वॉलंटियर्स बनकर समाज उत्थान में भागीदार बनें भूतपूर्व सैनिक और सेवानिवृत्त कर्मचारी, समर्पण पोर्टल पर करें आवेदन

सीएम मनोहर लाल ने बताया कि राज्य सरकार का विजन है कि इन वॉलंटियर्स को सरकार से जोड़कर समाज उत्थान में भागीदार बनाना है। इसके लिए राज्य सरकार ने समर्पण पोर्टल बनाया है जिस पर सभी भूतपूर्व सैनिक और सेवानिवृत्त कर्मचारी स्वयं को वॉलिंटियर्स के तौर पर पंजीकृत कर सकते हैं;

Update: 2021-11-09 14:00 GMT

हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने प्रदेश के सभी भूतपूर्व सैनिकों और सेवानिवृत्त कर्मचारियों का आह्वान किया कि वे सरकार के साथ मिलकर सेवाभाव से सरकारी योजनाओं व सेवाओं का लाभ धरातल तक पहुंचाने के लिए अपना महत्वपूर्ण योगदान दें। राज्य सरकार का विजन है कि इन वॉलंटियर्स को सरकार से जोड़कर समाज उत्थान में भागीदार बनाना है। इसके लिए राज्य सरकार ने समर्पण पोर्टल samarpan.haryana.gov.in बनाया है जिस पर सभी भूतपूर्व सैनिक और सेवानिवृत्त कर्मचारी स्वयं को वॉलिंटियर्स के तौर पर पंजीकृत कर सकते हैं और राज्य सरकार आप सभी के बहुमूल्य अनुभवों के सहयोग से योजनाओं को सही तरीके से पात्र व्यक्ति तक पहुंचा सकेंगे।

मुख्यमंत्री वेबीनार के माध्यम से प्रदेश के भूतपूर्व सैनिकों और सेवानिवृत्त कर्मचारियों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने व्यवस्था परिवर्तन के कईं काम किए हैं। सरकारी योजनाओं का लाभ देने में कर्मचारियों की अहम भूमिका रही है। वर्तमान में ई-गर्वनेंस और सुशासन के माध्यम से सरकार ने 500 से अधिक सेवाओं को आमजन के घर द्वार तक पहुंचाने का संकल्प लिया है। मनोहर लाल ने कहा कि प्रदेश की पौने तीन करोड़ जनसंख्या यानी लगभग 70 लाख परिवार की चिंता करना सरकार का परम कर्तव्य है। उन्होंने कहा कि समय-समय पर सरकारी योजनाएं बनती आ रही हैं परंतु किसी ना किसी कारणवश या संपूर्ण जानकारी के अभाव में इन योजनाओं का लाभ पात्र व्यक्ति तक नहीं पहुंच पाता है। आज तक एक प्रथा चलती आ रही है कि जिस व्यक्ति को सरकारी योजनाओं का लाभ लेना है वह स्वयं सरकार के पास आए और संपूर्ण जानकारी देकर उस योजना का लाभ प्राप्त करे।

हमारी सरकार ने इस प्रथा को खत्म करने की दिशा में कदम बढ़ाए हैं और एक महत्वकांक्षी योजना परिवार पहचान पत्र शुरू की है जिसके तहत हर परिवार की पहचान की जा रही है ताकि जिस परिवार को सरकारी योजनाओं की सबसे पहले जरूरत है उसे उसका लाभ सबसे पहले मिले। इसी सोच के साथ हम आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि परिवार पहचान पत्र के तहत सभी परिवारों का डाटा एकत्र किया जा चुका है और जिला में गठित लोकल कमेटी के माध्यम से इस डेटा का सत्यापन का कार्य लगभग पूरा हो चुका है। सरकार ने तीन श्रेणी बनाई है जिसमें पहली श्रेणी वह परिवार जिनकी वार्षिक आय 50 हजार रुपये तक है दूसरी श्रेणी जिनकी वार्षिक आय 1 लाख रुपये तक है और तीसरी श्रेणी जिन परिवारों की वार्षिक आय 1.80 लाख रुपये तक है।

Tags:    

Similar News