हरियाणा में दुल्हन ने परंपरा तोड़ पेश की मिसाल, दूल्हे की तरह घोड़ी पर बैठ पहना सेहरा, गांव में निकाला बनवारा

दुल्हन के पिता किसान अशोक दहिया ने बताया कि बेटी बचाओ- बेटी पढ़ाओ ( Beti Bachao Beti Padhao ) अभियान के तहत उनकी तरफ से यह पहल की गई है ताकि लोग समाज में लड़कियों को मान-सम्मान दें। लड़का-लड़की में किसी प्रकार का भेदभाव नहीं है।;

Update: 2022-03-13 17:53 GMT

हरिभूमि न्यूज : तोशाम ( भिवानी )

लड़का व लड़की एक समान हैं। यह जागरूकता अब गांवों में भी आने लगी है। हरियाणा के भिवानी जिले के गांव डाडम में सिर पर दूल्हे ( groom ) की तरह सेहरा पहनकर घोड़ी पर बैठाकर दुल्हन ( Bride ) का बनवारा निकला गया। घोड़ी पर दूल्हे की तरह सजी-धजी बैठी बेटी पूजा का शादी से पहले उनके दादा कैप्टन करतार सिंह ने बनवारा निकाला।

लड़की के दादा वजीर दहिया ने बताया कि डाडम गांव में पूजा का बनवारा घोड़ी पर निकलने पर सर्वत्र चर्चा हो रही है। पूजा दहिया की 14 मार्च को शादी है। पूजा का बनवारा घोड़ी पर बैठा कर गांव में बाजे-गाजे के साथ बनवारा निकाला। लड़की के पिता किसान अशोक दहिया ने बताया कि बेटी बचाओ- बेटी पढ़ाओ ( Beti Bachao Beti Padhao ) अभियान के तहत उनकी तरफ से यह पहल की गई है ताकि लोग समाज में लड़कियों को मान-सम्मान दें। लड़का-लड़की में किसी प्रकार का भेदभाव नहीं है। लड़का व लड़की एक समान हैं जो आज भेदभाव को दूर किया है।

नई पहल

गांव डाडम में रविवार को पूजा ने घोड़ी पर बनवारा निकालकर एक नई पहल की। जिसे देखने के लिए ग्रामीण इकट्ठे हुए। दहेज प्रथा व कन्या भ्रूण हत्या जैसी कुरीतियों को छोड़कर बेटी बचाओ- बेटी पढ़ाओ का संदेश देते बेटी ने घोड़े पर बैठकर बाना निकाला। लड़की पूजा बीए बीएड पास है और 14 मार्च सोमवार को हांसी के पास नारनौंद गांव में दुल्हन बनकर जाना है। पूजा के पिता व माता का कहना है कि ससुराल में सास ससुर की सेवा, इज्जत करना पहली प्राथमिक है। उनकी सेवा करने से हमारा मन भी शांतिपूर्वक रहेगा। दुल्हन पूजा दहिया ने बताया की वे तीन बहनें हैं। वह सबसे बड़ी है। उनके पिता ने कभी भी लड़के व लड़की में फर्क नहीं समझा। पूजा ने बताया कि वह माता -पिता की इज्जत पर कभी आंच नहीं देगी।

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