीं विज ने इस पूरे मामले को अभी भी ढ़ीला नहीं छोड़ा है;
योगेंद्र शर्मा. चंडीगढ़
हरियाणा के चर्चित शराब घोटाले को लेकर भले ही एसईटी (SET) ने कईं बड़े अफसरों से लेकर निचले स्तर तक बने सिंडिकेट (चेन) का खुलासा करते हुए कार्रवाई की संस्तुति कर दी है।
वहीं, करड़ों के शराब घोटाले में दोषियों पर अब कार्रवाई का वक्त आ गया है। अनिल विज ने पूरे मामले में एक तीर से कईं निशाने साधते हुए एक आईपीएस महिला अधिकारी, एक आईएएस (Ias) के विरुद्ध कार्रवाई के लिए लिख दिया है, इतना ही नहीं विज ने इस पूरे मामले को अभी भी ढ़ीला नहीं छोड़ा है बल्कि अब पूरे मामले में सभी दोषियों पर शिकंजा कसने के लिए विजिलेंस के पास में कार्रवाई के लिए मामला भेजे जाने की सिफारिश कर दी है।
इस तरह से पूरे लाक डाउन के दौरान शराब तस्करी और अवैध शराब की बिक्री का खेल करने वालों की मुश्किलें अभी कम होने वाली नहीं हैं। अंतरराज्यीय शराब घोटाला अब एसईटी से निकलकर विजिलेंस के पास में जा रहा है, इस तरह से आने वाले वक्त में शराब माफियाओं की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं लेंगी।
मामले में गुरुवार को विज ने बातों ही बातों में कईं चीजों की तरफ इशारा कर दिया है। शराब की तस्करी, गोदामों से गायब होने, डिस्टलरी से माल निकलने, लाक डाउन में शराब की बिक्री जैसे गंभीर आरोपों के साथ ही पूरे मामले में विज ने यह भी साफ कर दिया है कि मामला हरियाणा तक सीमित नहीं है, बल्कि यह अंतरराज्यीय केस है।
यहां पर अहम बात यह है कि शराब के चर्चित मामले में विज एसआईटी गठित करना चाहते थे, लेकिन एसआईटी को एसईटी कर दिया गया। जिसके पास में केवल इंकवायरी की पावर थी, किसी को समन करने और बाकी कईं तरह की पावर नही ंथी। गुरुवार को एक बार विज ने पीड़ा जाहिर करते हुए कहा कि अगर एसआईटी गठित हो जाती, तो विजिलेंस को कार्रवाई के लिए मामला देने की नौबत नहीं आती क्योंकि एसआईटी के पास में समन करने, बुलाने, बयान दर्ज करने, पूचताछ जैसे पावर भी होती।
लेकिन यह पावर विजिलेंस के पास में हैं। इसीलिए अब कार्रवाई के लिए हरियाणा स्टेट विजिलेंस ब्यूरो को पूरा मामला सौंपा गया है। विज ने कहा कि विजिलेंस के पास में सारी पावर है, समन करने के साथ ही पूछताछ व गिरफ्तारी तक की पावर है। शराब घोटाले में शामिल एक भी दोषी को बख्शने का सवाल ही नहीं हैं। दूसरा, विजिलेंस भी इस मामले में जांच मिलने पर फूंक फूंककर कदम रखेगी क्योंकि मामाला गृहमंत्री के विभाग से संबंधित होगा।
पुलिस कर्मियों पर गिरेगी गाज
पूरे मामले में विज अपने गृह महकमें के उन जांच अधिकारियों को माफ हीं करना चाहते, जिन्होंने शराब तस्करी में पकड़े गए ट्रक और शराब के मामले में केवल अपनी जांच को ट्रक चालकों तक सीमित कर चालकों पर कार्रवाई की है।
दो सौ से ज्यादा मामलों में लीपापोती के कारण पुलिस महकमें के उन लोगों की नींद हराम होने जा रही है, जिन्होंने चालकों को अंदर कर इन मामलों को रफा दफा करने में जल्दबाजी की है। इन सभी को सूचीबद्ध करने के साथ ही इन पर शिकंजा कसने की तैयारी है।
इतना ही नहीं जिलों में खेल करने वाले आबकारी विभाग के कर्मियों, डीईटीसी, निरीक्षकों सहित तमाम लोगों पर भी शिकंजा कसा जाएगा, इनके नाम भी एसईटी की जांच पड़ताल में सामने आ रहे हैं।
मुख्य आरोपित को कैसे मिले गनमैन और लाइसेंस
चर्चित शराब घोटाले में मुख्य आरोपित को दो गनमैन और गन का लाइसेंस तत्कालीन एसपी प्रतीक्षा गोदारा ने अपने दम पर दिया या फिर किसी उच्च अफसर के दबाव में दिया गया, इस तरह की चर्चाएं अब हरियाणा व पंजाब सचिवालय में तेज हो गईं हैं।
मुख्य आरोपित की गिरफ्तारी के बाद हरियाणा सचिवालय में अक्सर इक्का दुक्का अफसरों के पास में आने वाले आरोपित के संबंधों को लेकर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। बताया जा रहा है कि पहले मुख्यधारा के एक अफसर व अब रिटायर होकर किसी दूसरे पद पर लगने की मुहिम में जुटे अधिकारी के साथ में आरोपी के संबंध रहे हैं। तत्कालीन एसपी की ओर से उच्च अफसर के दबाव व कहने पर ही आरोपित को गनमैन व लाइसेंस दिया गया।
लेकिन विज कहते हैं कि यह सभी बातें, विजिलेंस जांचके दौरान साफ होंगी क्योंकि इनके बयानों के साथ ही पूरे मामले में विजिलेंस को कईं तरह के अधिकार हैं। इसी तरह से एक वरिष्ठ आईएएस को भी विजिलेंस जांच में शामिल होने के लिए बुला सकती है। पूर्व में गठित एसईटी के पास इस तरह के अधिकार नहीं थे।