आंदोलन खत्म होते ही किसानों का ऐलान, BJP-JJP नेताओं का अब नहीं होगा विरोध
किसान आंदोलन के दौरान संयुक्त किसान मोर्चा, खाप-पंचायतों द्वारा फैसला लिया गया था कि जब तक किसान आंदोलन चलेगा तब तक जेजेपी व बीजेपी नेताओं का गांव में या किसी भी कार्यक्रम में आने पर विरोध करेंगे।;
हरिभूमि न्यूज. उचाना ( जींद )
एक साल से ज्यादा समय से चल रहे किसान आंदोलन को स्थगित करने की घोषणा संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से हो चुकी है। उचाना के उपमंडल कार्यालय में संयुक्त किसान मोर्चा उचाना का धरना 48वें दिन भी वीरवार को जारी रहा। इस दौरान भाकियू ( चढूनी ) जिलाध्यक्ष आजाद पालवां ने कहा कि उनके पास गुरनाम सिंह चढूनी का फोन आया है। संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा दिल्ली बॉर्डर पर चल रहे किसानों के धरने को स्थगित कर दिया है। केंद्र सरकार द्वारा किसानों की मांगे मान ली है। 11 दिसंबर का दिन देश के लिए ऐतिहासिक दिन होगा। ये दिन हर साल विजयी दिवस के रूप में मनाया जाएगा।
उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन के दौरान संयुक्त किसान मोर्चा, खाप-पंचायतों द्वारा फैसला लिया गया था कि जब तक किसान आंदोलन चलेगा तब तक जेजेपी, बीजेपी नेताओं का गांव में आने पर, किसी कार्यक्रम में आने पर विरोध करेंगे। अब आंदोलन के स्थगित होने पर जेजेपी और बीजेपी नेताओं के विरोध का जो फैसला लिया था। अब किसानों की मांग पूरी होने पर दोनाें पार्टियों के नेताओं का विरोध नहीं किया जाएगा।
पालवां ने कहा कि दोनों पार्टियों के नेताओं को एक बात के लिए हमेशा जाना जाएगा कि जब किसान आंदोलन चल रहा था तब जेजेपी, बीजेपी का कोई नेता किसानों के साथ धरने पर नहीं आया। तीनों कृषि कानून जो रद्द हुए हैं उनको किसान हित में बता कर संशोधन की बात करते थे। अब ये ही नेता कानून रद्द होने पर श्रेय ले रहे हैं। प्रदेश का किसान, मजदूर जानता है कि इस आंदोलन में कौन उनके साथ था कौन उनके खिलाफ। किसान, मजदूर को कोई बहका नहीं सकता है।
वहीं महिला प्रधान सिक्किम सफा खेड़ी ने कहा कि इस आंदोलन में एक बात सबसे अलग रही। पुरूषों के बराबर महिलाओं की भागीदारी आंदोलन में रही। किसी भाजपा, जेजेपी नेता का विरोध करना हो या धरनों पर जाना हो महिलाओं की संख्या अच्छी, खाशी रही। घर के काम, काज के बाद निरंतर आंदोलन में महिलाएं सक्रिय रही। महिलाओं ने दिखाया है कि वो घर का चूल्हा-चौका नहीं देश की बागडोर संभालने को तैयार है।