बहादुरगढ़ नागरिक अस्पताल : आउटसोर्सिंग घोटाले में सवाल कई, जवाब केवल खामोशी
शिकायत के बाद अब आरोपी कर्मचारी के रिश्तेदार अस्पताल में कुछ समय के लिए नजर भी आने लगे हैं। हालांकि अधिकारी कोई भी जवाब देने की बजाय चुप्पी साध गए हैं।;
Bahadurgarh News : बहादुरगढ़ नागरिक अस्पताल के आउटसोर्सिंग भर्ती घोटाले में कई खुलासे हो रहे हैं। इस मामले में सहयोगी के परिजन और रिश्तेदार पहले आउटसोर्सिंग कंपनी के माध्यम से वेतन प्राप्त करते रहे और फिर बाद में हरियाणा कौशल रोजगार निगम लिमिटेड के माध्यम से सरकार का पैसा लेते रहे। पिछले महीने हुई शिकायत के बाद अब आरोपी कर्मचारी के रिश्तेदार अस्पताल में कुछ समय के लिए नजर भी आने लगे हैं। हालांकि अधिकारी कोई भी जवाब देने की बजाय चुप्पी साध गए हैं।
वर्ष 2021 में एमजी सोलंकी नामक फर्म को आउटसोर्सिंग का काम सौंपा गया था। कंपनी द्वारा 15 अप्रैल 2021 को जारी पत्र के अनुसार 40 स्वीपर पर लगाए गए थे। जिनमें मास्टरमाइंड कर्मचारी की मां उस समय भी स्वीपर दर्शाई गई थी। इसके अलावा तीन इलेक्ट्रीशियन, 5 हेल्पर, 6 लिफ्ट ऑपरेटर, एक फायरमैन, दो माली, एक मिस्त्री, एक हेल्पर, एक प्लंबर, तीन सुपरवाइजर, एक कारपेंटर, एक हेल्पर व तीन धोबी लगे थे।
टायर पंक्चर वाला भी कर्मचारी
इस पूरे घोटाले में शामिल एक कर्मचारी की मामी को सुपरवाइजर दर्शाया गया था, जबकि दूसरी मामी को धोबी दिखाकर उसका वेतन लिया गया। इनमें एक माली की तो झज्जर में बाकायदा टायर पंचर की दुकान तक है। इसके अलावा 10 डाटा एंट्री ऑपरेटर, सीसी सेल में 4 कर्मचारी और 74 क्लास चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी भी नियुक्त किए गए थे। वहीं इासे पहले श्री राम नामक कंपनी के पास आउटसोर्सिंग का ठेका था।
अटेंडेंस शीट पर ऑपरेटर के साइन
हैरत की बात यह है कि फरवरी-2021 की अटेंडेंस शीट पर पीएमओ और डीएमएस से पहले सुपरवाइजर की जगह आउटसोर्सिंग के तहत लगे एक डाटा एंट्री ऑपरेटर के हस्ताक्षर हैं। सुपरवाइजर इस कर्मचारी की मामी बताई जा रही है। हरियाणा कौशल रोजगार निगम में पंजीकरण के दौरान इस कर्मचारी और उसके माता-पिता की फैमिली आईडी तक एक ही है। जबकि दूसरे राज्य में रहने वाली बहन और जीजा तक एचकेआरएनएल में इनरोल करवा दिए गए।
हटाए गए कर्मचारियों से भी पूछो
कोरोना के बाद अस्पताल में कार्यरत करीब एक दर्जन कर्मचारियों को हटाकर उनके स्थान पर अपने चहेतों को लगवा दिया गया। अधिकारियों द्वारा हटाए गए कर्मचारियों की मांग है कि इस पूरे घोटाले की उच्चस्तरीय निष्पक्ष जांच की जाए। आरोपियांे से घोटाले की पूरी रकम रिकवर की जाए। उनके अनुसार जांच कमेटी यदि हटाए गए कर्मचारियों को जांच में जोड़ेगी तो पूरी सच्चाई सामने आ जाएगी।
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