भूपेंद्र हुड्डा ने राज्यपाल को लिखा पत्र, विधानसभा का आपातकालीन सत्र बुलाने की पैरवी
प्रदेश में राजनीतिक अस्थिरता और सरकार के प्रति अविश्वास का माहौल है। इन असाधारण परिस्थितियों में राज्यपाल (Governor) को अपनी संवैधानिक जिम्मेदारियों का निर्वहन करते हुए विशेष सत्र बुलाना चाहिए।;
हरिभूमि न्यूज. जींद। पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र हुड्डा (Bhupendra Hooda) ने कहा कि विधानसभा का आपातकालीन सत्र बुलाने की मांग को लेकर उन्होंने राज्यपाल को पत्र लिखा है। कांग्रेस सदन में अविश्वास प्रस्ताव लेकर आएगी क्योंकि ये सरकार जनता और विधायकों का भरोसा पूरी तरह खो चुकी है।
प्रदेश में राजनीतिक अस्थिरता और सरकार के प्रति अविश्वास का माहौल है। इन असाधारण परिस्थितियों में राज्यपाल को अपनी संवैधानिक जिम्मेदारियों का निर्वहन करते हुए विशेष सत्र बुलाना चाहिए। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा सोमवार को पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।
उन्होंने भारत बंद का समर्थन करते हुए जनता से अपील की कि भारत बंद किसान आंदोलन की तरह शांतिपूर्ण और अनुशासित होना चाहिए। सरकार को बिना देरी लगाए उनकी तमाम मांगें माननी चाहिए। फसलों (Crops) की एमएसपी हर किसान का अधिकार है और ये सुनिश्चित करना हर सरकार की जिम्मेदारी है। हुड्डा ने कहा कि आज भी कई जजपाई और निर्दलीय विधायक किसानों के साथ खड़े होने की बजाए कुर्सी से चिपके हुए हैं।
कई निर्दलीय और जेजेपी विधायक किसानों के समर्थन की बात तो कर रहे हैं लेकिन सरकार को भी अपना समर्थन जारी रखे हुए हैं। ये अविश्वास प्रस्ताव ऐसी दोगली नीति वाले विधायकों की पोल खोलने का भी काम करेगा। क्योंकि अब विधायकों को सरकार और किसान में से एक को चुनना होगा। उन्होंने सड़क से लेकर सदन तक नए कृषि कानूनों का विरोध किया और उसमें एमएसपी का कानूनी प्रावधान जोडऩे की मांग की है।
अगर वक्त रहते सरकार हमारी बात मान लेती तो आज किसान आंदोलन की नौबत नहीं आती। सरकार को शायद लगा होगा कि वह सत्ता बल और पुलिसिया जोर से आंदोलन को दबा लेगी लेकिन किसानों ने उसके तमाम मंसूबों को धराशाही कर दिया। इसलिए अभी भी वक्त हैए सरकार को अपने रवैये में सुधार करना चाहिए और किसानों को तारीख़ पर तारीख़ के फेर में नहीं फंसाना चाहिए।