राजकीय विद्यालयों में बनेगी एस्ट्रोनॉमी लैब : विद्यार्थियों को सौरमंडल और ब्रह्मांड के बारे में जानकारी मिलेगी
लैब में एक टेलीस्कोप होगा ताकि विद्यार्थी अंतरिक्ष में ग्रहों की स्थिति और सौरमंडल की अन्य गतिविधियाें को देख सकें। शिक्षा विभाग की ओर से बनाए जाने वाली इस लैब को यजुर्वेद शाला का नाम दिया गया है। इसके लिए हर ब्लॉक से दो स्कूलों का चयन किया गया है।;
हरिभूमि न्यूज. जींद
जींद जिले के 14 राजकीय विद्यालयों में एस्ट्रोनॉमी लैब बनाई जाएगी। इस लैब से जहां विद्यार्थियों को सौरमंडल और ब्रह्मांड के बारे में जानकारी मिलेगी वहीं छात्रों की विज्ञान के प्रति रुचि भी बढ़ेगी। लैब में एक टेलीस्कोप होगा ताकि विद्यार्थी अंतरिक्ष में ग्रहों की स्थिति और सौरमंडल की अन्य गतिविधियाें को देख सकें। शिक्षा विभाग की ओर से बनाए जाने वाली इस लैब को यजुर्वेद शाला का नाम दिया गया है। इसके लिए हर ब्लॉक से दो स्कूलों का चयन किया गया है।
जिला परियोजना संयोजक सुमित्रा देवी ने बताया कि लैब में 25 वर्किंग मॉडल होंगे, इसमें चंद्र ग्रहण, सूर्य ग्रहण, सौरमंडल कांस्टेलेशन एवं जोडियक साइन आदि मॉडल शामिल होंगे। इससे बच्चे यह जान सकेंगे कि आसमान का रंग नीला क्यों होता है। तारे क्यों चमकते हैं, चांद और सूरज कहां छिप जाते हैं या फिर रात के समय आसमान काला क्यों हो जाता है। वहीं कंप्यूटर के माध्यम से खगोल विज्ञान से संबंधित सॉफ्टवेयरों के उपयोग को भी समझाया जाएगा।
बच्चों के मन के सवालों के जवाब एस्ट्रोनॉमी लैब में मिलेंगे
विशेषकर सरकारी विद्यालयों के छात्र सामान्य पाठ्यक्रम तक ही सीमित रह जाते हैं, ऐसे बच्चों की संख्या नाममात्र है जो ऐसे स्कूलों में शिक्षा हासिल कर रहे हैं। जहां पर स्पेस साइंस से संबंधित उच्च स्तर की शिक्षा हासिल हो। इसलिए सरकार की ओर से इस तरह की लैब स्थापित करने का निर्णय लिया गया है। बच्चों के मन में ब्रह्मांड को लेकर कई सवाल होते हैं अब इन सवालों के जवाब एस्ट्रोनोमी लैब में मिलेंगे।
छोटी उम्र से ही सभी बच्चों को साइंटिपिक टेंपर होगा विकसित : ढांडा
समग्र शिक्षा विभाग के जिला सहायक परियोजना संयोजक सरताज ढांडा ने बताया कि एस्ट्रोनॉमी लैब के लिए जिले के प्रत्येक खंड के दो विद्यालयों का चयन किया गया है। उन्होंने इस पहल के लिए रा'य परियोजना निदेशक अशंज सिंह, एसोसिएट कंसल्टेंट सोनाली का आभार व्यक्त किया। इन एस्ट्रोनॉमी लैब से छात्रों के अंदर अंतरिक्ष के व्यवहारिक ज्ञान के जरिए उत्सुकता जागृत होगी। इन एस्ट्रोनॉमी लैब से छोटी उम्र में ही सभी बच्चों में साइंटिफिक टेंपर विकसित होगा। टेलीस्कोप के माध्यम से सौरमंडल और अन्य ग्रहों को पास से देखना और इसके चित्र कैमरे में कैद करने का शानदार अनुभव छात्रों को होगा।
जींद जिले के इन स्कूलों में तैयार होगी एस्ट्रोनॉमी लैब
- राजकीय मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल नगूरां।
- राजकीय गर्ल सीनियर सेकेंडरी नगूरां।
- राजकीय सीनियर सेकेंडरी स्कूल घिमाना।
- राजकीय मॉडल संस्कृति सीनियर सेकेंडरी स्कूल डिफेंस कॉलोनी जींद।
- राजकीय मॉडल संस्कृति सीनियर सेकेंडरी स्कूल जुलाना।
- राजकीय सीनियर सेकेंडरी स्कूल जुलाना।
- राजकीय मॉडल संस्कृति सीनियर सेकेंडरी स्कूल बेलरखां।
- राजकीय गर्ल्स सीनियर सेकेंडरी स्कूल नरवाना।
- राजकीय मॉडल संस्कृति सीनियर सेकेंडरी स्कूल पिल्लूखेड़ा मंडी।
- राजकीय सीनियर सेकेंडरी स्कूल गांगोली।
- राजकीय मॉडल संस्कृति सीनियर सेकेंडरी स्कूल सफीदों शहर।
- राजकीय सीनियर सेकेंडरी स्कूल मुआना।
- राजकीय मॉडल संस्कृति सीनियर सेकेंडरी स्कूल उचाना कलां।
- राजकीय सीनियर सेकेंडरी स्कूल लोधर।