भिवानी खनन हादसा : अब तक चार शव मिले, NDRF और खनन विभाग की टीम पहुंची, 9 घंटे बाद भी रेस्क्यू ऑपरेशन जारी
शनिवार तड़के डाडम की पहाड़ी में दिल दहला देने वाली घटना घटी। गांव डाडम की पहाड़ी की खान में मशीनों से कार्य कर रहे लोगों पर करीब सौ फुट उपर से भारी पत्थर गिरा। लोग कुछ समझ पाते कि उससे पहले उपर से गिरे भारी भरकम पत्थर अनेक मशीनों व लोगों को अपने आगोश में ले चुका था।;
तोशाम ( भिवानी )
शनिवार तड़के डाडम की पहाड़ी में दिल दहला देने वाली घटना घटी। गांव डाडम की पहाड़ी की खान में मशीनों से कार्य कर रहे लोगों पर करीब सौ फुट उपर से भारी पत्थर गिरा। लोग कुछ समझ पाते कि उससे पहले उपर से गिरे भारी भरकम पत्थर अनेक मशीनों व लोगों को अपने आगोश में ले चुका था। हादसे में चार लोगों के शव मिल चुके हैं, वहीं अनेक लोग जख्मी हो गए। अभी और लोगों के दबे होने की आशंका है। इस हादसे में कई मशीनें भी दबकर टूट गई हैं। समाचार लिखे जाने तक जिला प्रशासन के राहत एवं बचाव कार्य जारी था। हालांकि घटनास्थल से करीब तीन सौ मीटर दूर कुछ लोग चाय पी रहे थे। वे भी समझ नहीं पाए कि किस वक्त कैसे हादसा हो गया। उनको केवल पत्थर गिरने की ही आवाज सुनी। वे घटना स्थल की तरफ दौड़े तो उस वक्त भी छोटे पत्थरों का गिरना जारी था। सूचना के बाद मौके पर पुलिस पहुंची।
पुलिस ने इलाके को चारों तरफ से घेरकर बचाव एवं राहत कार्य शुरू कर दिए। मामले की जानकारी मिलते ही उपायुक्त आरएस ढिल्लो, एसपी अजीत सिंह शेखावत, एसडीएम मनीष कुमार फौगाट सहित प्रशासनिक अमला मौके पर पहुंचा। दूसरी तरफ कृषि मंत्री जेपी दलाल, सांसद धर्मबीर सिंह, हरियाणा युवा आयोग के चेयरमैन मुकेश गौड़ के अलावा विपक्ष से कांग्रेस नेता हरिसिंह सांगवान सहित विभिन्न नेता मौके पर पहुंचे और मामले की जानकारी ली।
एनडीआरफ की 42 सदस्यीय टीम पहुंची
शनिवार देर रात डाडम में राहत एवं बचाव कार्यों को गति देने के लिए एनडीआरफ की 42 सदस्यीय टीम पहुंच गई। टीम की अगुवाई कर रहे कमांडेट बेगराज ने बताया कि उनको सरकार की तरफ से सूचना मिली थी। तो वे तत्काल यहां पर पहुंच गए। वे अब शीघ्र ही अपना कार्य शुरू कर देंगे। उन्होंने पत्थर हटाने की समय सीमा बताने से इंकार करते हुए बताया कि यह तो मौके पर पहुंचने के बाद ही पता चल पाएगा कि कितने वक्त में पत्थर हटेंगे और किस तरह से हटेंगे। फिलहाल उनका लक्ष्य जल्द से जल्द पत्थरों को हटाकर जान व माल की हानि को बचाना है।
गाजियाबाद से खनन विभाग की टीम पहुंची
मामले की जानकारी मिलते ही खनन विभाग की टीम गाजियाबाद से पहुंच गई। हालांकि टीम ने इस मामले में किसी तरह की जानकारी शेयर करने से इंकार कर दिया, लेकिन उन्होंने यह जानकारी जरूर दी कि वे मामले की जांच करेंगे और इस मामले में लापरवाही हुई है या फिर हादसा है। यह तो जांच के बाद ही पता चल पाएगा।
यह लगाए जा रहे कयास
बिगड़ते हुए पर्यावरण की सेहत सुधारने के लिए करीब दो माह पहले हरियाणा प्रदूषण बोर्ड ने खनन तथा क्रेशर कार्यों पर रोक लगा दी थी। इसके तहत डाडम में चलने वाले सभी क्रेशरों की बिजली आपूर्ति भी कटवा दी गई थी। गुरूवार रात को हरियाणा प्रदूषण बोर्ड की तरफ से खनन व के्रेशरों को चालू करने की अनुमति दे दी गई थी। इसके तहत शुक्रवार को खनन तथा के्रशर जोन में रौनक लौट आई थी। शनिवार सुबह खनन क्षेत्र में जैसे ही मशीनों तथा मजदूरों ने कार्य शुरू किया था एक बड़ी चट्टान खिसक कर गिर गई तथा अफरा तफरी मच गई। घटना की जानकारी जैसे ही प्रशासन को मिली तो सभी राहत कार्य में जुट गए।
वहीं दूसरी तरफ कार्य करने वालों ने कयास लगाते हुए कहा कि जिस समय खनन कार्य को बंद किया गया था उस समय जब चट्टान को तोड़ने के लिए ब्लास्टिंग की गई होगी तब बड़ी चट्टान में दरार आ गई होगी या टूटकर अटक गई होगी तथा उसके बाद जब कार्य बंद हो गया तो उस तरफ किसी का ध्यान नहीं गया। शुक्रवार को दिन भर भारी मशीनें चलती रही तथा उसकी वाइब्रेशन के द्वारा चट्टान ने अपनी जगह से खिसक गई तथा शनिवार सुबह फिर दोबारा से कार्य शुरू हुआ तो बड़ी चट्टान अपनी जगह को छोड़ते हुए गिर गई और हादसा घटित हो गया।
परिवारों में नहीं जल पाया चूल्हा
शनिवार को जिस समय हादसा हुआ तथा जो जो लोग उस दौरान कार्य कर रहे थे उनके परिवारों में अफरा तफरी मच गई। परिवार के सदस्य यह जानकारी पाने में जुट गए कि उनके पारिवारिक सदस्य सुरक्षित है या नहीं। जिन लोगों की डैड बॉडी मिली उन परिवारों में मातम छा गया तथा उनके घर चूल्हा तक नहीं जला। परिवार के सदस्यों का रो रो कर बुरा हाल था तो वहीं दूसरी तरफ घटना की जानकारी मिलते ही हर कोई हादसा स्थल की तरफ दौड़ पड़ा। जमा भीड़ को काबू करने के लिए पुलिस प्रशासन को भी खासी मशक्कत का सामना करना पड़ा।
कुछ चालक चाय पी रहे थे
घटना के दौरान वाहनों के कुछ चालक घटनास्थल से करीबन 200 मीटर दूर चाय पी रहे थे। वे हादसे से महज पांच मिनट ही पहले वहां से निकले थे और उन्होंने चाय हाथों में ही ली थी। अगर वाहनों के चालक खान में वाहनों के पास होते ही मृतकों की संख्या और ज्यादा हो सकती थी। दूसरी तरफ पत्थर गिरने से पोपलेंड मशीन, डम्फर व अन्य कई वाहन दबे हुए है।
हादसे की वजह स्पष्ट नहीं: भूपेंद्र सिंह
भिवानी के माइनिंग अधिकारी भूपेंद्र सिंह ने बताया कि एनजीटी के आदेशों के कारण कैशर बंद थे। कैशर बंद होने के कारण माइनिंग भी नहीं की जा रही थी। शुक्त्रवार को ही कैशर चलाने के लिए अनुमति मिली। वैसे ही प्राथमिक दृष्टिकोण में ही पहाड़ ही दरका है। हादसे की वजह स्पष्ट नहीं है क्योंकि बरसात के कारण पहाड़ जगह छोड़ जाता है। पिछले दिनों बरसात हुई थी। थोड़ा सा काम भी करते हैं तो वाइब्रेशन से पहाड़ हिलता है। पत्थर नहीं तोड़े। ब्लास्ट से ही तोड़ा जाता है। डायरेक्टर माइनिंग सेफ्टी सेंटर गाजियाबाद के अधीन है। वे इसकी जांच करेंगे।