अधिग्रहित जमीन पर अवैध कब्जा कर कॉलोनी काटने और प्लॉटिंग करने वालों को बड़ा झटका
बहादुरगढ़ शहर में सेक्टर 1, 10, 11, 12 और 13 सेक्टर के लिए करीब दो दशक पहले 1227 एकड़ जमीन अधिग्रहित की गई थी। अधिग्रहण के कुछ मामलों में फैसला किसानों के हक में आया था। जबकि कुछ मामले सुप्रीम कोर्ट से रिमांड बैक हुए थे, जिन पर फैसला हाईकोर्ट को करना है। लेकिन;
हरिभूमि न्यूज : बहादुरगढ़
हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण की अधिग्रहित जमीन पर अवैध कब्जा कर कॉलोनी काटने और प्लॉटिंग करने वालों को बड़ा झटका लगा है। अभी तक जिस केस का हवाला देकर जमीन को रीलिज बताया जा रहा था, अब उस केस पर भूमि अधिग्रहण अधिकारी ने स्थिति स्पष्ट कर दी है। भूमि अधिग्रहण अधिकारी की रिपोर्ट आने के बाद हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण इस जमीन से कब्जा हटवाने की कवायद में जुट गया है।
बता दें कि बहादुरगढ़ शहर में सेक्टर 1, 10, 11, 12 और 13 सेक्टर के लिए करीब दो दशक पहले 1227 एकड़ जमीन अधिग्रहित की गई थी। अधिग्रहण के कुछ मामलों में फैसला किसानों के हक में आया था। जबकि कुछ मामले सुप्रीम कोर्ट से रिमांड बैक हुए थे, जिन पर फैसला हाईकोर्ट को करना है। लेकिन भूमाफियाओं ने कोर्ट के फैसलों को गलत तरीके से पेश कर राजस्व विभाग की मिलीभगत से अधिग्रहित जमीन वापिस अपने नाम करवा ली। फिर करोड़ों रुपए की सरकारी जमीन पर प्लॉटिंग कर बेचने का अवैध काम तेज कर दिया। दरअसल, रोहतक के भूमि अधिग्रहण अधिकारी की रिपोर्ट से साफ हो गया है कि गिरधारी लाल एंड अदर्स केस में शामिल जमीन रिलीज नही हुई है। इस केस का हवाला देकर अधिग्रहित जमीन का इंतकाल किसानों के नाम करना कानून के खिलाफ है। सुप्रीम कोर्ट से रिमांड बैक केस पर अंतिम फैसला हाईकोर्ट को करना है। ऐसे में जब तक रिमांड बैक मामलों में हाईकोर्ट का फैसला नहीं आ जाता, तब तक जमीन को रिलीज नही माना जा सकता है।
ऐसे में बादली रोड पर डॉ. भीमराव अंबेडकर स्टेडियम के साथ की जा रही प्लॉटिंग पर प्रशासन ने सख्त रुख अपनाने की तैयारी कर ली है। प्राधिकरण ने 25 जनवरी को गिरधारी लाल एंड अदर्स केस में किसानों के नाम वापस किए इंतकाल रद करने के लिए तहसीलदार को पत्र लिखा था। एचएसवीपी के अनुसार गिरधारी लाल एंड अदर्स केस में शामिल जमीन रिलीज नही है। ऐसे में प्राधिकरण की एनओसी के बिना किए गए इंतकाल रद कर वापिस हशविप्रा के नाम चढ़ाए जाने चाहिएं। तहसीलदार ने इसके जवाब में एचएसवीपी को इंतकालों की कॉपी भेजकर कानूनी राय के साथ जवाब मांगा है, ताकि गलत दर्ज इंतकालों को बदला जा सके।
एलएओ के नाम से रिलीज हुई जमीन के बारे में रिपोर्ट मांगी थी। साथ ही अब तक हशविप्रा के नाम जमीन का विवरण मांगा गया था। रिपोर्ट के आधार पर जमीन पर कब्जा लेने की कार्यवाही शुरू की जाएगी। - श्वेता सुहाग, कार्यवाहक संपदा अधिकारी
हशविप्रा से रिलीज हुई जमीनों के इंतकालों की कॉपी समेत स्पष्टीकरण मांगा गया है। प्राधिकरण से कानूनी राय के साथ उन केसों का हवाला भी मांगा गया है, जिनके आधार पर जमीन रिलीज हुई है। - श्रीनिवास, तहसीलदार, बहादुरगढ़
अधिग्रहित जमीन ना खरीदें और वहां किसी भी प्रकार का निर्माण करने की कोशिश ना करें। क्योंकि जब तोड़फोड़ होगी तो नुकसान आम आदमी का ही होगा। इसे लेकर नोटिस भी दिए गए हैं।- शक्ति सिंह, जिला उपायुक्त, झज्जर