पशुओं को ब्रूसेला बीमारी : पशु विज्ञान केंद्र चलाएगा पशुपालकों के लिए वैक्सीन जागरूकता अभियान
जागरूकता अभियान का उद्देश्य जिले के पशुपालकों को ब्रूसेला महामारी व उसके बचाव के बारे में जागरूक करना है। कार्यक्रम के संयोजक डॉ. देवेन्द्र ने बताया कि इस जागरूकता अभियान के अंतर्गत विभिन्न माध्यमों जैसे मीडिया, यू-ट्यूब, फेसबुक, प्रिंट मीडिया, ऑनलाइन पशुपालक गोष्टी आदि के जरिए पशुपालकों को जागरूक किया जाएगा।;
हरिभूमि न्यूज : महेंद्रगढ़
राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम के तहत पशुओं में ब्रूसेला रोग का वैक्सीन अभियान की शुरुआत पूरे प्रदेश में होने जा रही है। इस वैक्सीन कार्यक्रम में पशुपालकों को जागरूक व पशुपालकों तक रोग के विषय में वैज्ञानिक तथ्यों को पहुंचाने के लिए पशु विज्ञान केंद्र द्वारा ब्रुसेल्ला महामारी वैक्सीन जागरूकता अभियान का आयोजन किया रहा है। वैक्सीन कार्यक्रम की सफलता के लिए ब्रूसेला महामारी जागरूकता अभियान हरियाणा पशु विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक डॉ. देवेंद्र यादव व डॉ. ज्योति शुंथवाल द्वारा चलाया जाएगा।
जागरूकता अभियान का उद्देश्य जिले के पशुपालकों को ब्रुसेल्ला महामारी व उसके बचाव के बारे में जागरूक करना है। कार्यक्रम के संयोजक डॉ. देवेन्द्र ने बताया कि इस जागरूकता अभियान के अंतर्गत विभिन्न माध्यमों जैसे मीडिया, यू-ट्यूब, फेसबुक, प्रिंट मीडिया, ऑनलाइन पशुपालक गोष्टी आदि के जरिए पशुपालकों को जागरूक किया जाएगा।पशुपालन एवं डेयरी विभाग के उपनिदेशक डॉ. नसीब सिंह द्वारा दी गयी जानकारी के अनुसार टीकाकरण कार्यक्रम के अंतर्गत गाय भैंसों के 4-8 महीने के केवल मादा पशुओं का ब्रूसेला टीकाकरण निशुल्क किया जाएगा। पूरे प्रदेश में पांच लाख पशुओं का टीकाकरण होगा व महेंद्रगढ़ जिले में करीब 24 हजार 200 वैक्सीन मिली हैं, जो की 4-8 माह के केवल मादा पशुओं में (बछडि़यों व कटडि़यों) में लगेंगी। सभी पशु चिकित्सकों द्वारा निर्देशानुसार इस अभियान की तैयारियां कर ली गयी हैं व इस वैक्सीन कार्यक्रम को सफलतापूर्वक करने हेतू आवश्यक निर्देश दिए जा चुके हैं।
क्या है ब्रुसेल्ला रोग : ब्रुसेल्ला महामारी पशुओं में एक खतरनाक पशु जन्य रोग हैं। जो पशुओं से इंसानों में भी लग सकती है। ब्रूसेला महामारी पशुओं में गर्भकाल के अंतिम तिमाही में गर्भपात करता है। ये महामारी न सिर्फ पशुओं में, बल्कि पशुओं से इंसानों में भी आसानी से फैल जाती है। जिससे मनुष्यों को भी संक्रमित करती है। एक अनुमान के मुताबिक पशुओं में गर्भपात से तकरीबन एक लाख या अधिक आर्थिक नुकसान पशुपालकों को विभिन्न कारणों द्वारा हो जाता है। पशुओं में ये संक्रमण एक बार होने पर उम्र भर बना रहता हैं व ये एक पशु से दूसरे पशु में आसानी से फैल जाता है। अगर ये महामारी किसी फार्म पर आती हैं तो इस वजह से पूरे फार्म पर गर्भपात होने लगते हैं। जिसे गर्भपात का तूफान कहा जाता है।
रोग से बचाव : पशुओं में इस रोग का कोई इलाज नहीं होता है, साथ ही पशु उम्र भर इस बीमारी से ग्रसित रहता है और संक्रमण का फैलाव करता रहता है। इस महामारी का एकमात्र बचाव वैक्सीन है। इस रोग के वैक्सीन के लिए 4-8 महीने की उम्र की मादा गाय भैंस को ब्रुसेल्ला वैक्सीन का टीका लगाया जाता है।
ऑनलाइन कार्यक्रमों के जरिये वैज्ञानिक पशुपालको से जुड़ेंगे : डॉ. ज्योति सूंठवाल ने बताया की ब्रूसेला टीकाकरण अभियान के जरिये ब्लॉक लेवल पर ऑनलाइन कार्यक्रमों के जरिये वैज्ञानिक पशुपालको से जुड़ेंगे व उन्हें ब्रुसेल्ला बीमारी से बचाव व रोकथाम के बारे में जानकारी देंगे।