ऑक्सीजन की कमी पर भूपेंद्र हुड्डा ने सरकार को घेरा, सीएम बोले - जांच कमेटी बनाएंगे
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने विधानसभा में चर्चा के दौरान ऑक्सीजन की कमी के मुद्दे पर सरकार से जवाब मांगा। उन्होंने कहा कि ऑक्सीजन की कमी से मौत को लेकर सरकार प्रदेश की जनता और सदन को गुमराह कर रही है। विधानसभा में सरकार ने जो जानकारी दी है वो सच्चाई से कोसों दूर है।;
चंडीगढ़। पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने विधानसभा में चर्चा के दौरान ऑक्सीजन की कमी के मुद्दे पर सरकार से जवाब मांगा। उन्होंने कहा कि ऑक्सीजन की कमी से मौत को लेकर सरकार प्रदेश की जनता और सदन को गुमराह कर रही है। विधानसभा में सरकार ने जो जानकारी दी है वो सच्चाई से कोसों दूर है। ऑक्सीजन की कमी से बड़ी संख्या में हुई मौतों और जनता के सच को सरकारी झूठ के नीचे नहीं दबाया जा सकता। इस पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि कोविड महामारी के दौरान हरियाणा सरकार ने प्रदेश में पर्याप्त ऑक्सीजन की आपूर्ति सुनिश्चित की। उन्होंने कहा कि महामारी के दौरान व्यवस्था में लापरवाही करने वालों के खिलाफ जांच के लिए कमेटी बनाई जाएगी, जहां-जहां लापरवाही पाई जाएगी, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
हुड्डा ने कोरोना की दूसरी लहर के दौरान आई खबरों को दिखाते हुए बताया कि कैसे लोगों को ऑक्सीजन, दवाई, वेंटिलेटर और हॉस्पिटल बेड की भारी किल्लत का सामना करना पड़ रहा था। खुद मानवाधिकार आयोग ने भी इसपर टिप्पणी की थी। ये तमाम दस्तावेज बताते हैं कि गुरुग्राम से लेकर रेवाड़ी, पलवल, पानीपत और हिसार समेत कई जिलों में ऑक्सीजन नहीं मिलने की वजह से बड़ी संख्या में लोगों की जानें गई। सदन में चर्चा के दौरान नेता प्रतिपक्ष ने मांग करी कि सरकार राज्य सैनिक बॉर्ड को खत्म न करे। अगर इसको बोर्ड की बजाय डिपार्टमेंट बनाया जा रहा है तो इसका सेक्रेटरी किसी आईएएस की बजाए सेना के किसी रिटायर्ड अधिकारी को ही बनाया जाए। पूर्व सैनिकों की भी यह एक बड़ी मांग है। उनका कहना है कि एक सैनिक ही उनके मुद्दों और समस्याओं का समाधान उचित तरीके से कर सकता है।
वहीं मुख्यमंत्री ने बताया कि हरियाणा के अस्पतालों में लगभग 13000 लोगों की कोविड के कारण मृत्यु हुई। इनमें से लगभग 9500 हरियाणा के रहने वाले थे, जबकि लगभग 3500 हरियाणा के बाहर के कोविड मरीजों की मृत्यु हुई। हरियाणा में लगभग 4000 निजी अस्पताल हैं। सभी जगह हर शहर में एजेंसियों के माध्यम से ऑक्सीजन की आपूर्ति की गई। जरूरत पडऩे पर पास के शहर से भी ऑक्सीजन की सप्लाई कराई गई।