जींद जिले को पॉलिथीन मुक्त बनाने के लिए चलाया जाएगा अभियान
इस अभियान के तहत लोगों को पॉलीथिन का उपयोग न करने बारे प्रेरित किया जाएगा और जो दुकानदार पॉलिथीन बेचते है उनके चालान काटे जाएंगे। सीईओ डा. किरण सिंह ने इस बात की जानकारी स्थानीय डीआरडीए के सभागार में स्वच्छ भारत मिशन-ग्रामीण के तहत आयोजित हुई बैठक की अध्यक्षता करते हुए दी।;
हरिभूमि न्यूज. जींद
अब जिला को अतिक्रमण मुक्त करने के साथ ही पॉलिथीन मुक्त बनाने के लिए अभियान भी चलाया जाएगा। बाकायदा जो दुकानदार पॉलीथीन बेचता हुआ मिला उसका चालान भी किया जाएगा। जिला परिषद की मुख्य कार्यकारी अधिकारी डा. किरण सिंह ने कहा कि जींद जिला को पॉलिथीन मुक्त बनाने के लिए अभियान चलाया जाएगा।
इस अभियान के तहत लोगों को पॉलिथीन का उपयोग न करने बारे प्रेरित किया जाएगा और जो दुकानदार पॉलिथीन बेचते है उनके चालान काटे जाएंगें। सीईओ डा. किरण सिंह ने इस बात की जानकारी स्थानीय डीआरडीए के सभागार में स्वच्छ भारत मिशन-ग्रामीण के तहत आयोजित हुई बैठक की अध्यक्षता करते हुए दी। इस बैठक में स्वच्छ भारत मिशन की जिला समन्यवक अंजलि, सभी खंडों के समन्यवक, आंगनवाड़ी वर्कर, चौकीदार, सफाई कर्मी तथा जींद ग्रामीण के सक्षम युवा भी मौजूद रहे।
उन्होंने बैठक में स्वच्छताग्राहियों को कैप व टीशर्ट भी वितरित की। सीईओ ने कहा कि जिस प्रकार से जींद जिला खुले में शौचमुक्त हुआ है उसी तर्ज पर अब जिले को पॉलिथीन मुक्त बनाने के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा। उन्होंने बैठक में मौजूद सभी सदस्यों से कहा कि वे ग्रामीण क्षेत्र में जाकर लोगों को पॉलिथीन की जगह जूट के थैले इत्यादि का प्रयोग करने के लिए प्रेरित करें और दूकानदारों को आगाह करें कि पॉलिथिन की बिक्री करना कानूनन अपराध है। उन्होंने कहा कि लोगों को प्रेरित करते हुए बताएं कि किसी प्रकार से पॉलिथीन, प्लास्टिक की खाली बोतलों तथा प्लास्टिक से बने अन्य सामान को किसी प्रकार से रिसाइकिल कर इसका उचित प्रबंधन किया जा सकता है। उन्होंने लोगों से भी अपील की है कि वे पॉलिथीन व खाली बोतलों समेत अन्य प्लास्टिक की चीजों को इधर-उधर फेंकने की बजाए एक जगह एकत्रित करके रखें। ऐसा करने से दो फायदे होंगे, पहला पर्यावरण प्रदूषण कम होगा वहीं दूसरा लाभ व्यक्ति को कुछ आय भी होगी।
उन्होंने प्लास्टिक की दुष्प्रभावों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इसको इधर-उधर फैंकने से बेसहारा पशु इसे निगल जाते है और जिससे पशुओं की मृत्यु भी हो जाती है। अगर इसे जमीन में दबाया जाए तो धरती बंजर भी हो सकती है। उन्होंने बीमारी से बचने के लिए लोगों से यह भी कहा है कि कभी भी प्लास्टिक के बरतनों में खाना न खाएं। ठोस एवं तरल कूड़ा-कर्कट को अलग-अलग रखें ताकि इसका सही ढंग से निष्पादन हो सके। उन्होंने घरों में सोखता गड्ढ़ा बनाने की बात कही ताकि गलियों व सड़कों पर घरों से निकलने वाला गंदा पानी न फैलें। उन्होंने सोखता गड्ढे के कई फायदे बताते हुए कहा कि इससे मच्छर मक्खी पनपने का खतरा कम हो जाता है जिससे लोग अनेक बीमारियों से बच सकते हैं।