विधायकों को धमकी देने का मामला : एसटीएफ ने 6 आरोपियों को किया गिरफ्तार, पाकिस्तान से मिला कनेक्शन
इन मोबाइलों के तकनीकी विश्लेषण से यह तथ्य सामने आया है कि ये मिडिल ईस्ट देशों के नम्बर है व पाकिस्तान में बैठकर ओपरेट किये जा रहे हैं। जांच में सामने आया है कि सभी धमकियां व एक्सट्रोशन कॉल न तो किसी आपराधिक गैंग की है व न ही कि किसी आतंकी सगठनं की है । बल्कि यह एक प्रोफशनल आर्थिक फ्राड करने वालों का बहुत चालाक गैंग है ।;
हरियाणा के कई विधायकों को धमकी देने के मामले में एसटीएफ ने छह आराेपियों को गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तार हुए आरोपितों की पहचान दुलेश आलम पुत्र बब्लु आलम वासी गांव दमावरा थाना साठी जिला बेतिया बिहार, बदरे आलम पुत्र शाहे आलम वासी गांव बिगरा मिल थाना दुधारा जिला बस्ती यूपी इनके कब्जे से करीब 20 पास बुक / चेक बुक व इनके 18 एटीएम वा 14 फर्जी सिम व 1 डायरी व 5 मोबाईल फोन बरामद किए गए। वहीं अमित यादव उर्फ राधेश्याम कुमार यादव पुत्र जयराम यादव वासी गांव हजियापुर डाकखाना मानिकपुर थाना गोपालगंज जिला गोपालगंज बिहार, सद्दीक अनवर पुत्र मोहम्मद सफीउल्लाह वासी गांव तुरकोलिया फतेहटोला डाकखाना बंजरिया जिला मोतीहारी बिहार, सनोज कुमार पुत्र महेश पण्डित वासी गांव पोरखरेरा थाना कांटी जिला मुजफ्फरपुर बिहार , कैश आलम पुत्र बबलू आलम वासी गांव दमौरा थाना साठी जिला बेतिया बिहार गिरफ्तार किया गया। जिनके कब्जे से 2 पासबुक/चेक बुक, 2 डायरियां, 1 रजिस्टर, 42 मोबाइल सिम ,19 मोबाइल फोन, 37 एटीएम कार्ड बरामद किए।
पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि इन मोबाइलों के तकनीकी विश्लेषण से यह तथ्य सामने आया है कि ये मिडिल ईस्ट देशों के नम्बर है व पाकिस्तान में बैठकर ओपरेट किये जा रहे हैं। इसी तरीके से पंजाब के पूर्व विधायकों को भी इसी प्रकार से इन्हीं नंबरों से धमकी दी गई है। इन सभी माननीय विधायकों से अलग अलग भाषा/तरीका चैट या बातचीत की गई। जैसे बम्बइया स्टाइल या पंजाबी भाषा प्रयोग की गई। उन्होंने बताया कि आईजीपी एसटीएफ हरियाणा सतीश बालन द्वारा इन सभी मुकदमों की तफ्तीश के लिए एक एसआईटी सुमित कुमार एसपी एसटीएफ के नेतृत्व मे बनाई गई। जिसमे सन्दीप धनखड डीएसपी एसटीएफ व सुरेन्द्र किन्हा डीएसपी एसटीएफ के नेतृत्व मे एसटीएफ यूनिट की टीमे तैयार की गई।
इस ऑपरेशन को डीजीपी हरियाणा प्रशांत कुमार अग्रवाल द्वारा व्यक्तिगत तौर पर सुपरवाइज व मॉनिटर किया गया। इस विषय में पुलिस महानिदेशक, हरियाणा के द्वारा सेन्ट्रल एजेंसी की भी मदद ली गई। एसटीएफ द्वारा इन सभी मोबाइल नम्बरों व आईपी एड्रेस का तकनीकी विश्लेषण किया व सेन्ट्रल एजेंसी का भी सहयोग लिया गया। इस तकनीकी विश्लेषण मे करीब 5 टीमों ने अलग अलग कार्य किया। उन्होंने बताया कि इस कडी मे काम करते हुए एसटीएफ हरियाणा द्वारा एक रणनीतिक योजना तैयार की गई। जिस पर एसटीएफ ने एक सुनियोजित प्लान के तहत इनको पैसें देने के लिए उनके खाता नम्बर व मोबाइल नम्बर मांगें। उन खाता नम्बरों को ट्रेस करने के लिए 2 अलग अलग टीमों द्वारा मुम्बई व मुजफ्फरपुर बिहार मे रेड की गई।
अब तक आरोपियों से 55 एटीएम कार्ड, 24 मोबाइल फोन, 56 मोबाइल सिम, 22 पासबुक/चेकबुक, 3,97,000 रुपये, एक गाड़ी टाटा पंच, 3 डायरियां बरामद की गई है। ये लोग आम आदमी/गरीब व्यक्तियों से सम्पर्क करके उनको लालच देकर (15-20 हजार रुपये तक) उनका बैंक में खाता खुलवाकर उस खाते के सारे कागजात (बैंक पासबुक,चैक बुक, एटीएम कार्ड, एटीएम पासवर्ड) अपने पास रख लेते थे। साथ ही हर खाते को ओपरेट करने के लिए फर्जी सिम कार्ड खरीद लेते थे। तफ्तीश के दौरान इन दोषियों से करीब-करीब 10 ऐसे पाकिस्तान मे रहने वाले व्यक्तियों का पता लगा जिनके द्वारा धमकियां दी जाती थी व एक्सटॉरशन का पैसा मंगवाया जाता था।
उन्होंने बताया कि पूरी तफ्तीश से यह तथ्य स्पष्ट है कि ये सभी धमकीयां व एक्सटॉरशन कॉल न तो किसी आपराधिक गैंग की है व न ही किसी आतंकी संगठन की , बल्कि यह एक प्रोफेशनल आर्थिक फ्रॉड करने वालो का बहुत चालाक गैग है। जिनके साथी पाकिस्तान व मिडिल ईस्ट व भारत मे बैठे हुए है। विदेश बैठे अपराधी धमकी देकर, कौन बनेगा करोडपति या लाटरी निकलने का लालच देकर पीड़ित से पैसे निकलवाते तथा दुलेष/अमित द्वारा दिये गये बैंक खातों मे पीड़ित से पैसे डलवाते। दुलेष व अमित इन पैसों को या तो एटीएम से निकालकर या पाकिस्तान मे बैठे अपराधियों द्वारा दिये गये भारतीय बैंक खातों मे डलवाते है।
बता दें कि गुरुग्राम के सोहना से भाजपा विधायक संजय सिंह, सढौरा से कांग्रेस विधायक रेणु बाला, सोनीपत से विधायक सुरेंद्र पंवार को सफीदों से कांग्रेस विधायक सुभाष गांगोली व्हाट्सएप कॉल व मैसेज भेजकर रंगदारी मांगी गई थी। विधायकों को धमकी भरे फोन आने के बाद राज्य के गृह मंत्री अनिल विज ने जांच के लिए विशेष कार्य बल (एसटीएफ) का गठन किया था।
महाराष्ट्र व बिहार से आरोपी गिरफ्तार
मामले की जांच के लिए एक जाल बिछाया गया। जिसमें महाराष्ट्र में रह रहे दो आरोपी जाल में फंसने के बाद हिरासत में लिए गए, जो इस पूरे मामले में शामिल मिलने के बाद गिरफ्तार किए। जिनकी पहचान गुलेश आलम व बदरे आलम निवासी बिहार के रूप में हुई। दोनों आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद बिहार पुलिस से संपर्क किया गया, जहां पूरा सहयोग मिला, जहां से तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया। जिनकी पहचान अमित यादव, राधेश्याम, सनोज कुमार के रूप में हुई, जबकि चौथा आरोपी जो मिडल ईस्ट के देशों में रहकर आया था, उसकी पहचान कैश आलम के रूप में हुई है। उसे नेपाल बॉर्डर से गिरफ्तार किया है।
आरोपियों से सिम व मोबाइल बरामद
आरोपियों के कब्जे से 24 मोबाइल सैट, 57 सिम, 73 एटीएम, 24 बैंक पास बुक, दो रजस्टिर व तीन डायरियां बरामद की गई हैं। आरोपियों के मोबाइल नंबरों की कॉल डिटेल जांच गई तो उनमें में 20 नंबर पाकस्तिान व मिडल ईस्ट के देशों में भी कॉल की गई थी। इसके अलावा आरोपी देश में कॉल करने के लिए अलग सिम का इस्तेमाल करते थे, जबकि धमकी देने व पैसे मांगने के लिए अलग नंबर से कॉल करते थे। आरोपियों के कब्जे से 3.97 लाख रुपए, एक गाड़ी टाटा पंच भी बरामद हुई हैं।
सेंट्रल एजेंसियों का लिया सहयोग
एसटीएफ के आईजी सतीश बालन ने बताया कि इस मामले की जांच में डीजीपी हरियाणा पीके अग्रवाल ने सेंट्रल एजेंसियों की भी मदद ली। वहीं एसटीएफ ने इन सभी मोबाईल नंबरों व आईपी एड्रेस का तकनीकी वश्लिेषण किया और सेंट्रल एजेंसी का भी सहयोग लिया। इस तकनीकी विशलेषण मे करीब 5 टीमों ने अलग अलग जम्मिेवारी सौंपी गई थी। एसटीएफ ने सुनियोजित प्लान के तहत पैसे देने के लिए उनके खाता नंबर व मोबाइल नंबर मांगे गए। उन खाता नम्बरों को ट्रैस करने के लिए दो अलग-अलग टीमों ने मुम्बई व मुजफ्फरपुर बिहार में छापेमारी की।
विधायकों के अलावा अन्य को भी मिली धमकी व प्रलोभन
एसटीएफ की जांच में पता चला है कि केवल विधायकों को ही नहीं काफी अन्य लोगों को भी इस तरह की धमकी देकर पैसा वसूली की जा रही है। इस मामले में 24 बैंक खातों की जांच की गई, जिनमें रोजाना हजारों रुपए की ट्रांजेक्शन की जा रही है। एसटीएफ ने आरोपियों से भारी मात्रा में मोबाइल सिम, मोबाइल, नगदी व अन्य कागजात बरामद हुए हैं। इन नंबरों के जरिए पाकस्तिान व मिडल ईस्ट से लोगों को धमकी भी देते वहीं प्रलोभन के जरिए भी ठगी करते।