10 माह बाद महेंद्रगढ़ अस्पताल की दो चिकित्सकों पर केस दर्ज, जानें पूरा मामला
महेंद्रगढ़ अस्पताल में डिलीवरी के दौरान बरती गई लापरवाही का आरोप लगाते हुए गांव पालड़ी के पूर्व सरपंच ने सीएमओ सहित कई जगह शिकायत की थी। आरोप लगा कि महेंद्रगढ़ अस्पताल में महिला चिकित्सक की जगह नर्स ही डिलीवरी करवा रही है।;
हरिभूमि न्यूज : नारनौल
मामला करीब 10 माह पुराना है। महेंद्रगढ़ अस्पताल में डिलीवरी के दौरान बरती गई लापरवाही का आरोप लगाते हुए गांव पालड़ी के पूर्व सरपंच ने सीएमओ सहित कई जगह शिकायत की थी। आरोप लगा कि महेंद्रगढ़ अस्पताल में महिला चिकित्सक की जगह नर्स ही डिलीवरी करवा रही है। इसी लापरवाही की वजह पुत्रवधु की डिलीवरी के दौरान बरती गई। इस मामले में शिशु की मौत हो गई। अब इस शिकायत पर महेंद्रगढ़ सिटी थाना में चिकित्सा अधिकारी डा. पिंकी रानी व डा. अनुभूति यादव के खिलाफ आईपीसी की धारा 304ए के तहत केस दर्ज किया गया है।
महेंद्रगढ़ जिला से सटे दादरी जिले के गांव पालड़ी के पूर्व सरपंच कैलाश पालड़ी ने शिकायत में बताया कि 23 जून 2020 को सुबह आठ बजे पुत्रवधु सोनू शर्मा को प्रसव के लिए महेंद्रगढ़ सरकारी अस्पताल में लेकर गया। वहां मौजूद महिला चिकित्सक से मुलाकात की। वहां लगभग शाम पांच-छह बजे प्रसव पीड़ा शुरू हुई। तब हमने ड्यूटी नर्स से जाकर स्थिति की जानकारी दी। उन्होंने चेक किया व कहा कि सब कुछ सामान्य है। अभी समय लगेगा इंतजार करें। हमने रात्रि 10 बजे नर्स को दोबारा कहा तो जांच के लिए अंदर बुलाया गया व डिलीवरी की प्रक्रिया शुरू कर दी। काफी समय लगने पर पूछा कि क्या हालात है? तब ड्यूटी नर्स ने कहा कि रात 12 बजे तक डिलीवरी होने की संभावना है। अचानक रात एक बजे के आस-पास नर्स ने बताया कि गर्भवती महिला को कहीं ओर ले जाओ।
नर्स को चिकित्सक से फोन पर बात करके बुलाने का आग्रह किया। इस पर नर्स ने जवाब दिया कि हमने तो कई बार फोन कर लिया है, परंतु फोन रिसीव नहीं कर रही है। स्टाफ से आग्रह किया कि ऑपरेशन से डिलीवरी करवा दो। उन्होंने कहा कि सुबह आठ बजे के बाद ही ऐसा संभव है। इसी दौरान नर्स फाटाफट पुत्रवधु को नीचे ले आई और सलाह दी कि बाहर प्राइवेट में डिलीवरी करवा लो। उसी समय मौजूद एंबुलेंस ड्राइवर से शरबती अस्पताल चलने के लिए कहा तो नर्स ने कहा कि ये प्राइवेट है नहीं जाएंगी। वहां तीन एंबुलेंस तैयार खड़ी थी। एक ने कहा कि आप फलाना अस्पताल में चलो वहां तुरंत डिलीवरी हो जाएगी। शरबती अस्पताल के लिए कहा तो मना कर दिया गया। वह रिश्तेदार की गाड़ी में लेकर शरबती अस्पताल गया। समय काफी लग गया। शरतबी अस्पताल में डिलीवरी नॉर्मल तो हुई परंतु शिशु को नहीं बचाया जा सका। चिकित्सक ने बताया कि बच्चे की धड़कन नहीं है। जच्चा सही है।
सीएमओ से भी लगाई थी गुहार
उसके बाद एसएमओ महेंद्रगढ़ को पूरी स्थिति की जानकारी लिखित में दी। शिकायत में कहा गया है कि 25 जून 2020 को नारनौल सीएमओ को अखबारों की कटिंग देकर कॉल किया। सीएमओ ने आश्वासन दिया कि इसकी तुरंत जांच करवाएंगे। सीएमओ को बताया कि न तो पेसेंट जोकि इस अवस्था के है, उन्हें दाखिल किया जाता है। इस तरह का मामला दो दिन पहले भी हुआ है और ड्यूटी डॉक्टर भी नहीं रहती है। ऐसी अवस्था में नर्स ही डिलीवरी करवा देती हैं व दाखिला प्रक्रिया भी सही नहीं है और ना ही पुत्रवधु का कोरोना टेस्ट करवाया गया। सीएमओ से शीघ्र ही न्याय दिलाने को कहा। इस हादसे के बाद पत्नी सदमे में है।