किसान स्मारक की भूमि पर बड़ा विवाद : संयुक्त किसान मोर्चा को बेची गई विवादित जमीन, सरकार को भेजी शिकायत

सोनीपत के गांव रसोई में करीब पौने 3 एकड़ जमीन संयुक्त किसान मोर्चा को बेची गई थी। इस जमीन पर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। आरोप है कि इस जमीन पर सैक्शन लगाकर अवार्ड हो चुका था। इसके बावजूद गलत तरीके से इंतकाल कर जमीन बेच दी गई।;

Update: 2022-10-29 15:54 GMT

हरिभूमि न्यूज : सोनीपत

किसान आंदोलन के दौरान मौत का शिकार हुए किसानों के लिए बनाए जाने वाले स्मारक की जमीन को लेकर बड़ा विवाद सामने आया है। गांव रसोई में करीब पौने 3 एकड़ जमीन संयुक्त किसान मोर्चा को बेची गई थी। इस जमीन पर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। आरोप है कि इस जमीन पर सैक्शन लगाकर अवार्ड हो चुका था। इसके बावजूद गलत तरीके से इंतकाल कर जमीन बेच दी गई। मामले का खुलासा तब हुआ जब गलत तरीके से इंतकाल का आरोप लगाते हुए तत्कालीन तहसीलदार, पटवारी व अन्य अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की गई थी।

यह है मामला

हरियाणा सरकार के मुख्य सचिव को भेजी गई शिकायत में कहा गया है कि गांव रसोई में खेवट नम्बर 186 पर वर्ष 2004 में सैक्शन लगाकर अवार्ड घोषित कर दिया गया था। अवार्ड होने के बावजूद गलत तरीके से खेवट नम्बर-186 की कुल 29 कनाल 19 मरले को वर्ष 2005 में सेल डीड रजिस्टर्ड कर दिया गया। कमाल की बात यह है कि वर्ष 2005 के बाद खेवट 186 पटवारी से मिलीभगत करके दो खेवट में बांट दिया गया। बाद में गलत तरीके से एक खेवट सैक्शन व अवार्ड को सरकार की मंजूरी के बिना ही हटा दिया गया, लेकिन पेंच तब फंसा जब सैक्शन व अवार्ड होने के कारण पिछले 17 साल में कोई तहसीलदार या पटवारी इस जमीन का इंतकाल नहीं कर पाया। अब वर्ष 2022 में गलत तरीके से इंतकाल दर्ज कर दिए गए और फिर इसी साल जमीन को बेच दिया गया।

पंजाब के अमरीक के नाम हुई थी जमीन

इस पूरे मामले में खुलासा हुआ कि संयुक्त किसान मोर्चा की मांग के बाद गत वर्ष इसी जमीन से करीब पौने 3 एकड़ जमीन किसान स्मारक के लिए बेची गई है। इस जमीन की रजिस्ट्री पंजाब के बाबा अमरीक सिंह के नाम करवाई गई है। शिकायतकर्ता ने सरकार के मुख्य सचिव को शिकायत भेजकर मांग की है कि वर्ष 2004 से अब तक के पूरे रिकार्ड की जांच करते हुए इस जमीन की पूरी सच्चाई सामने लाई जाए और संबंधित तहसीलदार, पटवारी, काननूगो समेत अन्य अधिकारियों के खिलाफ व्यापक कार्रवाई की जाए।

लिखित शिकायत नहीं मिली  : डीसी 

सोनीपत के डीसी ललित सिवाच ने बताया कि इस तरह का मामला मेरे संज्ञान में आया था। लिखित शिकायत नहीं मिली है। फिर भी पूरा रिकार्ड मंगवा लिया गया है। जांच करवाई जाएगी। यदि कुछ गलत मिला तो निसंदेह कार्रवाई की जाएगी।


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