नई नियुक्तियों पर रोक : नंबरदारों के पद खत्म करने की तैयारी में हरियाणा सरकार ! सभी DC को भेजा पत्र

गांव में बेहद प्रतिष्ठित माने जाने वाले नंबरदार/लम्बरदार की नई नियुक्तियों पर राज्य सरकार ने रोक लगा दी है। इस बारे में राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग ने सभी उपायुक्त को सोमवार को पत्र भेज दिया है। क्योंकि डीसी ही नए नम्बरदारों की नियुक्ति के निर्णय पर अंतिम मुहर लगाते हैं।;

Update: 2021-11-30 05:41 GMT

अमरजीत एस गिल : राेहतक

गांव में बेहद प्रतिष्ठित माने जाने वाले नंबरदार/लम्बरदार की नई नियुक्तियों पर राज्य सरकार ने रोक लगा दी है। इस बारे में राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग ने सभी उपायुक्त को सोमवार को पत्र भेज दिया है। क्योंकि डीसी ही नए नम्बरदारों की नियुक्ति के निर्णय पर अंतिम मुहर लगाते हैं। नई नियुक्तियों पर रोक क्यों लगाई है, इस बारे में विभाग के अधिकारी टिप्पणी से बच रहे हैं।

पत्र में यह दिया हवाला

हालांकि नियुक्तियों पर रोक लगाने को नम्बरदारों के पद खत्म करने की प्रक्रिया माना जा रहा है। सोमवार को जारी किए गए पत्र में सौरभ नंबरदार का हवाला देते नियुक्ति पर तुरंत रोक लगाने के बारे में जिला स्तर के अधिकारियों को आदेश दिए गए हैं।

प्रदेश में करीब 23375 नंबरदार

सूत्र बताते हैं कि प्रदेश के करीब 6 हजार से अधिक गांवों में करीब 23375 नंम्बरदार हैं। इनको हर माह 3 हजार रुपये मानदेय दिया जाता है। इसके अलावा नहरी पानी की उगाही का कुछ प्रतिशत हिस्सा भी इन्हें मिलता है। अब सरकार की सोच है कि डिजिटल युग में इनकी आवश्यकता नहीं है। ऐसे में इनके पदों को खत्म किया जाए। वहीं, अब जमीन की रजिस्ट्री करवाते समय भी नम्बरदार द्वारा व्यक्ति की पुष्टि करना अनिवार्य नहीं रहा है। 

अंग्रेजों के समय से ही नियुक्ति

अंग्रेजों के जमाने से ही नम्बरदारों की नियुक्ति होती आ रही हैं। क्योंकि अंग्रेजी शासन व्यवस्था सरकार के पास नम्बरदार ही एक ऐसा व्यक्ति गांवों में होता था, जिसकी जरिये सभी प्रकार के प्रशासनिक कार्य किए जाते थे। यह व्यवस्था अब तक तक चली आ रही है। इनके द्वारा दी गई गवाही उच्चतम न्यायालय में भी मान्य होती है। तसदीक के अलग ही मायने हैं। कोई भी सरकारी प्रमाणपत्र बनवाने के लिए सरपंच की गैर हाजिरी में नम्बरदार द्वारा दरखास्त का सत्यापन किया जाता है। 

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