कोर्ट में मामला पहुंचते ही कैंसर पीड़िता का बन गया बीपीएल राशन कार्ड

शहर के ठठेरा कॉलोनी में रहने वाले सचिन कुमार की पत्नी बबीता देवी को 2019 में कैंसर पीड़ित होने का पता चला था। सस्ते इलाज के लिए भी उसे बीपीएल कार्ड की आवश्यकता थी। उसके बाद से ही वह सरकारी कार्यालयों में कार्ड बनवाने के लिए धक्के खा रहा था।;

Update: 2021-01-28 07:07 GMT

हरिभूमि न्यूज. रेवाड़ी

बीपीएल राशन कार्ड के लिए अधिकारियों के कार्यालय में चक्कर लगाकर परेशान हो चुकी एक कैंसर से पीड़ित गरीब महिला का बीपीएल राशन कार्ड कोर्ट में मामला पहुंचते ही बन गया है। कोर्ट ने इस मामले में अभी दो ही तारीख लगाई थी। बुधवार को तीसरी तारीख पर अधिकारियों को तलब किया था। कोर्ट की कार्रवाई से पहले ही इस मामले में खाद्य एवं आपूर्ति विभाग की नींद टूटी और अब महिला का आनन-फानन में बीपीएल कार्ड बना दिया है, क्योंकि कार्ड के अभाव में महिला अपना इलाज नहीं करा पा रही थी। देखना अब यह है कि ये राशन कार्ड ऑनलाइन कब तक अपडेट होता है।

दरअसल, शहर के ठठेरा कॉलोनी में रहने वाले सचिन कुमार की पत्नी बबीता देवी को 2019 में कैंसर पीड़ित होने का पता चला था। सचिन मजदूरी करता है। सचिन की इतनी हैसियत नहीं थी कि वह अपनी पत्नी का किसी अस्पताल में इलाज करा सके। सस्ते इलाज के लिए भी उसे बीपीएल कार्ड की आवश्यकता थी। उसके बाद से ही वह सरकारी कार्यालयों में कार्ड बनवाने के लिए धक्के खा रहा था। इसी बीच सामाजिक कार्य करने वाले एडवोकेट कैलाश चंद को सचिन के बारे में पता चला।

कैलाश चंद ने उनके घर जाकर मुलाकात की और पूरे मामले को समझा। उसके बाद बगैर किसी फीस के कैलाश चंद ने उसकी मदद के लिए रेवाड़ी न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। 12 जनवरी 2021 को उन्होंने कोर्ट में पेश डाला। उसके बाद कोर्ट ने अगली तारीख 16 जनवरी तय की, जिसमें सरकार और संबंधित अधिकारियों को सम्मन पहुंचे। मामले में दूसरी तारीख 23 जनवरी लगाई गई थी। उसके बाद अगली तारीख 27 जनवरी दी गई थी। कोर्ट के सम्मन पहुंचने के बाद से ही अधिकारियों में हड़कंप मचा हुआ था। इसलिए तारीख से पहले ही संबंधित विभाग ने आनन-फानन में इस गरीब कैंसर पीड़ित महिला का बीपीएल राशन कार्ड बना दिया।

एडवोकेट कैलाश चंद ने कहा कि अभी यह संशय बना हुआ है कि राशन कार्ड ऑनलाइन प्रदर्षित होगा या नहीं, क्योंकि कार्ड ऑनलाइन प्रदर्षित नहीं हुआ तो फिर महिला का सस्ता इलाज संभव नहीं हो सकता। कोर्ट ने इस मामले में अगली तारीख 1 फरवरी तय की है। पीड़ित सचिन ने उम्मीद जताई की शायद अब उसकी पत्नी का इलाज बीपीएल कार्ड के माध्यम से हो सकता है।

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