पुरानी पेंशन की मांग को लेकर हाईकोर्ट पहुंचे असिस्टेंट प्रोफेसर, हरियाणा सरकार को नोटिस
याची ने बताया कि हरियाणा सरकार 2008 में हरियाणा न्यू पेंशन स्कीम लेकर आई थी और इसे 1 जनवरी 2006 के बाद नियुक्त सभी कर्मियों पर लागू किया गया। याची ने कहा कि उनकी नियुक्ति 2005 के विज्ञापन से हुई है और ऐसे में उन्हें पुरानी पेंशन का लाभ दिया जाना चाहिए।;
2005 के विज्ञापन में चयनित असिस्टेंट प्रोफेसरों ने हरियाणा न्यू पेंशन स्कीम में उन्हें शामिल कर पुरानी पेंशन से वंचित करने को हाईकोर्ट में चुनौती दी है। याचिका पर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को नोटिस जारी करते हुए जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है।
याचिका दाखिल करते हुए यशपाल व अन्य ने बताया कि हरियाणा सरकार ने विभिन्न कॉलेजोंं के लिए असिस्टेंट प्रोफेसर पद हेतू 2005 में आवेदन मांगे थे। याचिकाकर्ताओं ने चयन प्रक्रिया में हिस्सा लिया और जुलाई 2006 को हरियाणा सरकार ने उन्हें नियुक्ति दे दी। याची ने बताया कि हरियाणा सरकार 2008 में हरियाणा न्यू पेंशन स्कीम लेकर आई थी और इसे 1 जनवरी 2006 के बाद नियुक्त सभी कर्मियों पर लागू किया गया। याची ने कहा कि उनकी नियुक्ति 2005 के विज्ञापन से हुई है और ऐसे में उन्हें पुरानी पेंशन का लाभ दिया जाना चाहिए।
याचिकाकर्ताओं की नियुक्ति में देरी के लिए याचिकाकर्ता नहीं बल्कि सरकार जिम्मेदार है जिसका नतीजा याचिकाकर्ताओं को भुगतने नहीं दिया जा सकता। याचिका में दिल्ली हाईकोर्ट के कई फैसलों का हवाला दिया गया जिसमें याचिकाकर्ताओं को पुरानी पेंशन का लाभ जारी करने का आदेश दिया गया था। हाईकोर्ट ने इन याचिकाओं पर आए फैसले को आधार बनाकर पुरानी पेंशन के लिए पात्र मानने का निर्देश जारी करने की अपील की है। याची पक्ष की दलीलों को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने याचिका पर हरियाणा सरकार को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है।