एशियन मुक्केबाजी चैम्पियनशिप : आंख में चोट के बाद भी रोहतक के अमित पंघाल का दमदार प्रदर्शन, सिल्वर मेडल से करना पड़ा संतोष
अमित पंघाल (52 किग्रा) फाइनल मुकाबले में रियो ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता एवं मौजूदा विश्व चैंपियन उज्बेकिस्तान के जोइरोव शाखोबिदीन की चुनौती से पार पाने में नाकाम रहे।;
दुबई में चल रही एशियाई मुक्केबाजी चैम्पियनशिप में रोहतक के अमित पंघाल (52 किग्रा) फाइनल मुकाबले में रियो ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता एवं मौजूदा विश्व चैंपियन उज्बेकिस्तान के जोइरोव शाखोबिदीन की चुनौती से सोमवार को पार पाने में नाकाम रहे और उन्हें रजत पदक से संतोष करना पड़ा। अमित पंघाल को जोइरोव ने 2019 की विश्व चैम्पयनशिप के फाइनल मुकाबले की तरह एक बार फिर 3-2 से हराया। तोक्यो ओलंपिक के लिए क्वालीफाई कर चुके दोनों मुक्केबाजों के बीच पहले दौर से ही तगड़ी प्रतिस्पर्धा देखने को मिली। जोइरोव पहले दौर में भारी पड़े तो पंघाल ने दूसरे दौर में अपने खेल का स्तर ऊंचा उठाया और प्रतिद्वंद्वी खिलाड़ी की फुर्ती और मुक्कों से बचने में सफल रहे। अमित पंघाल ने टवीट किया कि ये सिल्वर मैडल,मेरे देश के युवाओं ,मेरे कोच अनिल धनखड़ के नाम। काश इस वक्त वो यहाँ दुबई में होते।
पंघाल ने आंख में चोट लगने के बाद भी तीसरे दौर में दमदार खेल दिखाया और इस दौर में जजों से उन्हें ज्यादा अंक मिले लेकिन कुल अंकों के आधार पर वह पिछड़ गये। भारत ने संख्या के मामले में इस टूर्नामेंट में 15 पदकों के साथ अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है। टीम ने इससे पहले 2019 में दो स्वर्ण सहित 13 पदक हासिल किये थे। रविवार को गत चैम्पियन पूजा रानी (75 किग्रा) ने स्वर्ण पदक हासिल किया जबकि छह बार की विश्व चैम्पियन एमसी मैरीकॉम (51 किग्रा) और टूर्नामेंट में पदार्पण कर रही लालबुतसाही (64 किग्रा) और अनुपमा (81 किग्रा से अधिक) को फाइनल में हारने के बाद में रजत पदक से संतोष करना पड़ा था। इससे पहले आठ भारतीय मुक्केबाज सिमरनजीत कौर (60 किग्रा), विकास कृष्ण (69 किग्रा), लवलीना बोरगोहेन (69 किग्रा), जैस्मीन (57 किग्रा), साक्षी चौधरी (64 किग्रा), मोनिका (48 किग्रा), स्वीटी (81 किग्रा) और वरिंदर सिंह (60 किग्रा) को कांस्य पदक मिला है।