एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप : मंगोलिया में दम दिखाएंगे म्हारे आठ पहलवान
फ्री स्टाइल में दस में से 9 हरियाणा के हैं और इन 9 में पांच झज्जर के हैं। ये पांच पहलवान मंगल (61 केजी), बजरंग पूनिया (65 केजी), दीपक पूनिया (86 केजी), विक्की चाहर (92 केजी) और सत्यव्रत कादियान (97 केजी) हैं। वहीं ग्रीको रोमन में तीन पहलवान झज्जर के हैं। ये पहलवान सचिन सहरावत (67 केजी), विकास (72 केजी) और रवि (97 केजी) हैं। ये आठों बहुत ही होनहार हैं। लगातार अपने प्रदर्शन से प्रदेश-देश का नाम रोशन कर रहे हैं।;
हरिभूमि न्यूज. बहादुरगढ़
खेल क्षेत्र में हरियाणा ने देश में अपनी अलग पहचान बनाई है और जब जिक्र कुश्ती का हो तो झज्जर जिले का नाम खुद ब खुद सामने आ जाता है। अब एक बार फिर यहां के पहलवानाें के दबदबा देखने को मिला है। मंगोलिया में प्रस्तावित एशियाई चैंपियनशिप के लिए चयनित 20 सदस्यीय दल में 16 पहलवान हरियाणा के हैं और इन 16 में झज्जर जिले के भी आठ लाल भी शामिल हैं।
दरअसल, आगामी 19 से 24 अप्रैल तक मंगोलिया के उलानबटोर शहर में एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप का आयोजन किया जा रहा है। चैंपियनशिप के लिए बीते दिनों दिल्ली में ट्रायल हुए। ट्रायल में झज्जर जिले के पहलवानों का दबदबा कायम रहा। फ्री स्टाइल में दस में से 9 हरियाणा के हैं और इन 9 में पांच झज्जर के हैं। ये पांच पहलवान मंगल (61 केजी), बजरंग पूनिया (65 केजी), दीपक पूनिया (86 केजी), विक्की चाहर (92 केजी) और सत्यव्रत कादियान (97 केजी) हैं। वहीं ग्रीको रोमन में तीन पहलवान झज्जर के हैं। ये पहलवान सचिन सहरावत (67 केजी), विकास (72 केजी) और रवि (97 केजी) हैं। ये आठों बहुत ही होनहार हैं। लगातार अपने प्रदर्शन से प्रदेश-देश का नाम रोशन कर रहे हैं।
मंगल पहलवान जिले के गांव सिवाना के निवासी हैं और सेना में हैं। कई पदक जीत चुके हैं। टोक्यो ओलंपिक पदक विजेता बजरंग गांव खुड्डन के निवासी हैं। हालांकि अब सोनीपत रहते हैं। अपने वर्ग में विश्व के नामी पहलवान हैं। राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई मेडल और बड़े सम्मान इनके नाम हैं। ओलंपियन दीपक पूनिया गांव छारा के निवासी हैं। कम उम्र के दीपक ने बहुत ही थोड़े समय में विश्व स्तर पर बड़ा मुकाम हासिल कर लिया। इन तीनों ने छारा स्थित आर्य वीरेंद्र अखाड़े में कुश्ती की एबीसीडी सीखी हैं। विक्की चाहर सिवाना तो सत्यव्रत कादियान दूबलधन गांव के निवासी हैं। पांचों अपने-अपने भारवर्ग के धुरंधर पहलवान हैं। ग्रीको रोमन के सचिन, विकास और रवि भी बहुत बेहतरीन पहलवान हैं। कोच वीरेंद्र आर्य ने बताया कि कुश्ती केवल एक खेल नहीं, हमारी प्राचीन परंपरा है। हमारे प्रतिभाशाली युवा इस परंपरा को आगे बढ़ाकर देश का नाम रोशन कर रहे हैं। कुश्ती के मामले में हमारे पहलवानों की धाक है और यह दबदबा हमेशा कायम रहेगा। उन्हें पूरा यकीन है कि न केवल झज्जर बल्कि मंगोलिया खेलने जा रहे देश के सभी पहलवान पदक जीतकर लौटेंगे।