जहरीली शराब से मौतों का मामला : दो माह बीते, अभी नहीं हो सकी जांच पूरी, चार सप्ताह का एसआईटी चीफ ने मांगा वक्त
गृह मंत्री अनिल विज द्वारा जांच के लिए और वक्त देना भी लगभग तय है। जिसके बाद में एसआईटी टीम द्वारा इस गोरखधंधे में लगी मोटी मछलियों पर शिकंजा कसा जाना भी तय है।;
योगेंद्र शर्मा. चंडीगढ़
सूबे में जहरीली शराब से होने वाली मौतों को लेकर प्रदेश के गृहमंत्री अनिल विज द्वारा जांच के लिए गठित की गई एसआईटी की जांच दो माह बीत जाने के बाद भी पूरी नहीं हो सकी है। इस बीच एक बार फिर से इस मामले में गठित एसआईटी के मुखिया श्रीकांत जाधव ने चार सप्ताह का वक्त बढ़ाए जाने की अपील की है। गृह मंत्री अनिल विज द्वारा जांच के लिए और वक्त देना भी लगभग तय है। जिसके बाद में एसआईटी टीम द्वारा इस गोरखधंधे में लगी मोटी मछलियों पर शिकंजा कसा जाना भी तय है।
यहां पर याद दिला दें कि राज्य के कुछ हिस्सों में जहरीली शराब पीने से हुई मौत के मामले को सरकार और गृहमंत्री विज ने गंभीरता से लेते हुए एसआईटी का गठन कर दिया था। एसआईटी को जाचं के लिए दो सप्ताह का समय दिया गया था। लेकिन एसआईटी मुखिया द्वारा पहले भी दो सप्ताह का समय बढ़वा लिया गया था।
लेकिन जांच अधिकारी और एसआईटी चीफ श्रीकांत जाधव के पिता बीमार होने व बाद में स्वर्गवासी हो जाने, कोविड की चुनौती सहित कईं कारणों से एक बार फिर से मामले में एसआईटी को वक्त दिया जाना तय है।
पंजाव और हरियाणा में मौत के बाद मामला पकड़ा था तूल
हरियाणा और पंजाब में जहरीली शराब से अक्टूबर व उसके पहले हुई मौतों के बाद में मामला तूल पकड़ गया था। जिसके बाद में हरियाणा के गृहमंत्री विज ने पूरे मामले में वरिष्ठ आईपीएस अफसर श्रीकांत जाधव के नेतृत्व में ठित एसआईटी गठित कर दी थी। जांच के लिए गृह मंत्री अनिल विज से पहले दो सप्ताह पूरे हो जाने के बाद में जाधव ने दो सप्ताह का अतिरिक्त समय मांग लिया था। लेकिन अब एक बार फिर से मामले में एसआईटी चीफ चार सप्ताह का समय मांग रहे हैं। दूसरी तरफ एसआईटी की पहली मीटिंग भी नवंबर के दूसरे सप्ताह में हुई थी।
अनिल विज कोरोना पाजिटिव हुए और ठीक होने के बाद कर रहे आराम
एसआईटी चीफ ने शराब मामले में मौतों के बाद में जांच की शुरुआत कर दी थी। इसकी पहली बैठक भी 9 नवंबर को ली थी। लेकिन उसके बाद में कईं अहम कारणों से बैठक भी नहीं हो सकी है। कुल मिलाकर जांच के लिए एक बार फिर से चार सप्ताह का वक्त मांगा जा रहा है। जिस पर मुहर लगना भी तय मानकर चला जा रहा है। सूत्र बताते हैं कि एसआईटी को पूरे मामले में काफी तथ्य और सूचनाएं हाथ लगी हैं, जिनके आधार पर वे आगे बढ़ने की तैयारी में हैं। इतना ही नहीं मामले में जाधव ने सिरसा जिले के जिला आबकारी अधिकारी को जांच में सहयोग के लिए देने का सुझाव भी दिया था। जाधव के अलावा एसआईटी में अंबाला रेंज आईजी वाई पूर्ण कुमार, एसपी राजेश दुग्गल (कुरुक्षेत्र), करनाल एसपी गंगाराम पूनिया, नरेंद्र बिजानियां एसपी मेवात को शामिल किया गया था।
जिलों में फैल गया कोविडकाल के दौरान यह धंधा
जहरीली शराब बनाने वाले गिरोह भी कोविडकाल के दौरान खूूब सक्रिय रहे। रातों-रात इन्होंने अपने अवैध कारोबार को फैला लिया था। पानीपत, सोनीपत, पलवल सभी जिलों में इस तरह के मामले में जांच के दायरे में रहेंगे। गृह विभाग के एसीएस (अतिरिक्त मुख्य सचिव) राजीव अरोड़ा ने साफ कर दिया है, जहरीली शराब के मामले में पुलिस अफसर व कर्मी की कोई लापरवाही, संलिप्तता पायी गई, तो उस पर भी शिकंजा कसा जाएगा।